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आज से 28 साल पहले 157.8 किमी प्रतिघंटा की गेंद फेंकने वाले पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज डेविड जॉनसन ने आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उन्होंने अपने अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी। उनकी मौत की खबर से भारतीय क्रिकेटरों में शोक है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि जॉनसन गलती से फिसल गए या इसमें अन्य कारक शामिल हैं।
चौथी मंजिल से गिरकर हुई मौत-
जॉनसन 52 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं। जॉनसन अपने घर के पास एक क्रिकेट अकादमी चला रहे थे। उनकी तबीयत सही नहीं चल रही थी। केएससीए अधिकारी ने बताया, 'हमें सूचित किया गया कि वह अपने अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से गिर गए हैं। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस के मुताबिक पूर्व भारतीय क्रिकेटर डेविड जॉनसन गुरुवार को अपने अपार्टमेंट के बाहर मृत पाए गए। ऐसा माना जा रहा है कि 52 वर्षीय डेविड जूड जॉनसन कोथनूर के कनक श्री लेआउट में अपने अपार्टमेंट से गिर गए, जिससे आत्महत्या का संदेह पैदा हो गया। पुलिस ने बताया कि आगे की जांच जारी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि क्रिकेटर पिछले कुछ समय से अस्वस्थ थे।
क्रिकेट एकेडमी चलाते थे जॉनसन-
पूर्व तेज गेंदबाज जॉनसन के परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं। क्रिकेटर ने 1996 में भारत के लिए दो टेस्ट मैच खेले थे। बता दें कि वह कर्नाटक की उस टीम का हिस्सा थे, जिसमें अनिल कुंबले, वेंटकेश प्रसाद, डोडा गणेश और जवागल श्रीनाथ दोनों खेलते थे। उन्होंने कुल 39 फर्स्ट क्लास मैच खेले। वह अपने घर के पास ही एक क्रिकेट एकेडमी चलाते थे।
ऐसा रहा डेविड जॉनसन का करियर-
साल 1971 में पैदा हुए जॉनसन ने 39 प्रथम श्रेणी मैच खेले, जिसमें 125 विकेट लिए और 33 लिस्ट-ए मैचों में कर्नाटक के लिए 41 विकेट लिए। उन्होंने 1992-93 सीजन में डेब्यू किया और 2001 में अपना अंतिम घरेलू सीजन खेला। जॉनसन को 1996 में चोटिल जवागल श्रीनाथ की जगह भारत में टीम में जगह मिली थी। तब उन्हें घरेलू सर्किट में लगातार अच्छे प्रदर्शन के दम पर 1996 में फिरोजशाह कोटला में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकमात्र टेस्ट के लिए टीम में शामिल किया गया था। इसमें 1995-96 के रणजी ट्रॉफी सत्र में केरल के खिलाफ 152 रन देकर 10 विकेट भी शामिल थे। जॉनसन की दूसरी और अंतिम टेस्ट उपस्थिति उसी वर्ष दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर आई, लेकिन उन्होंने उस सीरीज में वह केवल एक टेस्ट खेल पाए। इस दौरान उन्होंने हर्शल गिब्स और बीरन मैकमिलन के विकेट लिए।
पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने जताया शोक-
भारत के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने एक्स पर लिखा-मेरे क्रिकेट साथी डेविड जॉनसन के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना। बहुत जल्दी चले गए बेनी! उल्लेखनीय है कि उन्होंने कर्नाटक के लिए डोमेस्टिक क्रिकेट खेला। उन्होंने 1995-96 के रणजी ट्रॉफी सत्र में केरल के खिलाफ 152 रन देकर 10 विकेट लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया, जिसने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फिरोज शाह कोटला में एकमात्र टेस्ट मैच में डेब्यू किया था। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 39 मैचों में 28.63 की औसत और 47.4 की स्ट्राइक रेट से 125 विकेट लिए। वह एक निचले क्रम के बल्लेबाज थे, जिनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में एक शतक भी था।
जब 157.8 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से फेंकी गेंद-
16 अक्टूबर 1971 को जन्मे डेविड जॉनसन ने 1990 के दशक के मध्य में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। जॉनसन ने अक्टूबर 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया। जॉनसन के करियर का सबसे शानदार पल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान 157.8 किमी/घंटा की गति से गेंदबाजी करना था। इस रफ्तार से गेंद फेंककर सबको हैरान कर दिया था। उनका आखिरी टेस्ट मैच 1996 में डरबन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ था। उन्होंने भारत के लिए वनडे मैच नहीं खेले।
Baten UP Ki Desk
Published : 20 June, 2024, 6:16 pm
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