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आज हम एक ऐसे मुद्दे को छूने जा रहे हैं जो बेहद अहम और ज्वलंत है, वह है भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली। एक ऐसी प्रणाली जो प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्तरों पर आधारित है, लेकिन क्या ये प्रणाली वास्तव में अपनी जिम्मेदारी निभा रही है? क्या हमारे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी सही मायनों में सुरक्षित हैं? ये सवाल सिर्फ मरीजों के जीवन से ही नहीं जुड़े, बल्कि UPSC की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए भी बेहद प्रासंगिक हैं। तो आइए, गहराई से समझते हैं कि भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली कहाँ खड़ी है और इसके सामने चुनौतियाँ क्या हैं?
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की चुनौतियां-
भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बहुत विशाल है, पर इसमें कई चुनौतियाँ हैं। सबसे बड़ी समस्या है कमज़ोर बुनियादी ढांचा और स्टाफ की कमी। खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहाँ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) न तो ठीक से काम कर पा रहे हैं और न ही वहाँ पर्याप्त डॉक्टर या नर्स हैं।
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा पर सवाल-
Indians Medical Association (IMA) के अनुसार, 75% से अधिक डॉक्टरों को अपने काम के दौरान हिंसा का सामना करना पड़ा है। हाल ही में कोलकाता के RG Kar मेडिकल कॉलेज की घटना ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। डॉक्टरों से अत्यधिक उम्मीदें, सीमित संसाधन और इलाज में देरी के कारण मरीजों और उनके परिवारों में गुस्सा भड़कता है, जिसका शिकार डॉक्टर बनते हैं।
डॉक्टरों पर हिंसा के प्रभाव-
डॉक्टरों पर हो रही हिंसा न केवल उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालती है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य सेवा तंत्र पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ता है। कई डॉक्टर PTSD, चिंता और अवसाद का सामना करते हैं, जिससे उनकी काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
कानून और सुरक्षा उपायों की कमी-
हालांकि 26 राज्यों में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए कानून हैं, लेकिन केंद्र स्तर पर कोई स्पष्ट और सख्त कानून नहीं है। इस कमी के चलते डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में गंभीर खामियां हैं।
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को सशक्त बनाने के उपाय-
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अस्पतालों में फंडिंग बढ़ानी चाहिए, सुरक्षा उपकरण जैसे CCTV कैमरे और मेटल डिटेक्टर लगाने चाहिए। इसके साथ ही, एक केंद्रीय कानून की जरूरत है जो डॉक्टरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करे। मरीजों और उनके परिवारों की मानसिक स्थिति को संभालने के लिए काउंसलर्स की व्यवस्था भी आवश्यक है।
Baten UP Ki Desk
Published : 17 October, 2024, 7:28 pm
Author Info : Baten UP Ki