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(Special Story) देश भर में आज मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। आज मकर संक्रांति होने के साथ साथ शुभ दिनों की भी शुरुआत हो गई है। पिछले एक माह से चल रहे खरमास का आज समापन हो गया है। हिन्दू धर्म के लोग आज से अपने शुभ कार्य कर पाएंगे। दरअसल, हिंदू धर्म के अनुसार, खरमास के महीने को अशुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है कि खरमास के महीने में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य शादी- विवाह, मुण्डन, सगाई आदि नहीं करना चाहिए। हालांकि इस पूरे माह में भगवान की पूजा में कोई रोक नहीं लगाई जाती है। ऐसे में सभी के मन में सबसे पहला सवाल यह उठता है कि क्या होता है खरमास और हिन्दू धर्म के इसका समापन कब होता है? खरमास में किन किन चीजों का दान दिया जाता है? खरमास खत्म होने के बाद लोगों के जीवन पर इसका कैसा प्रभाव पड़ता है? तो आइये जानते हैं....
कैसे शुरू होता है खरमास?
हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब सूर्य देव वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास शुरू हो जाता है। इस दौरान सूर्य देव बृहस्पति की राशि में होते हैं, जिससे उनका प्रभाव कमजोर हो जाता है। इसलिए इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। खरमास की अवधि एक महीने की होती है। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, जनेऊ संस्कार आदि मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। ऐसे में खरमास के दौरान यदि आप कोई भी शुभ कार्य करते हैं तो ये आपके लिए अशुभ भी साबित हो सकता है।
कब और कैसे होता है समापन?
आपको बता दें कि खरमास का समापन मकर संक्रांति के दिन होता है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन से सूर्य देव उत्तरायण हो जाते हैं और उनकी गति तेज हो जाती है। इसलिए इस दिन से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। खरमास के दौरान कुछ लोग दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों में अधिक समय देते हैं और खरमास के आखिरी दिन यानी की मकर संक्रांति को लोग सुबह गंगा स्नान करने के साथ तिल गुड़ का दान करते है। मकर संक्रांति पर दान-पुण्य करने से पुण्यों की प्राप्ति होती है।
खरमास में क्या क्या करना चाहिए?
वहीं "बातें यूपी की" टीम ने खरमास और उसके समापन से लोगों के जीवन में होने वाले बदलावों को लेकर पण्डित सर्वज्ञ तिवारी शास्त्री से बात की, तो उन्होंने बताया कि खरमास के महीने में हमें अक्षत पुण्य प्राप्त करने के लिए भगवान सूर्य देव और भगवती मां तुलसी की उपासना करना चाहिए। हमें सूर्य मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही खरमास के माह हमारे पितरों के लिए अत्यंत फलदाई होता है। यदि हम इस माह में अपने पितरों के नाम से कोई कार्य करें तो उसका फल हमें बहुत जल्द देखने को मिलता है। आपको बता दें कि हमें खरमास के महीने में कई चीजों का ध्यान भी रखना होता है। खरमास माह में हमें नियमित रूप से तुलसी जी की पूजा करनी चाहिए और प्रत्येक दिन शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक भी जलाना चाहिए। इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा, भगवान श्री कृष्ण, भगवान विष्णु जी की भी पूजा करें, आपकी परेशानियां, कष्ट, दुख-दर्द कम हो सकते हैं।
क्या- क्या होंगे बदलाव?
वहीं अगर हम खरमास समापन के बाद होने वाले बदलावों के बारें में बात करें, तो आचार्य जी ने खरमास समापन के बाद होने वाले बदलावों को लेकर बताया कि खरमास समापन के बाद लोगों के जीवन में बहुत सारे बदलाव होते हैं। जैसे एक वर्ष में दो आयन होते हैं। जिसमें से एक दक्षिणायन और एक उत्तरायण होता है। ठीक वैसे ही साल भर में देवताओं और राक्षसों के लिए हो प्रकार का समय होता है। जिसमें 6 महीने देवाताओं की रात्रि होती है और 6 महीने देवताओं का दिन होता है। ऐसे में आज से देवताओं का दिन प्रारंभ हुआ है। इससे पहले हमारे देवताओं की रात्रि थी और राक्षस का दिन था, इस दौरान सभी राशियों और कुंडलियों पर भगवान सूर्य देव का प्रभाव पड़ना बंद हो गया था। लेकिन आज से भगवान सूर्य देव उत्तरायण हो गए हैं और खरमास का समापन हो गया है। ऐसे में सभी लोग आज से लेकर 30 अप्रैल तक सभी प्रकार के शुभ कार्य कर सकते हैं।
खरमास समापन के बाद मिलने वाले लाभ
आचार्य जी ने बताया कि हिन्दू धर्म में ऐसा कहा गया है कि खरमास के महीने में समस्त देवी देवताओं का प्रयागराज में निवास हो जाता है। यह एक ऐसा विशेष उत्सव होता है। जिसके बाद देवताओं के दिन प्रारंभ हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि खरमास समापन का प्रभाव किसी एक राशि पर नहीं पड़ता है। सभी की राशियों की कुंडली के अनुसार, सभी लोगों के जीवन में खरमास समापन का अलग-अलग प्रभाव पड़ता है, लेकिन यदि किसी भी व्यक्ति के लग्न में सूर्य है, तो उस राशि के व्यक्ति के जीवन में खरमास समाप्ति के बाद कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। उसका व्यवसाय आगे बढ़ता है और उसकी जीवन में कई सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। साथ ही यदि किसी की राशि कुंडली में और भाव से शनि देव का प्रवेश है तो उस पर खरमास समापन का कम प्रभाव पड़ता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 15 January, 2024, 5:14 pm
Author Info : Baten UP Ki