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आपको जेल भी पहुँचा सकता है, ये 'लव हार्मोन'

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उत्तर प्रदेश के खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) और STF ने हाल ही में एक बड़ी कार्रवाई की है, जिसमें भारी मात्रा में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद किए गए हैं। इस घटना ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी कर दिया है और इसकी गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित विभागों को सतर्क किया गया है। लेकिन ये सिर्फ एक इंजेक्शन ही तो है तो इसे लेकर इतना अलर्ट करना की क्या जरूरत है? सबसे पहले यह समझना जरूरी है कि ऑक्सीटोसिन क्या है।

ऑक्सीटोसिन क्या है?

ऑक्सीटोसिन एक महत्वपूर्ण हार्मोन है जिसका उपयोग चिकित्सा के क्षेत्र में किया जाता है। खास तौर पर  शिशु के जन्म और उसके बाद महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म में ऑक्सीटोक्सीन काफी मददगार होता है। यह हार्मोन मुख्य रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा महिलाओं के प्रसव में मदद के लिए दिया जाता है। यह महिलाओं के लिए बच्चे को जन्म देते  समय काफी मददगार साबित होता है इसलिए इसे लव हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा, पशुपालन में भी इसका उपयोग होता है, लेकिन इस पर सख्त नियम हैं। जानवरों पर इसके प्रयोग को लेकर कई गंभीर नियम और कानून बनाए गए हैं, क्योंकि इसके उपयोग से निकाले गए दूध का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।

1.38 करोड़ रुपये के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन किए गए बरामद-

हाल ही में FSDA और STF की टीम ने 1.38 करोड़ रुपये के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बरामद किए हैं, जो बिहार के गया से लाए गए थे और लखनऊ में पकड़े गए। यह घटना एक बड़े नेटवर्क के सक्रिय होने की ओर संकेत करती है, जो अवैध रूप से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की सप्लाई कर रहा है। यह इंजेक्शन स्त्री रोग विशेषज्ञ के पर्चे पर ही दिया जाता है, लेकिन तस्करों द्वारा इसका अवैध रूप से जानवरों पर इस्तेमाल किया जा रहा है। जानवरों पर इस इंजेक्शन का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित है।

ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का अवैध इस्तेमाल-

पशुओं में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का अवैध इस्तेमाल करना एक गंभीर अपराध है, और इसके लिए सरकार ने कड़े दंड का प्रावधान किया है। Prevention to Cruelty to Animals Act, 1960 के सेक्शन-12 के तहत इसे दंडनीय अपराध माना गया है। इसके अलावा, Food and Drug Adulteration Prevention Act, 1940 के तहत ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन को Schedule 'H' Drug की श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि केवल पशु चिकित्सक के परामर्श और निगरानी में ही इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। जबरन इसका उपयोग करने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।

ऑक्सीटोसिन के नकारात्मक प्रभाव-

भारत सरकार ने भी ऑक्सीटोसिन के नकारात्मक प्रभावों को स्वीकार किया है और इसे अनुसूचित पदार्थ घोषित किया है। बिना चिकित्सक की अनुमति के इन इंजेक्शनों को खरीदना, बेचना, या उपयोग करना कानूनन अपराध है। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगे दूध का सेवन बच्चों के पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और युवाओं में हार्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है। इसके अलावा, ऐसे दूध के नियमित सेवन से इम्युनिटी कमजोर हो सकती है और यहां तक कि स्तन कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।

ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा-

इस तरह की तस्करी न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा है। ऑक्सीटोसिन का अवैध इस्तेमाल लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है, और इसके भयंकर परिणाम भी हो सकते हैं। इसलिए, इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन को मिलकर काम करना होगा और तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी होगी।

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