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इंडियन पासपोर्ट का बढ़ा जलवा! कौन-से 59 देश अब कहेंगे "Welcome Without Visa"?

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भारत ने हेनले पासपोर्ट इंडेक्स की ताजा रैंकिंग में बड़ा सुधार दर्ज करते हुए 85वें से 77वें स्थान तक की छलांग लगाई है। यह रैंकिंग जुलाई 2025 में प्रकाशित हुई है और इसे अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के आंकड़ों पर आधारित माना जाता है। नई स्थिति के मुताबिक, अब भारतीय पासपोर्टधारकों को 59 देशों में वीजा-मुक्त या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा मिलती है।

क्या है हेनले पासपोर्ट इंडेक्स?

हेनले इंडेक्स दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्टों की रैंकिंग करता है, जो यह बताता है कि एक देश का पासपोर्टधारी कितने देशों में बिना वीजा या वीजा-ऑन-अराइवल सुविधा के साथ यात्रा कर सकता है। इसमें डेटा IATA द्वारा उपलब्ध कराए गए अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित होता है।

भारत के लिए क्या बदला?

भारत की वीजा-मुक्त पहुंच में भले ही सिर्फ दो नए देश जुड़े हों, लेकिन कूटनीतिक प्रयासों और द्विपक्षीय समझौतों की बदौलत पासपोर्ट की विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले वर्षों में भारत और अधिक देशों के साथ ऐसे समझौते कर सकता है।

शीर्ष पर कौन?

  • सिंगापुर ने अपनी नंबर-1 स्थिति बरकरार रखी है। उसके नागरिक 193 देशों में वीजा मुक्त यात्रा कर सकते हैं।

  • जापान और दक्षिण कोरिया संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर हैं, जहां 190 गंतव्यों तक वीजा फ्री पहुंच उपलब्ध है।

  • फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, डेनमार्क जैसे यूरोपीय देश तीसरे स्थान पर हैं, जहां 189 गंतव्यों की वीजा-मुक्त सुविधा है।

दिग्गजों की स्थिति में गिरावट

अमेरिका और ब्रिटेन की पासपोर्ट रैंकिंग में गिरावट आई है:

  • अमेरिका 10वें स्थान पर पहुंच गया है, और अब केवल 182 देशों में ही वीजा-मुक्त पहुंच है।

  • ब्रिटेन 6वें स्थान पर खिसक गया है, जिसके नागरिक 186 देशों तक बिना वीजा यात्रा कर सकते हैं।

सऊदी अरब और एशियाई देशों का प्रदर्शन

सऊदी अरब ने चार नए वीजा-मुक्त गंतव्यों के साथ 54वें स्थान पर अपनी स्थिति मजबूत की है। यह इस बात का संकेत है कि मध्य पूर्व के देश भी वैश्विक ट्रैवल फ्रेंडली बनने की दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

विदेश नीति विशेषज्ञों के अनुसार, “भारत की पासपोर्ट रैंकिंग में यह सुधार विदेश मंत्रालय की रणनीतिक कूटनीति का नतीजा है। जैसे-जैसे भारत का वैश्विक प्रभाव बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय यात्रा में और अधिक सुविधाएं मिलने की संभावना है।”

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