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(Special Story) हमारे जीवन के लिए जितनी जरूरी वायु है उतना ही जरूरी शुद्ध भोजन है। अगर व्यक्ति इससे वंचित रहता है तो उस व्यक्ति का जीवन खतरे में पड़ सकता है। क्योंकि शुद्ध और अच्छा भोजन हमारे लिए दूसरी प्राण वायु की तरह है। खराब भोजन से हमारा जीवन खतरे में पड़ सकता है क्योंकि पोषण और खाद्य सुरक्षा एक दूसरे से अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। हर साल दूषित भोजन खाने के कारण लगभग चार लाख लोगों की मौत हो जाती है। फूड सेफ्टी के प्रति अगर सतर्कता नहीं बरती गई तो इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं। इसीलिए खाद्य सुरक्षा से बढ़ते खतरे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 7 जून को खाद्य सुरक्षा दिवस यानी वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया जाता है।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) साथ मिलकर कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे पर लोगों को खराब हो गए भोजन के खतरों और उसे खाने से होने वाली बीमारियों के प्रति भी सचेत किया जाता है।
कैसे हुई वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की शुरूआत
दूषित खानपान से सेहत संबंधी कई सारी बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा मिलावटी चीजों की परख आदि के प्रति जागरूक किया जाता है। वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की शुरुआत यूएनओ ने खाद्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और खाद्य जनित बीमारियों को रोकने के लिए कार्यों को बढ़ावा देने किया था। यूएनओ की जनरल असेंबली ने 20 दिसंबर 2018 को फूड सेफ्टी डे मनाने का फैसला किया और इसके लिए 7 जून की तारीख तय की। 7 जून 2019 को पहली बार वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया गया था। उसके बाद से इस दिन को हर साल मनाने का सिलसिला शुरू हो गया।
दूषित खाने से पनपने वाली बीमारियां-
भोजन न सिर्फ जिंदा रहने के लिए जरूरी है बल्कि ऐसा भोजन करना जरूरी है जो सेहत के लिए अच्छा हो । यह दिन लोगों को यह भी बताता है कि दूषित खाने से पनपने वाली बीमारियां लोगों के लिए खतरा बन रही हैं। खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो सभी को प्रभावित करता है। असुरक्षित भोजन कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। ये खतरे इस प्रकार हो सकते हैं।
दूषित भोजन से खाद्य जनित बीमारियां हो सकती हैं, जो विशेष रूप से कमजोर आबादी जैसे कि बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकती हैं। वहीं सुरक्षित भोजन बीमारी को रोकता है और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
हमारे खान-पान का हमारे जीनव पर बहुत असर पड़ता है। यदि हमारा खान-पान अच्छा होता है तो, हमारी सेहत अच्छी बनी रहती है। वहीं दूसरी तरफ असुरक्षित भोजन उत्पादकता में कमी का कारण बनता है और इसका असर हमारी आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है।
खाद्य सुरक्षा कई सतत विकास लक्ष्यों (SDG) से जुड़ी हुई है, जिनमें स्वास्थ्य, भूख और आर्थिक विकास से संबंधित लक्ष्य शामिल हैं। सुरक्षित भोजन सुनिश्चित करना इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देता है।
फूड सेफ्टी पर क्या कहती है WHO की रिपोर्ट
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस एक वैश्विक अभियान है जिसका मकसद लोगों को खराब खानपान और उसके चलते होने वाली समस्याओं से अवगत करना है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार खराब खाने की वजह से लगभग 600 मिलियन मामले सामने आते हैं, जिनमें से तकरीबन 4 लाख 20 हजार लोग मौत का भी शिकार हो जाते हैं।
प्रमुख खाद्य जनित बीमारियाँ और कारण
खाद्य जनित बीमारियाँ आमतौर पर संक्रामक या विषाक्त प्रकृति की होती हैं और दूषित भोजन के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने वाले बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी या रासायनिक पदार्थों के कारण होती हैं। रासायनिक संदूषण से तीव्र विषाक्तता या कैंसर जैसी दीर्घकालिक बीमारियाँ हो सकती हैं। कई खाद्य जनित बीमारियाँ दीर्घकालिक विकलांगता और मृत्यु का कारण बन सकती हैं, जो इस प्रकार हैं-
जीवाणु से होने वाली बीमारी-
साल्मोनेला, कैम्पिलोबैक्टर और एंटेरोहेमोरेजिक एस्चेरिचिया कोली कुछ सबसे आम खाद्य जनित रोगजनक हैं जो सालाना लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं, कभी-कभी गंभीर और घातक परिणाम देते हैं। लक्षण बुखार, सिरदर्द, मतली, उल्टी, पेट दर्द और दस्त हो सकते हैं।
वायरस से होने वाली बीमारी-
नोरोवायरस खाद्य जनित संक्रमणों का एक आम कारण है, जिसमें मतली, तीव्र उल्टी, पानी जैसा दस्त और पेट में दर्द होता है। हेपेटाइटिस ए वायरस भोजन के माध्यम से भी फैल सकता है और लंबे समय तक चलने वाली यकृत बीमारी का कारण बन सकता है और आमतौर पर कच्चे या अधपके भोजन या दूषित कच्चे उत्पादों के माध्यम से फैलता है।
परजीवी से होने वाली बीमारी-
कुछ परजीवी, जैसे कि मछली जनित ट्रेमेटोड्स, केवल भोजन के माध्यम से ही फैलते हैं। उदाहरण के लिए इचिनोकोकस एसपीपी या टेनिया एसपीपी जैसे टेपवर्म, भोजन या जानवरों के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से लोगों को संक्रमित कर सकते हैं। अन्य परजीवी, जैसे कि एस्केरिस, क्रिप्टोस्पोरिडियम, एंटामोइबा हिस्टोलिटिका या गियार्डिया, पानी या मिट्टी के माध्यम से खाद्य श्रृंखला में प्रवेश करते हैं और ताजा उपज को दूषित कर सकते हैं।
विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2024 की थीम-
हर साल UN फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (FAO) एक थीम निर्धारित करता है जिसके तहत विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। World Food Safety Day 2024 की थीम है, ‘सुरक्षित भोजन बेहतर स्वास्थ्य’।
By Ankit Verma
Baten UP Ki Desk
Published : 7 June, 2024, 11:30 am
Author Info : Baten UP Ki