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यूपी के शिक्षामित्रों का ऐलान, मानदेय ना बढ़ा तो अक्टूबर में उठाएंगे बड़ा कदम

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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा संघ के आवेदन पर शिक्षामित्र आज यानी 3 सितंबर रविवार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन, प्रदेशभर के सभी सांसदों को देंगे। इसके माध्यम से वह अपनी मांगों को पूरा करने की मांग सांसदों से करेंगे। 

6 सालों से नहीं बढ़ा मानदेय-

उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा संघ के प्रदेश मंत्री कौशल कुमार सिंह ने कहा है कि 25 जुलाई 2017 को समायोजन निरस्त होने के बाद से शिक्षामित्र का मानदेय 10000 रुपए प्रतिमाह की है। इसमें 6 वर्षों के बाद भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। जबकि शिक्षा मित्र को शिक्षक के अनुपात में दिखाया जा रहा है। बेसिक शिक्षा मंत्री कई बार विधानसभा में इसकी जानकारी भी दे चुके हैं। लेकिन शिक्षकों के समान वेतन न देतकर अल्प मानदेय पर ही काम कराया जा रहा है। 

शिक्षामित्रों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब-

कौशल कुमार सिंह ने कहा है कि शिक्षामित्रों की  आर्थिक स्थिति इतनी खराब है कि अपने जीवन के साथ-साथ वह अपने बच्चों का भविष्य भी संभालने में सक्षम नहीं हो पा रहे हैं। यदि सरकार शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने व उनके नियमितिकरण  के संदर्भ में कोई कदम नहीं उठाती है तो अक्टूबर में शिक्षामित्र लखनऊ में अपनी मांगों को रखने के लिए धरना देने को मजबूर होंगे।

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