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देश में एक और चिंता का विषय सामने आ रहा है, जो कोरोना वायरस की याद दिलाता है। महाराष्ट्र में HMPV (ह्यूमन मेटापन्यूमोवायरस) का तीसरा मामला दर्ज किया गया है। मुंबई के हीरानंदानी अस्पताल में 6 महीने की एक बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई। बच्ची को 1 जनवरी को खांसी, सीने में जकड़न और ऑक्सीजन स्तर गिरकर 84% तक पहुंचने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राहत की बात यह है कि अब वह पूरी तरह स्वस्थ हो रही है। इस नए वायरस के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं की सतर्कता बढ़ गई है।
नागपुर में दो और मामले-
इससे पहले नागपुर में 13 साल की लड़की और 7 साल के लड़के में HMPV संक्रमण पाया गया था। दोनों की स्थिति इलाज के बाद नियंत्रण में है और उन्हें अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ा।
देशभर में कुल 9 मामले-
ताजा मामलों के साथ देश में HMPV के कुल 9 केस हो चुके हैं। महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, और गुजरात में भी संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
राज्यों में बढ़ी सतर्कता-
HMPV के मामले बढ़ने के बाद विभिन्न राज्यों ने सतर्कता बढ़ा दी है। पंजाब में बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। गुजरात में अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार किए जा रहे हैं। हरियाणा में भी स्वास्थ्य विभाग को निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
छोटे बच्चों पर ज्यादा असर-
HMPV से सबसे अधिक प्रभावित छोटे बच्चे हैं, खासकर 2 साल से कम उम्र के। केंद्र ने राज्यों को 'इंफ्लूएंजा लाइक इलनेस' और 'सीवियर एक्यूट रेस्पिरेट्री इश्यूज' जैसी बीमारियों की निगरानी बढ़ाने और जागरूकता फैलाने की सलाह दी है।
HMPV कोई नया वायरस नहीं
विशेषज्ञों के अनुसार, HMPV कोई नया वायरस नहीं है। पहली बार इसकी पहचान 2001 में हुई थी। यह मुख्य रूप से सांस के जरिए फैलता है और सभी आयु वर्ग के लोगों को प्रभावित कर सकता है।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि HMPV सर्दियों में सामान्य फ्लू जैसे लक्षण उत्पन्न करता है। सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है और WHO से समय-समय पर अपडेट प्राप्त कर रही है।
भारत में सतर्कता के उपाय
भारत सरकार ने कहा है कि देश में ILI और SARI मामलों की निगरानी के लिए मजबूत सिस्टम मौजूद है। ICMR ने HMPV की टेस्टिंग लैब की संख्या बढ़ाने और पूरे साल इसके मामलों पर नजर रखने की बात कही है।
क्या कहती है विशेषज्ञों की राय?
AIIMS के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि HMPV का इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता। इसके लक्षण सामान्य वायरल संक्रमण की तरह होते हैं और सामान्य तौर पर यह स्वयं ही ठीक हो जाता है।
HMPV से बचाव के उपाय
मास्क पहनना
हाथों की स्वच्छता बनाए रखना
भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
HMPV एक RNA वायरस है, जो सर्दी जैसे लक्षण पैदा करता है। खांसी, गले में घरघराहट, नाक बहना, और गले में खराश इसके सामान्य लक्षण हैं।
यह वायरस खांसने, छींकने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है।
खांसी, बुखार, गले में खराश, और सांस लेने में तकलीफ इसके प्रमुख लक्षण हैं। गंभीर मामलों में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस हो सकता है।
HMPV और कोरोना वायरस दोनों अलग फैमिली के हैं लेकिन लक्षणों में समानता है। दोनों मुख्य रूप से श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं और सांस व दूषित सतह के संपर्क से फैलते हैं।
HMPV कोई नया वायरस नहीं है और यह कई देशों में पहले भी पाया गया है। हालांकि, इसका कोई ऐसा वैरिएंट नहीं है जो कोरोना की तरह तेजी से फैले।
WHO का अपडेट WHO ने अभी तक HMPV को लेकर कोई विशेष अपडेट जारी नहीं किया है। हालांकि, स्थिति पर नजर रखी जा रही है। हालांकि, चीन के पड़ोसी देशों ने WHO से इस बारे में सही अपडेट जारी करने की मांग की है।
Baten UP Ki Desk
Published : 8 January, 2025, 2:14 pm
Author Info : Baten UP Ki