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(Special Story) काफी समय से विवादों में घिरी संस्था भारतीय कुश्ती महासंघ पर आखिरकार सरकार ने बड़ा एक्शन ले लिया है। खेल मंत्रालय ने WFI को किया सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष बने संजय सिंह की मान्यता भी रद्द हो गई है। आपको बता दें कि हाल ही में डब्ल्यूएफआई यानी भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए थे, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत हुई थी। संजय सिंह भारतीय कुश्ती महासंघ के नए चीफ बन गए थे। जिसके बाद से लगातार बवाल हो रहा है। पहलवानों ने इसका काफी विरोध किया है। वहीं दूसरी ओर बृजभूषण और संजय सिंह की पहलवानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया भी जारी थी। लेकिन अब खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई पर बड़ा एक्शन ले लिया है। उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ को ही निलंबित कर दिया है।
खेल मंत्रालय का सख्त एक्शन-
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खेल मंत्रालय ने WFI की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को निलंबित कर दिया है। साथ ही नए अध्यक्ष की मान्यता रद्द की गई है। न्यूज एजेंसी ANI ने सोशल मीडिया साइट X पर ये जानकारी दी है। नवनिर्वाचित अध्यक्ष संजय सिंह की ओर इस वर्ष के अंत से पहले नंदिनी नगर, गोंडा (यूपी) में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन की घोषणा के बाद केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित कर दिया है।
एक्शन पर खेल मंत्रालय का बयान-
सरकार का कहना है कि WFI के संविधान के अनुच्छेद फेडरेशन की सामान्य परिषद और कार्यकारी समिति की बैठकें बुलाना। ऐसा लगता है कि महासचिव ईसी की उक्त बैठक में शामिल नहीं हुए हैं जो बिना किसी सूचना या कोरम के आयोजित की गई थी। नवनिर्वाचित निकाय खेल संहिता की पूर्णतः अवहेलना करते हुए पूर्व पदाधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में है। इतना ही नहीं खेल मंत्रालय ने अपने बयान में WFI के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर भी सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि फेडरेशन का कारोबार पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण वाले परिसर से चलाया जा रहा है। जो कथित परिसर भी है जिसमें खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। वर्तमान में अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है।
कुश्ती संघ के निलंबन पर बोले बृजभूषण शरण सिंह-
केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ की नवनिर्वाचित संस्था के पूर्व WFI प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने खेल मंत्रालय के फैसले पर कहा है कि SC के आदेश पर चुनाव संपन्न हुआ था।"संजय सिंह मेरे रिश्तेदार नहीं हैं... ,मैं क्षत्रिय हूँ वो भूमिहार हैं। नंदिनी नगर में अंडर-15 और अंडर-20 नेशनल आयोजित करने की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई थी कि खेल आयोजन फिर से शुरू हों...
खेल मंत्रालय के फैसले पर बोले संजय सिंह-
WFI के नए अध्यक्ष बने संजय सिंह खेल मंत्रालय के फैसले पर आश्चर्य जताया है। उन्होंने कहा- खेल मंत्रालय ने जो भी निर्णय लिया है। मैं इसका स्वागत करता हूं। मगर मैं इस फैसले से आश्चर्य चकित हूं। मैं खेल मंत्रालय से इस बारे में पूछूंगा। संजय सिंह ने कहा- मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं।
साक्षी मलिक संन्यास के फैसले पर दोबारा करेंगी विचार-
आपको बता दें कि खेल मंत्रालय के इस फैसले पर प्रतिक्रयाएं भी सामने आने लगी हैं जिनके मुताबिक साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक ने फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा- मेरी बेटी कुश्ती से संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री रखकर आए पहलवान बजरंग पुनिया ने भी सम्मान वापस लेने की बात कही है। गौरतलब है कि बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत के विरोध में ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। इसके साथ ही पहलवान बजरंग पुनिया ने भी पद्मश्री लौटा दिया था। गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी।
फैसले पर क्या बोले बजरंग पुनिया-
कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद सक्रिय भूमिका निभाने वाले पहलवान बजरंग पूनिया बजरंग पूनिया ने कहा, ''यह सही निर्णय लिया गया है। जो हमारी बहन-बेटियों के साथ अत्याचार हो रहा है उसके खिलाफ संबंधित लोगों को पूरी तरह से हटाया जाना चाहिए। हमारे ऊपर कई इल्जाम लगाए गए। राजनीति की गई जब हम पदक जीतते हैं तो देश के होते हैं। हम खिलाड़ी कभी भी जात-पात नहीं देखते। एक साथ एक थाली में खाते हैं। हम अपने तिरंगे के लिए खून-पसीना बहाते हैं। सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा मेहनत कोई नहीं करता। हमें देशद्रोही कहा गया। हम ऐसे नहीं हैं। हमें पुरस्कार जीतने पर मिला। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण कर सकते हैं।
गोंडा में जूनियर नेशनल टूर्नामेंट की घोषणा, बनी वजह-
भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष संजय की जीत के बाद बृजभूषण के बेटे ने कहा था कि हमारा दबदबा पहले था और आगे भी रहेगा। जिसके बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी। गोंडा भाजपा के सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है। रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है। क्योंकि इस चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा के बाद साक्षी मलिक ने सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा- मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं। वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके कहती हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में आयोजन करवाने का फैसला लिया है।
संजय सिंह बने थे WFI के नए अध्यक्ष-
भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव हुए थे, जिसमें बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह की जीत हुई थी उन्होंने पहलवान अनीता श्योराण को कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद के चुनाव में हराया था। लेकिन अब देश के खेल मंत्रालय की ओर से एक बड़ा फैसला लिया गया है। खेल मंत्रालय में भारतीय कुश्ती महासंघ को निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही हाल ही में हुए कुश्ती महासंघ के चुनाव खारिज हो गए हैं।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 24 December, 2023, 11:55 am
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...