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गोरखपुर में टेराकोटा की कला बहुत प्रसिद्ध है। यह कला कई पीढ़ियों से चली आ रही है और यहां पर बने दीयों को देशभर में खूब पंसद भी किया जाता है। वहीं इस बार देव दीपावली पर काशी को टेराकोटा के दीयों से सजाया जाएगा। इस अवसर पर काशी में 5 लाख टेराकोटा के दीये जलाए जाएंगे। साथ ही घाटों के किनारे हवन कप भी जलाएं जाएंगे। देव दीपावली पर जलने वाले दिए हाथ से बनाए गए हैं और इनमें बहुत बारीक कारीगरी की गई है। इन दीयों को देखने के लिए देश-विदेश से लोग काशी आएंगे और गोरखपुर की कला और संस्कृति को दुनिया भर में पहचान मिल पाएगी। साथ ही इन दीयों की पहल से काशी की गंगा नदी को भी प्रभावित होने से रोका जा सकेगा।
आपको बता दे कि काशी में हर साल देव दीपावली पर एक अदभुत ही नजारा देखने को मिलता है। हर साल यहां देव दीपावली पर लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है और इनके साथ साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी हर साल यहां देव दीपावली पर भगवान शिव की पूजा करने के बाद गंगा नदी में दीपक जलाते हैं। ऐसे में इस बार देव दीपावली का समारोह बहुत ही भव्य होने वाला है। यह एक ऐसा अवसर है जब काशी की खूबसूरती और बढ़ जाएगी।
बता दे कि इस बार सीएम योगी गोरखपुर की महिलाओं के हाथों से बने गोबर के हवन कप और टेराकोटा के दीये भी जलाए जाएंगे। जो काशी की खूबसूरती में चार चांद लगा देगा। जिसकी तैयारियों को लेकर देव दीपावली पर हवन कप जलाने के लिए गोरखपुर से 2 से 3 हजार के क्वांटिटी में काशी भेजे गए हैं साथ ही 5 लाख दीये भेजे गए हैं। जिसमें से इस हवन कप की सबसे खास बात यह है कि यह हवन कप बेहद शुद्ध और साधारण है। जिसे जलाने के बाद गंदगी नहीं होती और गंगा में प्रभावित किया जा सकता है।
इसी के साथ आपको बताते चले कि गोरखपुर के टेराकोटा में बनाये जाने वाले दीयों में गोरखपुर की मिट्टी का उपयोग किया जाता है। यह मिट्टी बहुत मुलायम होती है और इससे बनने वाले दीये बहुत मजबूत होते हैं। साथ ही इन दीयों को बनाने के लिए प्राचीन तकनीकों का भी उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं ये दीये बहुत ही आकर्षक और सुंदर होते हैं और यहां पर बनने वाले शिल्प को देश-विदेश के लोग खरीदने आते हैं, साथ ही इन शिल्पों को कई प्रदर्शनियों में प्रदर्शित भी किया जाता है और जिसे लोग खूब पंसद भी करते हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 October, 2023, 2:18 pm
Author Info : Baten UP Ki