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भारत में आमतौर पर गायों की कीमत 70 से 80 हजार रुपए होती है। इसके बाद ब्रीड और खासियत के हिसाब से कीमत बढ़ती–घटती रहती है। ज्यादा से ज्यादा यह कीमत 5 लाख या अधिकतम 10 लाख तक जाती है। अगर आपसे मैं पूछूं कि अधिकतम एक गाय की कीमत कितनी हो सकती है… तो शायद आप भी 5 लाख या 10 लाख ही जवाब देंगे। हालांकि आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ब्राजील में एक गाय 40 करोड़ रुपए में बिकी है … इस गाय का भारत से क्या है नाता आइए जानते हैं...
एक गाय की कीमत 40 करोड़ रुपये?
इस बार ब्राजील में एक नीलामी के दौरान नेलोर प्रजाति की गाय की कीमत 4.8 मिलियन अमरीकी डॉलर लगाई गई जिसे अगर हम भारतीय रुपये के हिसाब से देखें तो 40 करोड़ रुपये के बराबर है। इतना ही नहीं, यह दुनिया में सबसे महंगी कीमत पर बेची जाने वाली गाय बन गई है। पशुओं की नीलामी के इतिहास में यह बिक्री एक मील का पत्थर साबित हुई है। इस नस्ल को जेनेटिकली तौर पर और भी ज़्यादा विकसित किया गया है। इससे ऐसी संतान पैदा होने की संभावना है, जो इससे भी बेहतर होगी। आइए अब आपको इस गाय की खासियत के बारे में बताते हैं।
नेलोर प्रजाति की गाय का भारत से है नाता-
पहले इस गाय और इसके इतिहास के बारे में जान लेते हैं। उसके बाद तब समझेंगे कि आखिर इस गाय की कीमत इतनी ज्यादा क्यों है। दरअसल ये गाय नेलोर प्रजाति की है। नेलोर गाय, जिसे ओंगोल गाय के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय गायों का एक प्रसिद्ध नस्ल है। ये अपनी ताकत, सहनशक्ति और बेहतरीन दूध उत्पादन क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। नेलोर गाय मूल रूप से भारत के आंध्र प्रदेश राज्य के नेल्लोर जिले से आती है, इसीलिए इस प्रजाति का नाम भी नेलोर रखा गया है। 18वीं शताब्दी में, इस नस्ल को ब्राजील लाया गया और ये वहां के मवेशी उद्योग का आधार बन गई। आज, नेलोर गाय दुनियाभर में 100 से अधिक देशों में पाई जाती है।
नेलोर प्रजाति की गाय की खासियत-
इसका रंग सफेद होता है और इसकी त्वचा ढीली और लचीली होती है। इसका एक ख़ास कूबड़ होता है जो कंधे और गर्दन के शीर्ष पर स्थित होता है। इस गाय का वजन 400-800 किलोग्राम तक हो सकता है और ये प्रतिदिन 10-15 लीटर दूध दे सकती है। इसे वियटिना-19 एफआईवी मारा इमोविस के नाम से जाना जाता है। इस गाय की खासियत ये है कि ये काफी गर्म तापमान में भी रह सकती हैं। इनका मेटाबोलिक फंक्शन काफी मजबूत होने से इनमें किसी तरह का इंफेक्शन नहीं होता। ब्राजील में जमकर गर्मी होती है, इसलिए वहां यह गाय काफी पसंद की जाती है। वहां के लोग इसे आसानी से पाल सकते हैं। ब्राजील में करीब 80 फीसदी गायें ओंगोल नस्ल की हैं। खास बात, यह पर्यावरण के हिसाब से खुद को ढाल लेती है। इसीलिए इसकी कीमत इतनी ज़्यादा होती है।
सीनियर प्रोडूसर
Published : 28 March, 2024, 6:17 pm
Author Info : केशरी पाण्डेय 'बातें यूपी में' में सीनियर प्रोडूसर के रूप में काम कर रहे हैं। डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में आपके पास करीब 5 साल का अनुभव है। आप समस...