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स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनका अतुलनीय व्यक्तित्व और कृतित्व देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा। आपको बता दे कि आज देशभर में स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती मनाई जा रही है। महामना के रुप जाने जाने वाले पंडित मदन मोहन मालवीय एक भारतीय शिक्षाविद् और स्वतंत्रता सेनानी भी थे। जिन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी।
महामना मालवीय की जिंदगी का ऐसा रहा सफर -
आपको बता दे कि पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 को प्रयागराज में हुआ था। वर्ष 1909 में उन्होंने कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन की अध्यक्षता की थी। पूरे देश में आधुनिक शिक्षा को बढ़ावा देने में एक अभिन्न भूमिका निभाई और बाद में 1916 में वाराणसी में बीएचयू की स्थापना की। बीएचयू एशिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। उनके सबसे प्रसिद्ध नारों में से एक नारा 'सत्यमेव जयते' है यह नारा उन्होंने 1918 के सत्र में तब दिया था जब वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे। साथ ही उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और अहम भूमिका निभाई। उनका 12 नवंबर 1946 को निधन हो गया था। इसके बाद उन्हें वर्ष 2014 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया।
PM मोदी ने दी महामना को अर्पित की श्रद्धाजंली-
पीएम मोदी ने आज स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि ‘भारत और भारतीयता को समर्पित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उनका अतुलनीय व्यक्तित्व और कृतित्व देश की हर पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा।’ साथ ही आपको बता दे कि पीएम मोदी शाम को लगभग 4:30 बजे विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में 'पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं’ के 11 खंडों की प्रथम श्रृंखला का विमोचन करेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर उपस्थित गणमान्यजनों को संबोधित भी करेंगे। ‘अमृत काल’ में प्रधानमंत्री का यह दृष्टिकोण रहा है कि राष्ट्र की सेवा में अमूल्य योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को उचित सम्मान दिया जाए। 'पंडित मदन मोहन मालवीय की संकलित रचनाओं’ का विमोचन इसी दिशा में एक सराहनीय प्रयास है।
मालवीय के लेखों और भाषणों का संग्रह-
ये द्विभाषी रचनाएं (अंग्रेजी और हिंदी) 11 खंडों में लगभग 4,000 पृष्ठों में हैं, जो देश के हर कोने से एकत्र किए गए पंडित मदन मोहन मालवीय के लेखों और भाषणों का संग्रह है। इन खंडों में उनके अप्रकाशित पत्र, लेख और ज्ञापन सहित भाषण; वर्ष 1907 में उनके द्वारा प्रारम्भ किए गए हिंदी साप्ताहिक 'अभ्युदय' की संपादकीय सामग्री, समय-समय पर उनके द्वारा लिखे गए लेख, पैम्फलेट एवं पुस्तिकाएं, वर्ष 1903 और वर्ष 1910 के बीच आगरा और अवध के संयुक्त प्रांतों की विधान परिषद में दिए गए सभी भाषण, रॉयल कमीशन के समक्ष दिए गए वक्तव्य; वर्ष 1910 और वर्ष 1920 के बीच इंपीरियल विधान परिषद में विभिन्न विधेयकों को प्रस्तुत करने के दौरान दिए गए भाषण, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना से पहले और उसके बाद लिखे गए पत्र, लेख एवं भाषण; और वर्ष 1923 से लेकर वर्ष 1925 के बीच उनके द्वारा लिखी गई एक डायरी शामिल हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 25 December, 2023, 11:21 am
Author Info : Baten UP Ki