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एक ऐसा एडवेंचर जो शारीरिक और मानसिक क्षमता का लेता है कड़ा इम्तिहान

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एक ऐसा एडवेंचर है जो न सिर्फ आपकी शारीरिक बल्कि मानसिक क्षमता का भी कड़ा इम्तिहान लेता है। पर्वतारोहण ऐसा ही एडवेंचर है जिसमें पर्वतारोही अपनी हिम्म्त के दम पर नई ऊँचाइयों को छूता है। पुराने जमाने से ही लोग पहाड़ों पर चढ़ते रहे हैं। लेकिन पहले लोग पहाड़ों पर धार्मिक कारणों से चढ़ते थे, लेकिन धीरे-धीरे पर्वतारोहण एक खेल के रूप में विकसित हो गया। 19वीं सदी में पर्वतारोहण एक लोकप्रिय खेल बन गया।  इसी दौरान कई पर्वतारोहियों ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वतों पर चढ़ाई की। पर्वतारोहण के प्रति उत्साही लोगों के लिए हर साल 1 अगस्त को "नेशनल माउंटेन क्लाइम्बिंग डे" मनाया जाता है। ये दिन पहाड़ों की चुनौती को स्वीकार करने और प्रकृति के आंचल में खो जाने का जश्न है।

साल 1953 में एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर पहली बार चढ़ाई की थी। अब आइए विस्तार से जानते हैं इस दिन से जुड़ी कई दिलचस्प बातें...

माउंटेन क्लाइम्बिंग डे की दिलचस्प शुरुआत-

नेशनल माउंटेन क्लाइम्बिंग डे की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में हुई थी। यह दिन भारत के पर्वतारोहण संगठन भारतीय पर्वतारोहण संघ द्वारा प्रस्तावित किया गया था। यह दिन ग्रैंड टेटन की पहली सफल चढ़ाई की याद में मनाया जाता है, जो 1 अगस्त 1898 को पूरी हुई थी। ग्रैंड टेटन व्योमिंग की टेटन रेंज की सबसे ऊंची चोटी है और इस चढ़ाई को एक टीम ने पूरा किया था। इस टीम में कुल सात पर्वतारोही थे, जिसे नथानिएल नैट लैंगफोर्ड ने लीड किया था। उनके अलावा इस टीम में टीएम बैनन, जेपी क्रैमर, जॉन शिवे, फ्रैंक स्पाल्डिंग, विलियम ओवेन और फ्रैंकलिन स्पाल्डिंग शामिल थे।  

पर्वतारोहण के लाभ-

पर्वतारोहण सिर्फ एक खेल नहीं है, यह एक अद्वितीय अनुभव है जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। यह न केवल शारीरिक शक्ति और सहनशक्ति को बढ़ाता है बल्कि मानसिक तनाव को भी कम करता है। पर्वतों की ऊँचाइयों पर पहुँचने से जो संतोष और आत्मविश्वास मिलता है, वह जीवन के अन्य पहलुओं में भी सकारात्मकता लाता है।

2024 की मुख्य बातें

इस वर्ष का पर्वतारोहण दिवस विशेष है क्योंकि इसमें कई अद्वितीय अभियानों और उपलब्धियों को सम्मिलित किया गया है।

  • महिला पर्वतारोहियों की उपलब्धियाँ-

2024 में, महिलाओं ने पर्वतारोहण में अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की हैं। जैसे कि अनामिका शर्मा ने हिमालय की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट को बिना ऑक्सीजन सिलिंडर के फतह किया। उनके इस अद्वितीय कारनामे ने सभी को प्रेरित किया है।

  • पर्यावरण संरक्षण पर जोर-

इस वर्ष, पर्वतारोहण के दौरान पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है। पर्वतारोहियों ने अपने अभियानों के दौरान प्लास्टिक कचरे को कम करने और स्थानीय जैव विविधता को बनाए रखने के प्रयास किए हैं।

  • युवा पर्वतारोहियों का उत्साह-

2024 में, कई युवा पर्वतारोहियों ने भी अपनी छाप छोड़ी है। युवा पर्वतारोहियों के लिए विशेष ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जिसमें उन्हें पर्वतारोहण के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारियों के बारे में भी जागरूक किया गया है।

पर्वतारोहण के लिए तैयारी-

पर्वतारोहण एक चुनौतीपूर्ण गतिविधि है और इसके लिए उचित तैयारी की आवश्यकता होती है। शारीरिक फिटनेस, मानसिक धैर्य, उचित उपकरण और मौसम की जानकारी बेहद महत्वपूर्ण हैं। पर्वतारोहियों को अपने अभियान के दौरान सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए और स्थानीय गाइड की सहायता लेनी चाहिए।

क्या हैं पर्वतारोहण की चुनौतियां?

ज्यादा ऊंचाई पर तापमान बहुत कम होता है, जिससे ठंड लग सकती है। ज्यादा ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। पहाड़ों पर मौसम बहुत तेजी से बदलता रहता है। खराब मौसम में पर्वतारोहण करना बहुत खतरनाक होता है। पहाड़ों पर भूस्खलन का खतरा हमेशा बना रहता है। 

पर्वतारोहण दिवस का महत्त्व-

राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हमारे सपने और लक्ष्य कितने भी ऊँचे क्यों न हों, उन्हें प्राप्त किया जा सकता है। यह दिवस उन साहसी आत्माओं का सम्मान करता है जिन्होंने अपनी सीमाओं को लांघकर नई ऊँचाइयों को छुआ है। पर्वतारोहण दिवस हमें प्रेरित करता है कि हम अपने जीवन में भी नई चुनौतियों का सामना करें और सफलता की नई ऊँचाइयों को छूएं। राष्ट्रीय पर्वतारोहण दिवस 2024 पर्वतारोहण के प्रति हमारे उत्साह और साहस का प्रतीक है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने सपनों को साकार करने के लिए पूरी मेहनत और धैर्य के साथ आगे बढ़ें। पर्वतों की ऊँचाइयों पर विजय प्राप्त करना केवल एक खेल नहीं, बल्कि जीवन की नई ऊँचाइयों को छूने का प्रतीक है।

पर्वतारोहण के लिए भारत में अच्छी जगहें- 

पर्वतारोहण एक रोमांचकारी और साहसिक खेल है  लेकिन कई सारी चुनौतियां का सामना भी करना पड़ता है। अगर आप भी इस एडवेंचर को ट्राई करना चाहते हैं, तो भारत की इन पांच जगहों को अपनी लिस्ट में कर सकते हैं शामिल।

अरूणाचल प्रदेश

नार्थ ईस्ट की एक और खूबसूरत जगह, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ पर्वतारोहण के लिए भी जाना जाता है।सेला पीक, नामचे बरवा पीक, केलिंगो, डाफा बम, कोम्डी माउंटेन, लुलुपो यहां के कुछ मशहूर क्लाइम्बिंग

उत्तराखंड-

उत्तराखंड का गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र पर्वतारोहियों के लिए बेहतरीन स्थान हैं। गढ़वाल में बर्फ से ढकी पहाड़ियों का अन्वेषण करना एक अद्वितीय रोमांच प्रदान करता है। नंदा देवी, त्रिशूल और कामेट पर्वत विशेष रूप से पर्वतारोहण के लिए मशहूर हैं। कुमाऊं भी पर्वतारोहियों के लिए उत्कृष्ट स्थान है, जहां आपको पर्वतारोहण के लिए कई प्रकार के पहाड़ मिलेंगे।

हिमाचल प्रदेश-

एडवेंचर का जिक्र हो और हिमाचल प्रदेश का नाम न आए, यह संभव नहीं है। हरियाली से आच्छादित क्षेत्र, बर्फ से ढके पहाड़, गहरी घाटियां, आकर्षक वन्य जीवन और कल-कल बहती नदियां इस जगह की सुंदरता को और भी बढ़ा देती हैं। हिमाचल में खारचा पर्वत, सफेद पाल, मेन्थोसा और हनुमान टिब्बा जैसे कई पहाड़ हैं, जहां आप अपने माउंटेन क्लाइम्बिंग का शौक पूरा कर सकते हैं।

सिक्किम-

अगर आप भारत में सबसे अच्छी पर्वतारोहण का अनुभव करना चाहते हैं, तो सिक्किम का रुख करें। यह जगह खासतौर से अपने ट्रैकिंग स्थानों के लिए जानी जाती है। माउंट तेनचेनखांग, फ्रे पीक, माउंट जोपुनो, माउंट लामा वांगडेन, और माउंट ब्रुमखांगसे जैसे कई विकल्प हैं जो चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ बेहद खास भी हैं। पर्वतारोहियों की सूची में सिक्किम का नाम जरूर शामिल होता है।

By Ankit Verma 

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