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धरती के सबसे ज्यादा जीवंत जगहों में से एक हैं रेनफॉरेस्ट,जिनका सुरक्षित रहना है जरूरी

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(Special Story) जब हम वर्षा के मौसम की बात करते हैं, तो वर्षा वन उसकी स्थायी और बहुमुखी सुंदरता का प्रतीक हैं। ये वन वर्षा के समय उसके जल संचयन की क्षमता दिखाते हैं और वन्यजीवों के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करते हैं। वर्षा वनों के महत्व को समझने के लिए हमें इनके विशेषताओं को गहराई से समझने की आवश्यकता है लेकिन मानव जाति  इसके महत्व को आत्मसात करने से कहीं दूर है। आजकल धरती के ज्यादातर हिस्से गर्मी से जल रहे हैं। नौबत यह आ गई है कि ऐसे देश और राज्य जहां गर्मियों में भी अपने ठंडा मौसम  होने के कारण मशहूर थे लेकिन  वहां पर भी तापमान दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे वैश्विक रूप से जंगलों की कटाई सबसे बड़ी वजह है । इसलिए आज, 22 जून को दुनियाभर में वर्षावनों के महत्व की जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल विश्व वर्षावन दिवस (World Rainforest Day) मनाया जाता है। 

क्या होते हैं वर्षा वन?

वर्षा वन वे वन होते हैं जो जल प्राप्ति के समय बहुतायत में जल भंडारण करते हैं। ये वन विभिन्न भूमियों में पाए जाते हैं, जैसे कि पहाड़ी क्षेत्रों, जंगलों और समुद्र तटों के निकट जगहों पर। इन वनों में वनस्पति और जीवजंतुओं की अधिकतम संख्या होती है जो कि वर्षा के समय जल से अपनी जरूरतों को पूरा करते हैं। इसके साथ ही रेन फॉरेस्ट धरती के सबसे ज्यादा जीवंत जगहों में से एक हैं। यहां कई तरह के पौधे, जानवर और कीट पाए जाते हैं, इन्हें बचाना पर्यावरण संतुलन के लिए बहुत जरूरी है।

क्या है वर्षा वनों का महत्व?

जल संचयन:

ये वन वर्षा के समय जल को संचित कर रखते हैं, जिससे कि सूखे के समय प्राकृतिक स्रोतों से पानी उपलब्ध रहता है। इससे कृषि, जल संसाधन और जलवायु अनुकूलता में सुधार होता है।

बायोडाइवर्सिटी: 

ये वन विविधता के लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यहां अनेक प्रकार के जीवजंतु और वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। वन्यजीवों का संरक्षण और उनके लिए सुरक्षित प्राकृतिक आवास के रूप में वर्षा वन महत्वपूर्ण होते हैं।

पर्यावरणीय स्थिरता:

इन वनों का संरक्षण करने से पर्यावरणीय स्थिरता में सुधार होता है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, भूमि संरक्षण और जैव विविधता की संरक्षा।

कब हुई थी वर्ल्ड रेनफॉरेस्ट डे की शुरुआत?

वर्ल्ड रेनफॉरेस्ट डे मनाने की शुरुआत रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप संस्था द्वारा किया गया था. पहली बार साल 2017 में इसे दुनियाभर के ज्यादातर देशों में मान्यता मिली। ऐसे में पहला वर्ल्ड रेनफॉरेस्ट डे 22 जून, 2017 को मनाया गया था, जब ऑस्टिन, टेक्सास के एक गैर-लाभकारी पर्यावरण संगठन रेनफॉरेस्ट पार्टनरशिप ने वैश्विक कार्यक्रम शुरू किया था।  इस पहल का मकसद वर्षावनों के अमूल्य योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। इसके बाद 2021 में सभी क्षेत्रों के लोगों-संगठनों को साथ लाने के लिए विश्व वर्षावन दिवस शिखर सम्मेलन की शुरुआत की गई।

क्यों रोकना जरूरी है वैश्विक वनों की कटाई?

दुनिया के जंगलों की रक्षा करने का समय समाप्त हो रहा है क्योंकि जिन देशों ने 2030 तक वनों की कटाई को रोकने का वादा किया है। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई लागू नहीं की है. 10 जून 2024 को जारी संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है. एफएओ के अनुसार 2015 और 2020 के बीच वनों की कटाई की वैश्विक दर 7.51 एमएचए प्रति वर्ष थी।

क्या कहती है ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच रिपोर्ट?

ग्लोबल फॉरेस्ट वॉच रिपोर्ट के अनुसार 2002 से 2023 तक वैश्विक स्तर पर कुल 76.3 एमएचए आर्द्र प्राथमिक वन नष्ट हुए, जो उसी समय अवधि में कुल वृक्ष आवरण हानि का 16 फीसदी है। इस समय अवधि में दुनिया भर में आर्द्र प्राथमिक वन का कुल क्षेत्रफल 7.4 फीसदी कम हुआ है।

वैश्विक वन निगरानी रिपोर्ट 2024

ग्लोबल फ़ॉरेस्ट वॉच द्वारा अप्रैल 2024 को जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, भारत ने 2000 से 2.33 मिलियन हेक्टेयर वृक्ष आवरण खो दिया है, जो छह प्रतिशत की कमी है. भारत में, शीर्ष 5 क्षेत्र 2001 और 2023 के बीच सभी वृक्ष आवरण हानि के 60 फीसदी के लिए जिम्मेदार थे। असम में सबसे अधिक 324 हेक्टेयर वृक्ष आवरण हानि हुई, जबकि औसत 66.6 हेक्टेयर है। शीर्ष 5 क्षेत्र जो 2001 और 2023 के बीच सभी वृक्ष आवरण हानि के 60 फीसदी के लिए जिम्मेदार हैं।

इसलिए धरती पर जंगलों का होना है जरूरी 

अगर आज धरती पर साफ पानी, हवा और ऑक्सीजन हम तक पहुंच रहा है, तो ये घने जगलों के कारण ही संभव है। वहीं, जंगलों के कमी के कारण पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रही है, लेकिन अब भी समय रहते इंसान जाग गया तो पेड़-पौधों का संरक्षण करके इसे बढ़ने से रोका जा सकता है।

ऑक्सीजन देने में करते हैं मदद

दुनियाभर में मौजूद वर्षावन के कारण ही हम तक ऑक्सीजन पहुंच रही है। वर्षावन यानी रेनफॉरेस्ट धरती के सबसे पुराने जीवित इकोसिस्टम हैं। 

ग्लोबल वार्मिंग कम करने में करते हैं मदद

रेनफॉरेस्ट वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके धरती पर ऑक्सीजन लेवल बनाए रखता हैं। जलवायु संतुलन और ग्लोबल वार्मिंग को कंट्रोल करने में ये सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। 

औषधीय पौधों से भरपूर होते हैं वर्षावन-

वर्षावन औषधीय पौधों से भरपूर होते हैं, जो पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा में कई बीमारियों के इलाज में सहायक हैं।

भारत में शीर्ष वर्षा वन-

भारत में शीर्ष वर्षा वनों की बात की जाए, तो इन्हें मेघालया राज्य के चेरापूंजी और मौसिनराम, और असम राज्य के माउंट मौसिना के क्षेत्र में पाया जाता है। ये क्षेत्र भारत में वर्षा के रिकॉर्ड धारण करने के लिए प्रसिद्ध हैं, जहां वर्षा की मात्रा वर्षा वनों में अत्यधिक होती है। चेरापूंजी और मौसिनराम बरसाती दिनों के लिए प्रसिद्ध हैं, जब इन क्षेत्रों में भारी वर्षा होती है, जबकि माउंट मौसिना असम में भी भारी वर्षा के लिए जाना जाता है। इन क्षेत्रों में बरसाती मौसम विशेष रूप से मानसून के दौरान अधिक होता है, जिससे यहां वर्षा की विशेषता रहती है। नीचे दिए गए कुछ अन्य वर्षा वन इस प्रकार हैं-

  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह - उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
  • असम - अछूता पलायन (Unspoiled Escapes)
  • उत्तर पश्चिमी घाट नम पर्णपाती वन - वनस्पतियों और जीवों से समृद्ध
  • दक्षिण पश्चिमी घाट नम पर्णपाती वन - डेक्कन के प्रजाति-समृद्ध क्षेत्र
  • ब्रह्मपुत्र घाटी अर्ध-सदाबहार वन - सबसे अधिक जलोढ़ मिट्टी का घर
  • ओडिशा अर्ध-सदाबहार वन - आंखों को सुकून देने वाले

विश्व के बड़े रेनफॉरेस्ट 

  • अमेज़ॅन वर्षावन

अमेज़ॅन वर्षावन दुनिया का सबसे बड़ा उष्णकटिबंधीय वर्षावन है। ये ब्राजील, पेरू, कोलंबिया, वेनेजुएला, इक्वाडोर, बोलीविया, गुयाना, सूरीनाम और फ्रेंच गुयाना समेत दक्षिण अमेरिका के विशाल क्षेत्रों को कवर करता है।  यह 5.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर (2.1 मिलियन वर्ग मील) में फैला है। अमेज़ॅन वर्षावन में अनगिनत अलग-अलग प्रजाति के पशु रहते हैं। इतना ही नहीं इस जंगल को 16,000 प्रजातियों से संबंधित लगभग 390 बिलियन पेड़ों का घर कहा जाता है। 

  • कांगो वर्षावन

अमेज़ॅन के बाद कांगो वर्षावन को सबसे बड़ा वर्षावन कहा जाता है। ये मध्य अफ्रीका में स्थित है। इसके क्षेत्र में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, कांगो गणराज्य, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कैमरून, इक्वेटोरियल गिनी, गैबॉन और अंगोला और दक्षिण सूडान के कुछ हिस्से शामिल हैं। 1.8 मिलियन वर्ग किलोमीटर (700,000 वर्ग मील) के अनुमानित आकार में ये फैला है। इस जंगल में लगभग 10,000 पौधों की प्रजातियाँ, और 1,000 पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं. कांगो वर्षावन में गोरिल्ला, बोनोबोस और वन हाथियों जैसी लुप्तप्राय प्रजातियां भी पाई जाते हैं।

  • डेनट्री वर्षावन

डेनट्री वर्षावन को दुनिया के सबसे पुराने जंगलों में से एक माना जाता है।  बता दें कि यह डेनट्री वर्षावन ऑस्ट्रेलिया में स्थित है। ऐसा कहा जाता है कि यह 180 मिलियन वर्ष पुराना है और इसका क्षेत्रफल 463 वर्ग मील है। ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश चमगादड़ और तितलियों की प्रजातियां यहीं पाई जाती हैं।

  • वाल्डिवियन शीतोष्ण वर्षावन

वाल्डिवियन शीतोष्ण वर्षावन यह 95,800 वर्ग मील में फैला हुआ जगंल है। इस जंगल में 90% स्थानिक प्रजातियों का घर है। ये प्रजातियां केवल दक्षिण अमेरिका के वाल्डिवियन जंगलों में पाई जाती हैं। 

  • टोंगास राष्ट्रीय वन

टोंगास राष्ट्रीय वन दक्षिणपूर्व अलास्का में स्थित हैं। जानकारी के मुताबिक ये 26,560 वर्ग मील के क्षेत्र में फैला हुआ है। यह टोंगास राष्ट्रीय वन भी है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका में सबसे बड़ा है। यह उत्तरी अमेरिका का सबसे बड़ा समशीतोष्ण वन है।  

By Ankit Verma 

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