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साइलेंट किलर की तरह है ये बीमारी, तेज धूप भी हो सकती है इसकी जिम्मेदार!

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(Special Story) दुनियाभर में करोड़ों लोग किसी न किसी बीमारी से पीड़ित हैं। ज्यादातर बीमारियां व्यक्ति के खानपान और रहन-सहन पर निर्भर करती हैं अगर इनमें सुधार न किया जाए तो, बीमारियां भयावह रूप ले लेती हैं। एक ऐसी ही बीमारी जो बहुत हद तक हमारे जीने के तरीके पर निर्भर करती है और जब रक्त वाहिकाओं पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है तो उसे हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन कहते हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर और जानलेवा बीमारियों जैसे हृदय रोग, दिल का दौरा, स्ट्रोक या किडनी खराब होने का कारण बन सकती है। दुनियाभर में हाइपरटेंशन के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। हाईपरटेंशन यानी हाई बीपी साइलेंट किलर की तरह है जिसके कारण हर साल लाखों लोग हार्ट अटैक और स्ट्रोक से अपनी जान गंवाते हैं। इसीलिए 17 मई को दुनियाभर में लोगों को हाई बीपी के बारे में जागरुक करने के लिए  विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे) मनाया जाता है।

हमारे जीने के तरीके और खानपान हमारे ब्लड प्रेशर को काफी प्रभावित करता है। इसके अलावा मौसम के कुछ कारक भी हैं, जो आपके ब्लड प्रेशर को अनियंत्रित करने में जिम्मेदार हो सकते हैं। बढ़ता तापमान भी उन्हीं कारकों में से एक है। हाल ही में मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में देश के ज्यादातर हिस्से में भीषण गर्मी और तेज लू चलने की चेतावनी जारी की है। ऐसे में बढ़ते तापमान का हमारे ब्लड प्रेशर पर असर पड़ सकता है।

  • डिहाईड्रेशन-

हाई टेम्परेचर और ह्यूमिडिटी के कारण गर्मियों में ज्यादा पसीना निकलने लगता है। ऐसे में अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी या अन्य तरल पदार्थ नहीं पी रहे हैं, तो डिहाईड्रेशन हो सकता है। डिहाईड्रेशन के कारण शरीर में खून की मात्रा कम हो सकती है, जिससे ब्लड प्रेशर और भी कम हो सकता है और बेहोशी या चक्कर आना जैसे नजर आ सकते हैं।

  • हीट स्ट्रेस-

लंबे समय तक ज्यादा तापमान के संपर्क में रहने से गर्मी में थकावट या हीट स्ट्रेस हो सकता है, जो आपकी हार्ट हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इससे ब्लड प्रेशर में वेरिएशन्स हो सकता है, जो शरीर में गंभीर तनाव का अनुभव होने पर बढ़ सकता है या वासोडिलेशन और डिहाईड्रेशन के परिणामस्वरूप कम हो सकता है।

  • इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन

गर्मियों में तेज धूप और गर्मी की वजह से ढेर सारा पसीना आता है। इससे न सिर्फ शरीर का पानी खत्म होता है, बल्कि नमक और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स भी नष्ट हो जाते हैं। इन इलेक्ट्रोलाइट्स में असंतुलन सामान्य रूप से हार्ट हेल्थ और विशेष रूप से ब्लड प्रेशर रेगुलेशन को प्रभावित कर सकता है।

गर्मियों में रखें ये सावधानियां- 

  • ब्लड प्रेशर पर गर्म मौसम और ह्यूमिडिटी के प्रभाव को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए बहुत सारा पानी पीकर हाइड्रेटेड रहना जरूरी है।
  • कैफीन और अल्कोहल की ज्यादा मात्रा से दूर रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये डिहाईड्रेशन का कारण बन सकते हैं।
  • अगर आपको गर्म मौसम में बाहर रहना है, तो ठंडे या वातानुकूलित स्थान पर बार-बार रुकने से अत्यधिक गर्मी से बचने में मदद मिल सकती है।
  • अगर आप हल्के, हवादार कपड़े पहनते हैं, जो शरीर के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करते हैं,तो आपका शरीर गर्मी को अधिक आसानी से सहन कर सकता है।

WHO के आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 1 अरब लोग हाई ब्लड प्रेशर  की चपेट में हैं। हाई बीपी से हार्ट की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का खतरा काफी बढ़ जाता है जिसकी जिम्मेदार हैं कई खराब आदतें, जो हमें हाइपरटेंशन का मरीज बना सकती है।

मोटापा पर करें कंट्रोल  

अगर वजन बहुत ज्यादा है तो आप हाइपरटेंशन के मरीज बन सकते हैं। ज्यादा वजन की वजह से किडनी और शरीर के दूसरे अंगों की रक्त वाहिकाओं में परिवर्तन होता है। ये चेंज अक्सर ब्लड प्रेशर हाई होने का कारण बनते हैं। इसलिए अपने मोटापे को कंट्रोल रखें। ज्यादा वजन से हाई कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ता है। ये सारी चीजें मिलकर हार्ट की बीमारियों को बढ़ाती हैं।

जरूर करें व्यायाम

अगर आप किसी तरह की कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं तो आपका ब्लड प्रेशर हाई होने के चांस बढ़ जाते हैं। एक्सरसाइज न करने से वजन बढ़ता है जो हाई ब्लड प्रेशर का खतरा पैदा करता है। जो लोग किसी तरह का व्यायाम नहीं करते हैं उनकी हार्ट बीट भी ज्यादा होती है।

कम करें नमक का इस्तेमाल

अगर आप ज्यादा नमक खाते हैं तो इस आदत को अभी सुधार लें। डब्ल्यूएचओ कई बार नमक को लेकर आगाह कर चुका है। दुनियाभर में हाई सोडियम जो नमक से मिलता है उसका सेवन करने से बीपी के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसलिए पैकेट बंद, बाहर का खाना बंद कर दें। खाने में नमक का इस्तेमाल कम से कम करें।

तनाव से रहें दूर-

आजकल हर दूसरा व्यक्ति तनाव से जूझ रहा है। कुछ लोगों को छोटी-छोटी बातों पर टेंशन लेने की आदत होती है, लेकिन आपकी ये आदत हाई बीपी का मरीज बना सकती है। इसलिए कूल रहने की कोशिश करें। तनाव से गुस्सा बढ़ता है और ब्लड प्रेशर एकदम से हाई होने लगता है। 

स्मोकिंग और ड्रिंक से करें किनारा-

ज्यादातर युवा टेंशन के दूर भगाने के लिए स्मोकिंग और डिंक करने लगे हैं। ऑफिस जाने वाले लोग वीकेंड पर रिलेक्श होने के लिए शराब का सहारा लेने लगे हैं, लेकिन ये आदत सेहत की सबसे बड़ी दुश्मन है। आप कुछ पलों के इंजॉयमेंट के लिए अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं। इसलिए धूम्रपान, तंबाकू और शराब का सेवन छोड़ दें। इससे हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।

ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए खान-पान में बदलाव करके हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता हैं। कुछ ऐसे बेहतरीन खाद्य पदार्थ हैं जो आपकी हाई बीपी को कंट्रोल कर सकती है। इनका इस्तेमाल करके आप अपनी सेहत का ख्याल रख सकते हैं। 

पोटैशियम वाली सब्जियां खांए-

पोटैशियम शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालने में मदद करता है, जो रक्तचाप को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपने खाने में पालक, ब्रोकली, शकरकंद, आलू (बिना छिलके के), केला, संतरा, एवोकाडो और खरबूज जैसी चीजों को शामिल करें।

साबुत अनाज को खाने में करें इस्तेमाल-

साबुत अनाज फाइबर और अन्य पोषक तत्वों का अच्छा स्रोत होते हैं, जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं। अपने आहार में ब्राउन राइस, जौ, ओट्स और किनोआ जैसी चीजों को शामिल करें।

मछली का करें सेवन-

मछली, खासकर तैलीय मछली जैसे सैल्मन, टूना और मैकेरल, ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं, जो रक्तचाप को कम करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। सप्ताह में कम से कम दो बार मछली खाने का लक्ष्य रखें।

खाने में लहसुन का करें इस्तेमाल-

लहसुन में औषधीय गुण होते हैं जो रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकते हैं। आप इसे अपने भोजन में कच्चा या पका हुआ इस्तेमाल कर सकते हैं। इनके अलावा जैतून का तेल, सीड्स और नट्स, डार्क चॉकलेट और कम नमक वाली चीजें बीपी कंट्रोल कर सकती हैं।

 

डिस्क्लेमर- यह लेख केवल सामान्य जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। "बातें यूपी की" किसी प्रकार के इलाज का दावा नहीं करता। ज्यादा जानकारी व इलाज के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

 

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