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भारत में प्राचीन काल से ही तीर्थाटन यानि धार्मिक पर्यटन की परंपरा रही है। इसकी वजह से धार्मिक पर्यटन अपने आप में एक बड़ा व्यवसाय बन चुका है। पर्यटन के मामले में उत्तर प्रदेश ने लंबी झलांग लगाते हुए तामिलनाडु को भी पीछे छोड़ दिया है। दरअसल धार्मिक नगरी काशी और मथुरा ने नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसे तमिलनाडु के कीर्तिमान को ध्वस्त कर दिया है। पिछले एक वर्ष के दौरान तमिलनाडु के विभिन्न शहरों में जहां 22 करोड़ पयर्टक पहुंचे हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के सिर्फ दो शहरों काशी और मथुरा में 23 करोड़ पर्यटक आए हैं। यह धार्मिक पर्यटन का सर्वाधिक आंकड़ा है। यानी धार्मिक यात्रा में पहली बार यूपी नंबर वन बना है।
तमिलनाडु और यूपी में पर्यटकों की संख्या-
आंकड़ों पर नजर डाले तो जहां रामेश्वरम में 10 करोड़ पर्यटक पहुंचे, धनुषकोड़ी में 04 करोड़, कन्याकुमारी में 7 करोड़, वन्य अभ्यारण्य में एक करोड़ वहीं उत्तर प्रदेश के काशी में काशी में 12 करोड़ पर्यटक, मथुरा में 11 करोड़, अयोध्या में 6 करोड़ और प्रयागराज 2.5 करोड़ पर्यटक धार्मिक पर्यटन करने पहुंचे हैं।
पर्यटन को बढ़ाने के लिए कई काम कर रही सरकार-
उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाने के लिए योगी सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है। अध्यात्म, धार्मिक और ईको टूरिज्म के लिए सरकार ने कई योजनाए चलाई हैं जिसका लाभ प्रदेश को मिलता दिखाई देने लगा है। भारत में सबसे ज्यादा टूरिस्ट डेस्टिनेशन यूपी में हैं। राम का जन्मस्थान, कृष्ण की नगरी, शंकर की नगरी, कपिल वस्तु, निषादराज, भगवान बुद्ध की नगरी, वेदों की रचना जहां हुई वो पवित्र स्थान नैमिषारण्य... ये सब जगहें उत्तर प्रदेश में ही हैं। सरकार इन स्थलों पर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने के लिए कई योजनाए चला रही है। यूपी सरकार रोड और एयर कनेक्टिविटी पर सबसे ज्यादा फोकस कर रही है। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बन रहा है। इसके साथ ही सरकार 12 सर्किट हाउस तैयार करवा रही है। यूपी सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि उन्होंने टूरिज्म से आयुष और वन विभाग को भी जोड़ा है जिससे यहां आने वाले लोग भारत के आयुर्वेद और उसकी थैरेपी का लाभ भी लें सकें।
धार्मिक महत्व वाले शहरों के विकास के लिए खास योजना-
पर्यटन को बढ़ावा देने में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यूपी के प्रमुख धार्मिक महत्व वाले शहरों के विकास के लिए महत्वपूर्ण कार्ययोजना तैयार कर रही है। जिसके जरिए तीर्थयात्रियों को ठहरने व घूमने की बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।अब नगर विकास विभाग इसके लिए खास योजना तैयार करा रही है। पहले चरण में फिलहाल चार शहरों में अवस्थापना एवं सार्वजनिक सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इनमें विन्ध्यांचल धाम से जुड़े मिर्जापुर, कृष्ण की जन्म स्थली मथुरा, भगवान श्रीराम से जुड़े चित्रकूट और मां शाकुम्भरी धाम से जुड़े सहारनपुर शामिल हैं।
धार्मिक स्थानों को सजाने-संवारने की योजना-
कार्ययोजना में शहरों की बुनियादी सुविधाएं दुरुस्त करेन के साथ ही धार्मिक स्थलों के विकास पर फोकस किया जाएगा। इन शहरों में भवनों और धार्मिक स्थानों को सजाने-संवारने के के साथ ही अवस्थापना सुविधाओं का विकास कराया जाएगा। योजना का खाका तैयार करने के लिए वास्तुविदों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिसमें लखनऊ के ही वास्तुविद मेसर्स एएनबी कंसलटेंट का चयन किया गया है।
Baten UP Ki Desk
Published : 2 September, 2023, 1:59 pm
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