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औद्योगिक के साथ ही धार्मिक नगरी के तौर पर जाना जाने वाला कानपुर जल्द पर्यटन के नक्शे पर अपनी अलग पहचान बनाएगा। कानपुर को रामायण सर्किट से जोड़ने और काशी की तर्ज पर धार्मिक नगरी का संपूर्ण विकास जल्द ही धरातल पर दिखाई देगा। यहां के लव कुश गंगा बैराज पर गंगा सरोवर और शहर के देव स्थलों का संरक्षण कर उनका संवर्धन किया जाएगा। यह बातें मानस संगम की ओर से आयोजित तुलसी जयंती के 42वें समारोह में यूपी के पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह ने कहीं।
कानपुर की कला और विरासत देश-दुनिया में प्रसिद्ध-
तुलसी उपवन में धूमधाम से आयोजित तुलसी महोत्सव में रामचरितमानस के रचयिता तुलसी के गुणगान और प्रभु श्री राम के जयकारों से उपवन गूंज उठा। समारोह में मौजूद हर तन और मन राममय हो गया । समारोह की शुरुआत पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री जयवीर सिंह ने उपवन में लगी तुलसी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की। उन्होंने कहा कि कानपुर की कला और विरासत देश-दुनिया में चर्चित है। इसका संपूर्ण विकास कर इसे पर्यटन नक्शे पर स्थापित किया जाएगा। यहां के पर्यटन स्थलों को रामायण सर्किट से जोड़ने की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यहां के कलाकारों को पेंशन देकर उनका सम्मान किया जाएगा और युवा पीढ़ी को इस दिशा में बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा। पर्यटन मंत्री ने कहा कि काशी दुनियाभर में भारत का प्रतीक बन गया है। उत्तर प्रदेश में कानपुर को भी पर्यटन के नक्शे पर स्थापित किया जाएगा।
गंगा सरोवर का दिया गया प्रस्ताव-
तुलसी जयंती के अवसर पर मानस संगम की ओर से पर्यटन एवं सांस्कृतिक मंत्री को गंगा बैराज में गंगा सरोवर और शहर के देव स्थलों के उत्थान का प्रस्ताव मानव संगम के संयोजक बद्रीनारायण तिवारी, विजय नारायण तिवारी, अभिनव नारायण तिवारी, राधव नारायण तिवारी,पॉजिटिव इंडिया फाउंडेशन के मुख्य न्यासी डॉ प्रदीप दीक्षित ने दिया। इस मारोह में कवि अनिल दीक्षित, मुकेश श्रीवास्तव और डॉक्टर सुरेश अवस्थी ने प्रभु श्रीराम और तुलसीदास के गुणगान का काव्य पाठ किया।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 August, 2023, 4:12 pm
Author Info : Baten UP Ki