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(Special story) एक महिला अपने जीवन में कई किरदार निभाती है। कभी वह बेटी बनकर अपने परिवार का नाम रोशन करती है तो कभी वह पत्नी बनकर दूसरे घर को संभालती है और कभी मां बनकर अपने मातृत्व कर्तव्यों का वहन करती है। उसको न जाने जीवन के ऐसे कितने पड़ावों से गुजरना पड़ता है। ऐसी ही एक नेचुरल प्रोसेस है पीरियड्स यानी मेंस्ट्रुअल जिससे एक महिला को हर महीने गुजरना पड़ता है और सफाई की कमी की वजह से कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। अगर समय रहते समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया गया तो सेहत को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। इसीलिए जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 28 मई को मासिक धर्म स्वच्छता दिवस यानी मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता है। यह एक ग्लोबल इनिशिएटिव है जिसका उद्देश्य दुनिया भर की महिलाओं और लड़कियों को मेंस्ट्रुअल हाइजीन को लेकर जागरूक करना है।
28 मई को ही क्यों मनाते हैं?
मासिक धर्म चक्र औसतन 28 दिनों का होता है और एक लड़की को पांच दिनों तक मासिक धर्म होता है, इसलिए साल के पांचवें महीने के 28 वें दिन को मेंस्ट्रुअल हाइजीन डे मनाया जाता है।
माहवारी यानी पीरियड्स यह महिलाओं के लिए बेहद जरूरी माना जाता है क्योंकि इसी नेचुरल प्रोसेस के जरिए एक महिला अपनी मां बनने की यात्रा पूरी करती है। महिलाओं को हाइजीन मैनेजमेंट के बारे में जागरूक करना ही इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है और साथ ही पीरियड्स से जुड़े मिथकों को दूर करना है। पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बेहद जरूरी है, क्योंकि इसमें कमी होने की वजह से अक्सर स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचता है। ऐसे में पीरियड्स के दौरान खराब हाईजीन के क्या जोखिम कारक हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
प्रजनन प्रणाली यानी रिप्रोडक्टिव सिस्टम जैसे यूट्रस, ओवरी और ट्यूबों में संक्रमण है। इससे पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) हो सकता है, जिससे आपके पेट में बहुत दर्द हो सकता है और यहां तक कि बच्चे को जन्म देने में मुश्किल हो सकती है।
पीरियड्स के दौरान खराब हाइजीन महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं। इसकी वजह से एक बड़ी समस्या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (UTI) हो सकती है। ऐसा तब होता है, जब आप अपने पैड या टैम्पोन को बार-बार नहीं बदलते हैं, तो बैक्टीरिया पनप सकते हैं और इससे आपके मूत्राशय यानी ब्लैडर में संक्रमण हो सकता है।
यूटीआई (Urinary Tract Infection) यूरिनरी ट्रैक्ट का संक्रमण हैं जो मूत्रमार्ग, ब्लैडर और किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यूटीआई होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है, जिससे बैक्टीरिया के लिए मूत्राशय में प्रवेश करना आसान हो जाता है।
बहुत लंबे समय तक गंदे पैड का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा में जलन, खुजली हो सकती है और यहां तक कि आपको चकत्ते या संक्रमण और बैक्टीरियल वेजिनोसिस (बी.वी.) भी हो सकता है।खराब स्वच्छता सेहत के साथ ही आपकी त्वचा को भी खराब कर सकती है।
पेल्विक में सूजन की बीमारी गर्भाशय, योनि और फैलोपियन ट्यूब जैसे प्रजनन अंगों का संक्रमण है। इससे दर्द, बुखार और बांझपन की समस्या हो सकती है। पीआईडी तब हो सकता है जब योनि से बैक्टीरिया गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब या अंडाशय (ovaries)तक चले जाते हैं। अगर आप टैम्पोन या मेंस्ट्रुअल कप को बार-बार नहीं बदलते हैं तो ऐसा होने की अधिक संभावना है।
यीस्ट इंफेक्शन एक फंगल संक्रमण है, जो योनि में होता है। इस संक्रमण ने खुजली और जलन बहुत ज़्यादा होती है। अगर आप ऐसे पैड पहनती हैं जो ब्रिथेबल नहीं हैं तो इस वजह से आपको यह परेशानी हो सकती है।
बैक्टीरियल वेजिनोसिस एक सामान्य योनि संक्रमण है। यह तब होता है जब आपकी योनि के कुछ सामान्य बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिससे बैक्टीरिया असंतुलन हो जाता है। इस स्थिति में सफेद या भूरे रंग का लिक्विड रिलीज़ होता है।
ऐसे कर सकते हैं इन समस्यायों से अपना बचाव-
समस्याओं से बचने के लिए यह सीखना जरूरी है कि मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई कैसे रखें। इसके लिए आपके पास साफ पैड या टैम्पोन और अच्छे बाथरूम तक आपकी पहुंच होनी चाहिए। इसके अलावा इन स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए सही मेंस्ट्रुअल हाइजीस हैबिट्स, साफ पीरियड प्रोडक्ट्स तक पहुंच और पर्याप्त स्वच्छता सुविधाओं पर शिक्षा की जरूरत है। इसीलिए पीरियड्स के दौरान महिलाओं को खास ध्यान देने की आवश्यकता है।
पीरियड्स के दौरान शरीर में भरपूर पानी होना चाहिए। इसीलिए तरल पदार्थों का सेवन करना आवश्यक है। इससे यूरिन क्लियर रहता है और हानिकारक बैक्टीरिया भी बाहर निकल जाते हैं। इसलिए कोशिश करें कि इस दौरान खूब पानी सेवन करें।
पीरियड्स के दौरान महिलाओं को खास ध्यान देना होता है इस दौरान गंदे सैनिटरी पैड लेने से बचना चाहिए क्योंकि गंदे सैनिटरी पैड लेने से UTI,फंगल संक्रमण और रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है इसीलिए कपड़ा और गंदे सैनिटरी पैड लेने से बचें।
महिलाओं को हर 4 घंटे में पैड बदले रहना चाहिए। इससे योनि में यीस्ट संक्रमण होने का खतरा कम होता है। बहुत लंबे समय तक पैड पहनने से योनि में इंफेक्शन का खतरा बड़ जाता है इसीलिए महिलाओं को चाहिए कि हर 4 घंटे में पैड बदलते रहे।
डिस्क्लेमर- यह लेख केवल सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। "बातें यूपी की" किसी प्रकार के इलाज का दावा नहीं करता। ज्यादा जानकारी व इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 May, 2024, 3:20 pm
Author Info : Baten UP Ki