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इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) दिसंबर के अंत तक अपने बहुप्रतीक्षित अंतरिक्ष डॉकिंग मिशन को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार होगा। यह मिशन ‘स्पैडेक्स’ नामक स्पेस डॉकिंग प्रयोग का प्रदर्शन करेगा, जो भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
मिशन की सफलता की ओर बढ़ते कदम
सोमनाथ ने पीएसएलवी-सी59/प्रोबास-3 मिशन के सफल प्रक्षेपण पर खुशी व्यक्त करते हुए न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के अधिकारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने यह भी कहा कि इस मिशन की सफलता के बाद, दिसंबर में पीएसएलवी-सी60 मिशन का भी प्रक्षेपण किया जाएगा, जो ‘स्पेस डॉकिंग’ तकनीक को टेस्ट करेगा। रॉकेट की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं और इस महीने के अंत में प्रक्षेपण की उम्मीद जताई जा रही है।
स्पेस डॉकिंग: अंतरिक्ष की नई तकनीकी सीमा
स्पेस डॉकिंग अंतरिक्ष में दो अलग-अलग यानों को जोड़ने की एक महत्वपूर्ण तकनीक है। इस तकनीक की मदद से अंतरिक्ष यान अपने आप ही एक अंतरिक्ष स्टेशन से जुड़ सकता है। यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, खासकर जब हम अपनी खुद की अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं। चंद्रयान-4 परियोजना में भी इस तकनीक का योगदान देखने को मिलेगा।
भारत की सौर अध्ययन में नई पहल: प्रोबास-3 मिशन
सोमनाथ ने प्रोबास-3 मिशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह मिशन सूर्य और उसके ग्रहों के अध्ययन पर केंद्रित है। इस मिशन में भारत के वैज्ञानिकों का एक मजबूत समूह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इस मिशन के सफल होने के बाद, भारत का योगदान सौर प्रणाली के अध्ययन में और बढ़ेगा।
आने वाले महीनों में इसरो का बड़ा कदम
इसरो का आगामी मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में एक बड़ी छलांग साबित होगा, बल्कि यह दुनिया के सबसे अग्रणी अंतरिक्ष संगठनों के साथ प्रतिस्पर्धा में भारत को मजबूती प्रदान करेगा। अंतरिक्ष डॉकिंग के क्षेत्र में भारत की सफलता, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के लिए भविष्य में नई संभावनाओं के द्वार खोलेगी, खासकर मानव अंतरिक्ष मिशनों में।
वैश्विक स्तर पर नई तकनीकी सफलताएं-
भारत का यह अंतरिक्ष मिशन वैश्विक स्तर पर नई तकनीकी सफलताओं को स्थापित करेगा। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने स्पष्ट किया है कि दिसंबर तक स्पैडेक्स मिशन की तैयारी पूरी हो जाएगी, जो भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 6 December, 2024, 3:55 pm
Author Info : Baten UP Ki