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अयोध्या के संग्रहालय मंदिर में शामिल हों भगवान राम से जुड़ी परंपराएं

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह से प्रयासरत है इसी कड़ी में योगी ने विरासत संपत्तियों के मूल गौरव को पुनर्स्थापित करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या आने वाले श्रद्धालु भगवान श्री राम और उनकी परंपराओं को जानना चाहते हैं। इसलिए अयोध्या में संग्रहालय मंदिर के निर्माण के दौरान भगवान श्रीराम से संबंधित परंपराओं का समावेश किया जाए। संग्रहालय में रामलीला और रामायण के विभिन्न दृश्यों का अंकन किया जाना चाहिए।बुधवार को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर पर्यटन विभाग की ओर से प्राचीन धरोहर भवनों के पुनः उपयोग और अयोध्या में प्रस्तावित संग्रहालय मंदिर में कॉन्प्लेक्स टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया गया। 

प्रदेश में पर्यटन की असीम संभावनाओं का हो उपयोग-

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं जिनका उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विरासत संपत्तियों के मूल गौरव को स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है। इसमें निजी निवेश का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में लखनऊ की छतर मंजिल, कोठी गुलिस्तान ए इरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन-उद-दौला के साथ ही मिर्जापुर का चुनार किला, बरसाना का जल महल, कानपुर का शुक्ला तालाब, बिठूर की टिकैतराय बारादरी असंरक्षित विरासत संपत्तियों को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बनाए जा रहे गेटवे कॉन्प्लेक्स में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए। इसके साथ ही पंचकोशी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग को इस प्रकार विकसित किया जाए कि वहां पर प्राकृतिक सौंदर्य बना रहे और यहां आने वाले श्रद्धालुओं को अयोध्या की प्राचीन विरासत का ऐहसास हो।

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