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अब यूपी में मिलेंगी NCR वाली सुविधाएं, योगी कैबिनेट की मुहर

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(Special Story) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सापने को साकार करने में लगी उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राजधानी लखनऊ को राज्य राजधानी क्षेत्र बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया है। इसमें कुल 6 जिलों को मिलाकर यह स्टेट कैपिटल रीजन यानि (SCR) बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे लखनऊ से सटे जिलों का विकास तेजी से किया जा सकेगा। लखनऊ को SCR बनाने पर पिछले साल से ही चर्चा की जा रही थी। लेकिन आज की कैबिनेट मीटिंग में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। आइए विस्तार से जानते हैं क्या होता है "राज्य राजधानी क्षेत्र" State capital region यानि (SCR) और इसके बनने से क्या होगा फायदा।

राज्य राजधानी क्षेत्र यानि SCR के गठन को मंजूरी-

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र एवं अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरणों के गठन के अध्यादेश से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की है। काफी समय से नागरिकों की सुविधा की दृष्टि ये आवश्यकता महसूस की जा रही थी, कि जो जिले राज्य राजधानी क्षेत्र में हैं, खासतौर पर बाराबंकी, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और उन्नाव। ये वह जिले हैं जो लखनऊ के पड़ोसी हैं वहां अनियोजित विकास न हो। इसका उद्देश्य ये है कि दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर यहां नियोजित विकास किया जा सके। इस अध्यादेश के तहत सभी प्राधिकरणों के कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन से विकास परियोजनाओं को आगे बढाया जाएगा। किसी प्राधिकरण का मर्जर नहीं होगा, सभी का अस्तित्व बरकरार रखा जाएगा। 

इन जिलों को मिलाकर बनेगा SCR-

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और इसके पड़ोसी जिलों को मिलाकर ''राज्य राजधानी क्षेत्र" State capital region यानि (SCR) बनाने का फैसला लिया गया है। लखनऊ के 6 पड़ोसी जिले जिनमें खासतौर पर बाराबंकी, रायबरेली, हरदोई, सीतापुर और उन्नाव को शामिल किया गया है। इन सभी जिलों को मिलाकर  SCR का गठन किया जाएगा। जिससे इन सभी जिलों में तेज विकास किया जा सके और यहां के रहने वाले लोगों को NCR की तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें। 

SCR के लिए इतने करोड़ रुपये की व्यवस्था-

प्रदेश में राज्य राजधानी क्षेत्र यानि (एससीआर) को जमीन पर जल्द उतारने के लिए राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट में इसके लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी। जिसके बाद राज्य राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण और अन्य क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के गठन की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की बात कही गई थी। इसके साथ ही प्रदेश सभी शहरों में जरूरत के आधार पर कंवेंशन सेंटर बनाने के लिए भी 10 लाख रुपये की व्यवस्था प्रारंभिक रूप से की गई थी। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की तर्ज पर राज्य राजधानी क्षेत्र (एससीआर) के लिए पहले चरण में लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, उन्नाव, रायबरेली और बाराबंकी को रखा था। 

SCR में बनेगा नॉलेज पार्क-

एससीआर बनाने का सरकार का मकसद यूपी में दूसरा औद्योगिक शहर बसाना है। राज्य सरकार चाहती है कि एक ही स्थान पर उद्यमियों और कारोबारियों को जमीन के साथ सभी सुविधाएं मिले। नोएडा की तरह एससीआर में नॉलेज पार्क भी बनाया जाएगा, जिसमें देश-विदेश के कॉलेज और विश्वविद्यालय खुलेंगे। एससीआर को जमीन पर उतारने के लिए सबसे पहले इसके लिए विकास प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। नामी कंपनियों कंसलटेंट इस कार्य में लगे हुए हैं। सरकार ने अनुपूरक बजट में इसीलिए टोकन मनी के रूप में 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की थी।

योगी ने 50 सालों की प्लानिंग को लेकर दिया था निर्देश-

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सितंबर 2022 में अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान अधिकारियों से एनसीआर की तर्ज पर 'उत्तर प्रदेश राज्य राजधानी क्षेत्र' गठित करने की योजना पर काम करने को कहा था। इस दौरान सीएम योगी ने आवास एवं शहरी नियोजन विभाग, आवास विकास परिषद और सभी शहरी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए थे। सीएम योगी ने कहा कि विकास परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 सालों की स्थिति को ध्यान में रखकर मास्टर प्लान में सुनियोजित विकास का पूरा खाका होना चाहिए। हर विकास प्राधिकरण/नगरीय निकाय में टाउन प्लानर की तैनाती करने का भा आदेश दिया था। 

 

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