बड़ी खबरें

ब्राजील दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी का हुआ भव्य स्वागत, जी20 देशों के सम्मेलन में होंगे शामिल, पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुआ था जी20 सम्मेलन 3 दिन पहले स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल की हुई सफल टेस्टिंग, 1500 किलोमीटर से ज्यादा रेंज, साउंड से 5 गुना तेज है इसकी रफ्तार 3 दिन पहले जहरीली हुई गाजियाबाद की हवा,AQI 400 के पार, NCR में ग्रेप-4 लागू, सबसे ज्यादा लोनी इलाका प्रभावित 3 दिन पहले झांसी में 10 बच्चों की मौत के बाद जागा प्रशासन, पूरे यूपी में ताबड़तोड़ कार्रवाई, 80 अस्पतालों को बंद करने का नोटिस 3 दिन पहले यूपी के 46 स्टेट हाइवे सहित 196 सड़कों को किया जाएगा चौड़ा, खराब सड़क बनाने वालों पर गाज गिरनी तय 3 दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा TGT 2013 भर्ती मामला, 6 सप्ताह बाद होगी सुनवाई, चयनित अभ्यर्थियों को विद्यालय आवंटित न किए जाने का उठाया गया मुद्दा 3 दिन पहले यूपी बोर्ड 2025 के लिए घोषित हुईं परीक्षा की संभावित तारीखें, महाकुंभ की वजह से इस बार देरी से हो सकती हैं परीक्षाएं 3 दिन पहले लखनऊ में लगातार गिर रहा पारा, लालबाग और तालकटोरा में हवा का प्रदूषण खतरनाक, पछुआ हवा ने दूर किया कोहरा 3 दिन पहले लखनऊ के KGMU में जल्द शुरू होगा बोन बैंक, ट्रांसप्लांट मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत,हड्डी के ट्यूमर पर एक्सपर्ट ने दी टिप्स 3 दिन पहले IIT दिल्ली में इंग्लिश लैंग्वेज इंस्ट्रक्टर की निकली भर्ती, एज लिमिट 45 साल, 75 हजार तक मिलेगी सैलरी 3 दिन पहले

दुनियाभर का दूसरा सबसे आम कैंसर, जानिए इससे जुड़े मिथक और तथ्य!

Blog Image

स्तन कैंसर के मामले दुनियाभर में चिंताजनक गति से बढ़ते जा रहे हैं। 2022 के आंकड़े बताते हैं कि करीब 23 लाख महिलाओं में नए ब्रेस्ट कैंसर के मामले दर्ज हुए, जबकि 670,000 महिलाओं ने इस घातक बीमारी के कारण अपनी जान गंवाई। यह कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक पाया जाने वाला कैंसर है, और दुनियाभर में यह दूसरा सबसे आम कैंसर है।

विशेषज्ञों के अनुसार, स्तन कैंसर का खतरा न केवल उम्रदराज महिलाओं को होता है, बल्कि युवा महिलाएं भी इसका शिकार बन रही हैं। इसके बढ़ने के पीछे आधुनिक जीवनशैली, असंतुलित आहार और पर्यावरणीय कारकों की प्रमुख भूमिका है। जिन महिलाओं के परिवार में पहले से स्तन कैंसर का इतिहास है, उनमें इसका जोखिम और भी अधिक हो जाता है।

अक्टूबर को विश्वभर में 'स्तन कैंसर जागरूकता माह' के रूप में मनाया जाता है, ताकि इसके प्रति लोगों में जागरूकता फैल सके और इससे बचाव के उपाय किए जा सकें। इस बीमारी से बचाव के लिए सही जानकारी बेहद महत्वपूर्ण है। आइए, स्तन कैंसर से जुड़े कुछ आम मिथकों और उनके पीछे के तथ्यों को जानें।

मिथक 1: सिर्फ महिलाओं को ही होता है स्तन कैंसर

यह आम धारणा है कि ब्रेस्ट कैंसर केवल महिलाओं को होता है, लेकिन यह पूरी तरह सही नहीं है। ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पुरुषों में भी होता है, हालांकि उनकी संख्या महिलाओं की तुलना में कम है। नेशनल ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन के अनुसार, 2024 में लगभग 2,800 पुरुषों में स्तन कैंसर का निदान होने की संभावना है और 530 पुरुषों की इस कारण मृत्यु हो सकती है। इसलिए, यदि पुरुषों को भी स्तनों में गांठ या निप्पल से रक्तस्राव जैसी समस्याएं होती हैं, तो इसे नज़रअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मिथक 2: स्तन में गांठ का मतलब है स्तन कैंसर

हालांकि स्तन में गांठ को ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आम लक्षणों में से एक माना जाता है, लेकिन हर गांठ का मतलब स्तन कैंसर नहीं होता। कई बार यह गांठ लिंपोमा यानी वसा के जमाव के कारण भी हो सकती है, जो हानिरहित होती है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आपको स्तन में कोई नई गांठ महसूस होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें और जल्द से जल्द इसका निदान करवाएं। ब्रेस्ट इमेजिंग टेस्ट के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि गांठ सामान्य है या कैंसर का संकेत है।

मिथक 3: ब्रा पहनने से हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर

इंटरनेट पर आपने यह जरूर सुना होगा कि ब्रा पहनने से स्तन कैंसर हो सकता है, खासतौर पर अंडरवायर वाली ब्रा। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ये ब्रा स्तनों में लिंफ फ्लूड के प्रवाह को बाधित कर सकती हैं, जिससे विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं और कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस दावे के समर्थन में कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसलिए ब्रा पहनने और स्तन कैंसर के बीच सीधा संबंध नहीं माना जा सकता।

मिथक 4: ज्यादा चीनी खाने से स्तन कैंसर होता है

अधिक चीनी का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन इससे ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ने के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं। शरीर की सभी कोशिकाएं, चाहे वे सामान्य हों या कैंसरग्रस्त, ऊर्जा के लिए रक्त में मौजूद चीनी (ग्लूकोज) का उपयोग करती हैं। हालांकि, कैंसर कोशिकाएं सामान्य कोशिकाओं की तुलना में अधिक चीनी का उपयोग करती हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि चूहों में अधिक चीनी के सेवन से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, लेकिन इंसानों में इस संबंध में और अधिक शोध की आवश्यकता है।

मिथक 5: जिनके परिवार में स्तन कैंसर का इतिहास है, उन्हें ही होता है यह कैंसर

यह सच है कि जिन महिलाओं के परिवार में पहले स्तन कैंसर के मामले रहे हैं, उनमें इसका जोखिम अधिक होता है। लेकिन, परिवार में स्तन कैंसर का कोई इतिहास न होने पर भी महिलाओं को यह कैंसर हो सकता है। 85% से अधिक स्तन कैंसर के मामलों में मरीजों के परिवार में कोई कैंसर इतिहास नहीं होता।

स्तन कैंसर से बचाव के उपाय

  1. नियमित जांच: स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के लिए नियमित रूप से सेल्फ एग्जामिनेशन और मैमोग्राफी जांच कराएं।
  2. स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार लें, धूम्रपान और शराब से बचें, और नियमित रूप से व्यायाम करें।
  3. लक्षणों को नज़रअंदाज न करें: स्तनों में किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  4. शारीरिक गतिविधि: अध्ययन बताते हैं कि नियमित शारीरिक गतिविधि स्तन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक होती है।
  5. संतुलित आहार: आहार में फल, सब्जियां और संपूर्ण अनाज को प्राथमिकता दें और अस्वास्थ्यकर वसा के सेवन से बचें।

स्तन कैंसर एक गंभीर समस्या है, लेकिन सही जानकारी और सावधानी से इसे रोका जा सकता है। मिथकों के बजाय तथ्यों पर ध्यान देना और समय-समय पर जांच कराना बेहद महत्वपूर्ण है। स्तन कैंसर से लड़ने के लिए हर महिला को जागरूक होना और सही कदम उठाना जरूरी है। Remember, early detection is the key to winning the fight against breast cancer!

 
4o

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें