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(Special Story) बीते कुछ महीने पूर्व चीन में कोविड के नए वैरिएंट JN1 फैलने की ख़बरें सामने आई थी जिसके बाद से ही दुनिया में इसे लेकर चिंता बढ़ गई है। हालांकि JN.1 सब-वैरिएंट ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। लखनऊ में आलमबाग इलाके में एक महिला में कोरोना वॉयरस की पुष्टि होने के बाद उन्हें होम आईसोलेशन में रखा गया हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने नमूना जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए केजीएमयू भेजा है। इसे लेकर अफसरों का कहना है महिला में कोरोना के नए वैरिएंट JN.1 हल्के लक्षण हैं। उसकी सेहत की निगरानी की जा रही है।
79 साल की महिला में हुई JN.1 की पुष्टि-
आपको बता दे कि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के मुताबिक़, 8 दिसंबर को भारत के केरल में स्थित तिरुवनंतपुरम में सबसे पहला JN.1 वैरिएंट का केस सामने आया था। जांच में 79 साल की एक महिला की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी के हल्के लक्षण थे। हालांकि ट्रीटमेंट के बाद वह ठीक हो गई।
देश में अब तक 26 मिले मरीज-
इसके बाद से अब तक भारत में JN.1 सब वेरिएंट के करीब 26 मामले सामने आए हैं, जिससे लोगों और सरकार की चिंता बढ़ गई है। 25 नए मामलों में से गोवा से 19, राजस्थान से 4 और एक-एक केरल, दिल्ली, महाराष्ट्र में पाए गए हैं। गोवा में पाए गए JN.1 सब वेरिएंट के सभी 19 मामलों की निष्क्रियता की पुष्टि की गई है। मरीजों से एकत्र किए गए नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के दौरान वेरिएंट का पता चला था। हांलाकि राज्य के महामारी विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत सूर्यवंशी ने पीटीआई को बताया कि मरीजों में J.1 वेरिएंट वाले मरीजों में हल्के लक्षण थे और वे अब ठीक हो गए हैं।
यूपी में जारी हुआ अलर्ट-
वहीं कई राज्यों से इस तरह के मामले सामने आने के बाद राज्य सरकार ने यूपी में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। लेकिन क्या वाकई यह कोरोना का नया स्ट्रेन घातक है, यह लोगों के लिए चिंता का विषय क्यों बना हुआ है, क्या यह वेरिएंट संक्रामक है, अगर इन सभी सवालों का जवाब हां है तो आखिर इससे बचाव का तरीका क्या है? यूपी में इसे लेकर क्या गाइडलाइन तय की गई है?
तो आइए इन्हीं सभी सवालों पर विस्तार से जानते हैं......
JN.1 सब वैरिएंट क्या है?
दरअसल, हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने जेएन1 कोरोना वायरस स्ट्रेन को "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है। सब वेरिएंट JN1, ओमिक्रॉन के BA.2.86 वेरिएंट का वंशज है, जिसे आमतौर पर पिरोला कहा जाता है और यह बिल्कुल नया नहीं है। जानकारी के लिए बता दें कि BA.2.86 ओमीक्रॉन का एक नया नामित संस्करण है, जो स्वयं SARS-CoV-2 का एक प्रकार है, जो वायरस COVID-19 का कारण बनता है।
बता दें कि कोविड के सब-वेरिएंट JN1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया और अब इस वायरस के मामले अमेरिका, चीन, सिंगापुर, भारत और कुछ यूरोपीय देशों में दिखे हैं। इस वेरिएंट का पहला मामला सितंबर में अमेरिका में पाया गया था और फिर पूरी दुनिया में धीरे-धीरे इसके मामले सामने आने लगे।
क्या यह नया स्ट्रेन संक्रामक है ?
आपको बता दे कि अभी तक हुए रिसर्च के मुताबिक JN1 ओमिक्रॉन के बराबर ही संक्रामक है। यानी यह उतनी ही तेजी से फैलने वाला वैरिएंट है। यही वजह है कि यह चिंता का विषय बना हुआ है और WHO ने भी इसे "वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट" घोषित किया है। ऐसे में इस नए सब-वैरिएंट से बचने के लिए सावधानियां बरतनी जरूरी है।
चिंता की वजह क्यों ?
डॉक्टर बताते हैं कि यह सब-वेरिएंट चिंता की वजह इसलिए है, क्योंकि ओमिक्रॉन के बाद अब JN. 1 ज्यादा प्रचलित होता जा रहा है। अभी तक सिर्फ ओमिक्रोन ही दूर तक फैला हुआ था, लेकिन अब JN.1 इसकी जगह ले रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि नए वेरिएंट की रीप्रोड्यूसिबिलिटी और ट्रांसमिशन अन्य की तुलना में ज्यादा तेज है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि इसकी मॉड्यूलिटी अभी उतनी हाई नही है, जिनती बाकी कोरोना वेव्स के समय थी।
JN. 1 के लक्षण क्या है..
वहीं अगर हम इस नए वैरिएंट के लक्षण की बात करें तो यह स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन करता है और इम्यून सिस्टम को चकमा देने में भी सक्षम है। इसके लक्षण काफी हद तक पिछले वेरिएंट के समान ही हैं। इसमें बुखार, बहती नाक, गले में खराश, सिर दर्द और पेट दर्द, दस्त जैसे हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल के लक्षण शामिल हैं। इसकी संक्रामकता के बारे में चिंताओं के बावजूद रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने संकेत दिया है कि ऐसे कोई सबूत नहीं हैं, जिससे पता चले कि अन्य वैरिएंट्स की तुलना में JN.1 ज्यादा घातक है। हालांकि भले ही यह वैरिएंट हमारे इम्यून सिस्टम को चकमा देने में बेहतर हो, लेकिन इसके चलते अधिक गंभीर बीमारी या अस्पताल में भर्ती होने के मामलों में इजाफा होने के आसार बेहद कम हैं।
यूपी में सरकार ने दिए निर्देश-
अब जानतें हैं कि यूपी में इस नए वैरिएंट को लेकर क्या निर्देश दिए गए हैं। तो आपको बता दे कि यूपी में कोविड के नए वेरिएंट के खतरे को ध्यान में रखते हुए यूपी के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए सभी जिले तत्काल कदम उठाएं। लोगों की अधिक से अधिक जांच हो और किसी भी व्यक्ति की कोरोना की पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर उसका सैंपल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजा जाए। सांस के रोगियों के साथ साथ गंभीर रोगियों, बुजुर्ग व बच्चों को कोविड के नए वैरिएंट से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए जाएं।
कैसे करें बचाव-
बात बचाव कि करें तो कोरोना के नए सब-वेरिएंट JN.1 के इलाज के बारे में डॉक्टर खुद असमंजस में है, कि इसके इलाज के लिए ट्रीटमेंट क्या होगा और एंटी-वायरल इस्तेमाल होंगी या नहीं यह कहना मुश्किल है। हालांकि, कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप इससे खुद को बचा सकते हैं। जिसमें सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना होगा कि भीड़-भाड़ जगह पर जाने से बचे, बंद या कम हवादार इलाकों में जाने पर मास्क पहनें और जितना संभव हो दूसरों से सुरक्षित दूरी बनाएं रखें। वेंटिलेशन में सुधार करें, खांसते और छींकते समय अपनी नाक और मुंह को अच्छे से ढकें, अपने हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी से साफ करें। आप चाहें तो पूर्व की तरह ही हैंड सैनिटाइजर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा के खिलाफ वैक्सीन जरूर पूरी करें, खासकर अगर आप किसी गंभीर बीमारी के हाई रिस्क में हैं। अगर आप बीमार हैं, तो खुद को आइसोलेट कर घर पर ही रहें। अगर आप कोविड-19 या इन्फ्लूएंजा पीड़ित किसी व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो तुरंत परीक्षण ज़रूर करवाएं।
वहीं डॉ. आशुतोष पाठक ने कोरोना के नए वैरिंएंट JN.1 के बारें में जानकारी देते हुए बताया की JN.1 ओमिक्रोन वैरिएंट का सब वेरिएंट है। यानी की जो पहले ओमिक्रोन वैरिएंट था उसके स्पाइक प्रोटीन में कुछ म्युटेशन होने की वजह से यह नया वेरिएंट बन गया है। हांलाकि इससे अभी ज्यादा खतरे की कोई बात नहीं है लेकिन यह मनुष्य के इम्युनिटी सिस्टम को ब्रेक कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस वैरिंएंट से उन लोगों को भी खतरा है जिनको पहले कोविड हो चुका है और जिनका इम्युनिटी सिस्टम वीक है, या फिर जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है।
इसके बाद उन्होंने JN.1 के लक्षणों को लेकर बताया कि इसके लक्षण लगभग कोविड-19 जैसे ही है लेकिन अभी तक किसी मरीज में भी लंग्स के इंफेक्शन का खतरा नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि अभी नए वेरिएंट को लेकर घबराने वाली कोई बात नहीं है। बस लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। इसमें सबसे ज्यादा बुजुर्गों और उन्हें ध्यान देने की जरुरत है जिन्हें पहले से कोई बीमारी है। जैसे हाई ब्लड पेशर, सांस लेने में तकलीफ, या फिर जिनकी इम्युनिटी सिस्टम वीक हो।
डॉक्टर ने यह भी बताया कि अगर आप किसी भीड़ भाड़ वाली जगह से होकर आए हैं या फिर आपको कुछ दिनों से सर्दी, खांसी, जुकाम, है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें और ऐसे में इम्युनिटी का खासख्याल रखें ,खाने में हरी सब्जियों और सीजन के फलों की ही सेवन करें। अपने हाथों को समय- समय पर धोते रहें, साथ ही बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग करें।
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 22 December, 2023, 5:10 pm
Author Info : Baten UP Ki