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उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश में मोटे अनाजों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। किसानों और लोगों में जागरुकता पैदा करने के लिए सरकार कई तरह के कार्यक्रम चला रही है। हाल ही में योगी सरकार ने श्रीअन्न महोत्सव और कार्यशाला का आयोजन भी किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को मोटे अनाजों के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्रोत्साहित करना था। इसी के तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम शुरू किया है। इस कार्यक्रम के तहत सरकार मिलेट्स बीज उत्पादन हेतु सीडमनी, मिलेट्स प्रसंस्करण, पैकिंग सह विपणन केंद्र, मिलेट्स मोबाइल आउटलेट एवं मिलेट्स स्टोर की स्थापना के लिए अनुदान दे रही है।
16 दिसंबर रात 12 बजे तक जारी रहेंगे आवेदन-
मिलेट्स मोबाइल आउटलेट और मिलेट्स स्टोर की स्थापना के लिए स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन, उद्यमी और किसान आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा मिलेट्स प्रसंस्करण व पैकिंग सह विपणन केंद्र के लिए भी उद्यमी व कृषक उत्पादन संगठन (FPO) आवेदन कर सकते हैं। लेकिन एफपीओ कम से कम तीन वर्ष पुराने होने चाहिए और इनका 100 लाख रुपये का टर्नओवर हो, वही पात्र माने जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया 11 दिसंबर दोपहर 12 बजे से शुरू होगी और 16 दिसंबर रात 12 बजे तक चलेगी। स्वयं सहायता समूह, कृषक उत्पादक संगठन और उद्यमी इन तीनों के लिए अलग-अलग पात्रता और अनुदान राशि निर्धारित की गई है। इसलिए, आवेदक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह किस श्रेणी के तहत आवेदन कर रहा है। आवेदक तीनों में से किसी एक पर ही आवेदन कर पाएगा। मिलेट्स मोबाइल आउटलेट एवं मिलेट्स स्टोर के लिए स्वयं सहायता समूह/कृषक उत्पादक संगठन/उद्यमी/कृषक आवेदन कर सकते हैं।
मिलेट्स बीज उत्पादन के लिए सीडमनी-
मिलेट्स पुनरोद्धार कार्यक्रम के तहत मिलेट्स बीज उत्पादन हेतु सीडमनी के तहत कृषक उत्पादक संगठन (FPO) आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत प्रति एफपीओ चार लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत वे एफपीओ ही लाभ उठा पाएंगे, जिन्होंने खरीफ-2023 में मिलेट्स के बीज का उत्पादन कराया हो और 100 क्विंटल मिलेट्स के विभिन्न फसलों के बीज सही प्रक्रिया से निकालकर भंडारित कर लिया गया हो।
इसी के साथ बता दे कि मिलेट्स प्रसंस्करण व पैकिंग सह विपणन केंद्र के लिए भी उद्यमी व कृषक उत्पादन संगठन (एफपीओ) आवेदन कर सकते हैं। एफपीओ कम से कम तीन वर्ष पुराने हों और इनका 100 लाख रुपये का टर्नओवर हो, वही पात्र माने जाएंगे। अनुदान के लिए अर्हता डी.पी. आर. के अनुसार लागत का 50 प्रतिशत अथवा अधिकतम 47.50 लाख रुपये होनी चाहिए।
20 लाख रुपये का अनुदान देगी सरकार-
मिलेट्स मोबाइल आउटलेट और मिलेट्स स्टोर के लिए स्वयं सहायता समूह/कृषक उत्पादक संगठन/उद्यमी/कृषक आवेदन कर सकते हैं. डी.पी.आर. के अनुसार मिलेट्स मोबाइल आउटलेट के लिए अधिकतम 10 लाख और मिलेट्स स्टोर हेतु अधिकतम 20 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा। विभाग की ओर से तय पात्रता के अनुसार वह कम से कम तीन वर्ष पुराने और मोबाइल आउटलेट के लिए वाहन और मिलेट्स स्टोर के लिए दुकान उपलब्ध हो। आवेदक संस्था के बैंक खाते में 10 लाख रुपये की पूंजी होना भी अनिवार्य है।
आवेदन की प्रक्रिया-
आवेदन के लिए पात्रता सर्वे और आवेदन की पूरी प्रक्रिया विभागीय पोर्टल (www.agriculture.up.gov.in) पर उपलब्ध है। आवेदक द्वारा विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हेतु उपलब्ध लिंक पर विवरण भर कर सबमिट करना होगा। रजिस्ट्रेशन का प्रिंट प्राप्त होने पर आवेदन के साथ संलग्न किए जाने वाले अभिलेखों की चेकलिस्ट भी प्राप्त होगी। आवेदनकर्ता द्वारा रजिस्ट्रेशन के प्रिंट को अन्य समस्त वांछित अभिलेखों सहित संबंधित जनपदीय उप कृषि निदेशक कार्यालय में जमा किया जाएगा।
क्या है मिलेट्स-
भारतीय श्री अन्न (मिलेट्स) पौष्टिकता से भरपूर समृद्ध, सूखा सहिष्णु फसल है जो ज्यादातर भारत के शुष्क एवं अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाया जाता है। यह एक छोटे बीज वाली घास के प्रकार का होता है जो वनस्पति प्रजाति “(Poaceae)” से संबंधित हैं। यह लाखों संसाधन रहित गरीब किसानों के लिए खाद्य एवं पशु-चारे का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं तथा भारत की पारिस्थितिक और आर्थिक सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस श्री अन्न (मिलेट्स) को "मोटा अनाज" या "गरीबों के अनाज" के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय श्री अन्न (मिलेट्स) पौष्टिकता से भरपूर गेहूं और चावल से बेहतर है क्योंकि यह प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। यह ग्लूटेन-मुक्त भी होते हैं और इनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स निम्न होता है, जो इन्हें सीलिएक डिज़ीज़ या मधुमेह रोगियों के लिए अनुकूल बनाता है।
सालभर में 111,062.37 करोड़ रु. का निर्यात हुआ अनाज-
बता दे कि भारत विश्व में श्री अन्न (मिलेट्स) के शीर्ष 5 निर्यातकों में से एक है। श्री अन्न (मिलेट्स) का विश्व निर्यात 2020 में 400 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2021 (आईटीसी व्यापार मानचित्र) में 470 मिलियन डॉलर हो गया है। भारत ने 2021-22 में 62.95 मिलियन डॉलर के मुकाबले वर्ष 2022-23 में 75.46 मिलियन डॉलर मूल्य के श्री अन्न (मिलेट्स) का निर्यात किया। श्री अन्न (मिलेट्स) आधारित मूल्यवर्धित उत्पादों की हिस्सेदारी नगण्य है। भारत विश्व में अनाज उत्पादों का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ-साथ सबसे बड़ा निर्यातक भी है। वर्ष 2022-23 के दौरान भारत का अनाज का निर्यात 111,062.37 करोड़ रुपये / 13,857.95 मिलियन अमरीकी डालर रहा। चावल (बासमती और गैर-बासमती सहित) इसी अवधि के दौरान भारत के कुल अनाज निर्यात में 80% (मूल्य के संदर्भ में) के साथ प्रमुख हिस्सेदारी रखता है। जबकि, गेहूं सहित अन्य अनाज इस अवधि के दौरान भारत से निर्यात किए गए कुल अनाज का केवल 20% हिस्सा दर्शाते हैं।
कितने प्रकार के होते हैं मिलेट्स-
इतना सब तो जान लिया लेकिन अब आप सोच रहें होगें कि ये मिलेट्स होते क्या हैं, यह कब से चर्चा में आया और यह कितने प्रकार के होते हैं तो आपको बता दे कि मिलेट्स एक प्रकार का मोटा अनाज भी कहा जाता है। इसमें मुख्य रूप से ज्वार, बाजरा, रागी, सांवा, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू के दानों आदि को शामिल किया जाता है। ये अनाज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। संयुक्त राष्ट्र ने भी भारत के प्रस्ताव पर साल 2023 को इंटरनेशनल मिलेट ईयर के रूप में घोषित किया है। इसलिए सरकार विशेष रूप से इनके उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य कर रही है।
चर्चा में क्यों?
जलवायु सहिष्णु - सबसे पहले तो ये अनाज जलवायु के प्रति सहिष्णु होते हैं और तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन से आसानी से प्रभावित नहीं होते। इसके अलावा इन अनाजों के उत्पादन में भी कम लागत आती है और इनकी सबसे बड़ी विशेषता तो ये है कि पोषक तत्वों से भरपूर ये अनाज कम उर्वर और ऊसर मृदा में भी अच्छी उपज देते हैं। अगर सरल शब्दों में कहें तो ये अनाज किसान के मित्र होते हैं जो कम लागत और कम परिश्रम में ही अच्छा उत्पादन करते हैं।
मिलेट्स के लाभ-
कुपोषण के शत्रु- आज भुखमरी और कुपोषण भारत की ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की समस्या बनता जा रहा है। ऐसे में इन अनाजों को कुपोषण रोकने के एकमात्र उपाय के रूप में देखा जा रहा है। आपको बता दें ये अनाज प्रोटीन, डायट्री फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज़, फॉस्फोरस, पोटैशियम और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे पोषक तत्वों का खजाना होते हैं। भारत जैसे विशाल जनसँख्या वाले देशों के लिए ये अनाज किसी वरदान से कम नहीं हैं। इन अनाजों को दैनिक भोजन में शामिल करने से कुपोषण की समस्या से निजात पाया जा सकता है।
बीमारियों से रखे दूर- मिलेट्स ग्लूटन फ्री और ग्लाइसीमिक इंडेक्स में लो होने के साथ ही साथ प्रोटीन, फाइबर और विभिन्न पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जिससे ये डायबिटीज, कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर आदि रोगों से बचाते हैं। इसके अलावा मिलेट्स कोलेस्ट्रॉल कम करने और मोटापा कम करने में भी बहुत मददगार होते हैं।
पाचन-तंत्र के लिए फायदेमंद
मिलेट्स खाने से पाचन-तंत्र से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती हैं। ये अनाज आसानी से पच जाते हैं और पेट में गैस, एसिडिटी, अपच और कब्ज की समस्या को दूर करते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पेट को साफ रखता है और मल को सॉफ्ट बनाता है।
वजन कम करने में मददगार
मिलेट्स के सेवन से वजन कम करने में मदद मिलती है। इसमें कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। ऐसे में इसके सेवन से वजन कम होने के साथ बैली फैट भी कम होता है। इसमें मौजूद फाइबर पेट को लंबे समय तक भरकर रखते है। इसकी वजह से आप अतिरिक्त खाने से बच जाते हैं और वजन कम करने में मदद मिलती है।
डायबिटीज में फायदेमंद
मिलेट्स के सेवन से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रहता है। इसको खाने से डायबिटीज के मरीजों में ग्लूकोज लेवल कम होता है और डायबिटीज कंट्रोल रहती है। इसमें मौजूद फाइबर डायबिटीज में होने वाली समस्याओं को आसानी से कम करता है।
हार्ट के लए फायदेमंद
अगर आप भी अपने हार्ट को हेल्दी रखना चाहते है, तो डाइट में मिलेट्स को अवश्य शामिल करें। ऐसा करने से शरीर का बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है। इसके सेवन से हार्ट संबंधी बीमारियां जैसे हार्ट स्ट्रोक और हार्ट अटैक का खतरा भी कम होता है। मिलेट्स शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। हालांकि, अगर आपको कोई बीमारी या एलर्जी की समस्या है, तो डॉक्टर से पूछकर ही इनका सेवन करें।
Baten UP Ki Desk
Published : 11 December, 2023, 5:01 pm
Author Info : Baten UP Ki