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उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिरों के समय में बढ़ती ठंड के चलते परिवर्तन किया गया है। जिससे दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु उचित समय में भगवान कृष्ण के दर्शन कर पाएं। साथ ही भगवान कृष्ण को ठंड से बचाने के लिए कई इंतजाम भी किए। पहले श्रद्धालु सुबह 6.30 बजे से रात नौ बजे तक दर्शन करते थे। लेकिन अब श्रद्धालु श्रीगभर्गृह मंदिर के दर्शन सुबह 6.30 बजे से रात 8.30 बजे तक कर सकेंगे। साथ ही भागवत भवन और अन्य मंदिर के दर्शन सुबह 6.30 बजे से शुरु होकर दोपहर एक बजे तक होंगे। फिर शाम को दोपहर तीन बजे से रात 8.30 बजे तक होंगे। इससे पहले यह दर्शन शाम चार बजे से रात नौ बजे तक होते थे।
कान्हा को सर्दी से बचाने के हुए इंतजाम-
आपको बता दे कि ब्रजभूमि में भगवान कृष्ण के प्रति प्रेम और भक्ति का अनोखा अंदाज देखने को मिलता है। यहां भगवान को एक बालक के रूप में देखा जाता है और उनका पालन-पोषण किया जाता है। जैसे एक मां अपने बच्चे को सर्दी से बचाने के लिए उसे गर्म कपड़े पहनाती है, ठीक उसी तरह ब्रजभूमि के सेवायत भी भगवान कृष्ण को सर्दी से बचाने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं। सोमवार को बारिश होने के बाद सेवायत भी भगवान कृष्ण को सर्दी से बचाने में जुट गए। उन्होंने भगवान कृष्ण को सुहाग सोंठ का भोग लगाया। सुहाग सोंठ एक गर्म पदार्थ है जो सर्दी से बचाव में मदद करता है। इसके अलावा, सेवायत ने भगवान कृष्ण को गर्म कपड़े भी पहनाएं।
प्रभु के प्रसादों की बदली गई सूची-
वहीं दानाघाटी मंदिर के सेवक विष्णु शर्मा ने बताया कि बढ़ती ठंड से गिरिराज बीमार न पड़ जाएं, इसके लिए शयन के समय मखमली रजाई का प्रयोग किया जा रहा है। भगवान का सर्दी से बचाव करने को भक्त तमाम प्रयास कर रहे है। सुबह लगने वाली ठंड से बचाव को प्रभु की सेवा में देसी नुस्खा सुहाग-सोंठ का सेवन कराया जा रहा है। सुहाग-सोंठ में गरम मसालों का प्रयोग किया जाता है। इस दौरान मुकुट मुखारविंद मंदिर रिसीवर कपिल चतुर्वेदी ने बताया कि मंगला आरती के समय प्रभु को सुहाग-सोंठ का भोग लगाया जाता है। मंगला के बाद मेवा युक्त गरेम खिचड़ी बाल भोग में शामिल की जाती है। प्रभु के प्रसाद में आने वाले पदार्थों की सूची बदल दी गई है। प्रभु के अभिषेक में केसर युक्त दूध रबड़ी का प्रयोग किया जा रहा है।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 November, 2023, 12:37 pm
Author Info : Baten UP Ki