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टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित होगी बाराबंकी की भगहर झील, बढ़ेगा रोजगार

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सैर-सपाटा करने वाले लोगों को लखनऊ के नजदीक एक और सुंदर स्थान मिलने वाला है। जनपद बाराबंकी के विश्वविख्यात महादेवा मंदिर के नजदीक स्थित भगहर झील को पर्यटन विभाग ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेगा। यह झील 84 हेक्टेअर क्षेत्र में फैली हुई है। इसका सौन्दर्यीकरण कराकर पर्यटकों के लिए उपयोगी बनाया जायेगा। इसके लिए लगभग 5 करोड़ रुपये का डीपीआर स्वीकृति के लिए शासन को भेजा गया है। यह झील अत्यधिक प्रचीन है, इसमें विभिन्न प्रजाति के जलीय जीव के अलावा देशी-विदेशी दुर्लभ प्रजाति के पक्षी भ्रमण करते रहते हैं। इसके आसपास बुनियादी सुविधाओं के विकास किये जाने से झील का संरक्षण भी होगा तथा पक्षी प्रेमियों एवं पर्यटकों के लिए एक पसंदीदा स्थल भी उपलब्ध होगा।

महादेवा मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा घूमने का स्थान-

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि प्रसिद्ध महादेवा मंदिर लखनऊ व बाराबंकी के करीब है। भारी संख्या में श्रद्धालु विभिन्न अवसरों पर मंदिर के दर्शन एवं पूजन के लिए आते रहते हैं। पर्यटन विभाग अब इस झील को ईको पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए तैयार है। यहां पहले से बागवानी है, इसके पास से पाथवे बनाया जाएगा। इतना ही नहीं झील के भीतर और किनारे वाकवे बनाया जाएगा। बच्चों के लिए खेल स्थल बनेगा। इस स्थान पर झूले भी लगाए जाएंगे। पर्यटक आएंगे तो उनके लिए खाने-पीने की सुविधा होगी, इसके लिए पर्यटन विभाग द्वारा कैंटीन भी बनायी जायेगी। इस झील में विदेशी पक्षी भी खूब आते हैं, इसलिए मिट्टी का टिला भी बनायी जाएगी। झील के किनारे सीढ़ियां बनी हैं, इंटरप्रेटेशन सेंटर, गजिबो, वाच टावर समेत अन्य सुविधाएं हैं। ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी।
ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद भगहर झील के भ्रमण करने वालों की संख्या बढ़ जाएगी। राज्य सरकार ईको पर्यटन को बढ़ावा देने का निर्णय लिया है। इसके लिए ईको पर्यटन विकास बोर्ड का गठन भी किया गया है। राज्य सरकार प्रदेश में स्थित अल्पज्ञात स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन के लिए उपयोगी बना रही है। कानून व्यवस्था में अमूलचूल सुधार और आवागमन के सर्वोत्तम साधन विकसित हो जाने से पर्यटन सेक्टर में निवेश के लिए निवेशक रूचि जाहिर कर रहे हैं। इस क्षेत्र में विकास करने से जहां रोजगार के साधन उत्पन्न होंगे वहीं राज्य के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।

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