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भारतीय टीम के अनुभवी गेंदबाज मोहम्मद शमी का नाम आज हर किसी की जुबान पर है। मो. शमी ने क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में न्यूजीलैंड और भारत के बीच खेले गए सेमीफाइनल में अपनी शानदार गेंदबाजी से बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर दिया है। मो. शमी ने मैच में 7 विकेट लिए और प्लेयर ऑफ़ द मैच भी उन्हें घोषित किया गया। शमी आज अपने करियर की बुलंदियों पर हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके जीवन में एक समय ऐसा था जब वे बहुत परेशान थे, उन्होंने खुदकुशी करने तक का प्रयास किया था। थोड़ा करीब से जानते हैं कि उनके जीवन में कौन-कौन से उतार चढ़ाव आए, इस सफ़र में कौन उनके साथ रहा और किसने उनका साथ बीच राह में ही छोड़ दिया..
अमरोहा से शुरू हुआ सफर-
मो. शमी का जन्म उत्तर प्रदेश के अमरोहा में 03 सितंबर 1990 को हुआ था, उन्होंने 06 जनवरी 2013 में दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे डेब्यू किया था। मो. शमी अभी तक 100 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं और 99 पारियों में 194 विकेट अपने नाम कर चुके हैं। इसी तरह से 64 टेस्ट मैचों में उन्होंने 229 विकेट लिए हैं। टीम के इस सफलतापूर्वक सफ़र में यूपी के अमरोहा के ही एक छोटे से गांव सहसपुर अलीनगर के बेटे मो. शमी हर किसी के लिए आज हीरो बन गए हैं। उनके पिता तौसीफ अली खेती का काम किया करते थे, लेकिन उन्हें शुरुआत से ही क्रिकेट में काफी रुचि रही। शमी को गेंदबाजी में मिली कामयाबी में उनके पिता का बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता खुद गेंदबाजी का शौक रखते थे, लेकिन गरीब परिवार में जन्मे तौसीफ ने जिम्मेदारियों के बीच अपना सपना त्याग दिया। एक समय में उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि यह उनकी किस्मत में नहीं है। तौसीफ अली के चार बेटे थे जिनमें से एक मो. शमी हैं। मो. शमी जैसे-जैसे बड़े हुए उन्हें अपने बेटे में अपने इस सपने को पूरा करने की उम्मीद दिखने लगी, उन्होंने सोचा कि मेरा बेटा मेरे इस सपने को पूरा करेगा। शमी के पिता आज इस दुनिया में तो नहीं हैं, लेकिन मो. शमी को नाम, रूतबा और कामयाबी दिलाने की कई कहानियों को आज भी दुनिया याद करती है।
पिता ने खेत में बनवाया पिच-
शमी के पिता ने अपने बेटे के लिए खेत में ही एक सीमेंट की पिच बनवा दी थी। इसके बाद 15 साल तक दोनों ने खूब ट्रेनिंग की और 15 साल की उम्र में उनके पिता शमी को उत्तर प्रदेश की अकादमी लेकर गए, लेकिन काबिलियत के बावजूद उनका अंडर-19 में सेलेक्शन होने से रह गया। इस वक्त उनका दिल टूट गया। इसके बाद उनके कोच ने उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें कोलकाता भेजा गया। शमी ने कोच की सलाह के बाद उन्होंने डलहौजी क्रिकेट क्लब के लिए खेलना शुरू कर दिया। उनके सफ़र को नज़दीक से देखे तो यहां तक का मो. शमी का सफ़र आसान नहीं था।
कई तरह के आरोपों में घिरे शमी-
पिछले कुछ वर्षों में शमी कई तरह के आरोपों और विवादों से घिरे रहें. हम बात कर रहे हैं साल 2015 की जब वर्ल्ड कप के बाद चोट से वापसी कर रहे शमी की पर्सनल लाइफ में बहुत उथल-पुथल मची हुई थी। लेकिन उनकी किस्मत में कुछ और ही लिखा था.. मो. शमी को उनके परिवार का साथ मिला और धीरे धीरे वह बुरे हालातों से निकलकर वह बाहर आ गए। मो. शमी ने मॉडल और चीयरलीडर हसीन जहां से साल 2014 में शादी की थी और दोनों की बेटी है, फिलहाल दोनों अलग रह रहे हैं। दोनों के बीच साल 2018 में पारिवारिक विवाद की बात सामने आई थी। हसीन ने शमी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ घरेलू हिंसा और व्यभिचार के अलावा हत्या का प्रयास, आपराधिक धमकी समेत कई आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। जिसमें शमी के बड़े भाई के खिलाफ भी दुष्कर्म का आरोप लगा था। हालांकि इन सभी आरोपों से शमी ने इनकार किया था और उन्हें क्रिकेट टीम से वंचित करने की साजिश करार दिया था। खैर, घरेलू हिंसा के मामले में 02 सितंबर 2019 को कोलकाता की एक अदालत ने शमी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, हालांकि 09 सितम्बर को डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने वारंट पर रोक लगा दी थी।
पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप-
इन सब के बीच हसीन ने यह भी दावा किया था कि शमी मैच फिक्सिंग में भी शामिल थे। इन आरोपों के बाद बीसीसीआई ने भी शमी को अपनी राष्ट्रीय अनुबंध सूची से हटा दिया था। बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने इन आरोपों की जांच की और को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त कर दिया। इसके साथ ही बीसीसीआई ने उनका राष्ट्रीय अनुबंध बहाल कर दिया। फिलहाल दोनों का तलाक केस अदालत में लंबित है। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी कि इस बीच शमी ने एक-दो नहीं, बल्कि तीन बार सुसाइड करने की कोशिश की। बात साल 2020 की है जब कोरोना काल के दौरान शमी ने इंस्टाग्राम लाइव पर खुद सुसाइड का ख्याल आने वाली बात कही थी। उन्होंने कहा था कि मैं 2015 वर्ल्ड कप में चोटिल हो गया था। इसके बाद टीम में मुझे वापसी करने में मुझे 18 महीने का समय लग गया और यह दौर मेरे जीवन का सबसे मुश्किल दौर था। इन सब के बीच आईपीएल के 10 दिन बचे थे इसी बीच उनका एक्सीडेंट हो गया। शमी ने इस बीच यह भी कहा था कि अगर मेरे परिवार का साथ मुझे नहीं मिलता तो मैं क्रिकेट छोड़ देता। मैंने तीन बार खुदकुशी करने के बारे में सोचा था। वह दौर ऐसा था जब मुझ पर नज़र रखने के लिए मेरे परिवार में से किसी को मेरे पास बैठना होता था। मेरा घर 24वीं मंजिल पर था और मेरे घरवालों को लगता था कि मैं कहीं अपार्टमेंट से कूद न जाऊ।
रिकॉर्ड जो रहे शमी के नाम-
अब ज़रा वर्ल्ड कप के दौरान उनके नाम पर बनाने वाले रिकॉर्ड को भी जान लेते हैं जो शमी ने बनाए हैं। हाल ही में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत ने सेमिफिनल मैच खेला था, इस दौरान वनडे वर्ल्ड कप के एक सीजन में किसी भारतीय द्वारा लिए गए सबसे अधिक विकेट लेने का रिकॉर्ड मो. शमी के नाम दर्ज हो गया है। कीवी टीम के खिलाफ 57 रन देकर सात विकेट लेने वाले शमी ने इस टूर्नामेंट में छह मैचों में 23 विकेट लिए हैं। मो. शमी ने साल 2011 वर्ल्ड कप के दौरान जहिर खान के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने अपनी संघर्ष भरी कहानी से युवाओं के लिए एक बड़ा सन्देश दिया है कि कभी भी जिंदगी में हार नहीं माननी चाहिए। अगर आपका लक्ष्य बिल्कुल साफ है तो उसे हासिल करना नामुमकिन नहीं।
Baten UP Ki Desk
Published : 18 November, 2023, 5:54 pm
Author Info : Baten UP Ki