बड़ी खबरें

सपा सांसद जिआउर्रहमान बर्क समेत पांच पर FIR, संभल में हिंसा भड़काने का आरोप 11 घंटे पहले 24 फरवरी से शुरू होंगी यूपी बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं 11 घंटे पहले हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात, सपा सांसद और विधायक के बेटे पर FIR, कुल 2500 पर केस 11 घंटे पहले लखनऊ सहित पश्चिमी यूपी के कई जिलों में निपुण परीक्षा स्थगित, स्कूल बंद होने के कारण लिया गया निर्णय 11 घंटे पहले आज के बड़े घटनाक्रम पर्थ टेस्ट में जीत की दहलीज पर भारत, तेज गेंदबाजों के सामने ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज ढेर 11 घंटे पहले पर्थ टेस्ट-भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रन से हराया 11 घंटे पहले सरफराज पर नहीं लगी बोली, दिल्ली प्रीमियर लीग में छह छक्के लगाने वाले प्रियांश को 3.80 करोड़ 5 घंटे पहले समुद्र के रास्ते भारत में हो रही नशे की तस्करी, भारतीय तटरक्षक बल ने नाव से पकड़ी 5500 किलो ड्रग्स 4 घंटे पहले इस्कॉन बांग्लादेश के चिन्मय प्रभु गिरफ्तार:देशद्रोह का केस; उनकी रिहाई के लिए प्रदर्शनकारियों ने ढाका में सड़कें जाम की 4 घंटे पहले

क्या ब्लड क्लॉटिंग की वजह बन रही है कोरोना वैक्सीन?

Blog Image

कोरोना महामारी में बहुत मददगार साबित होने वाली कोविड वैक्सीन के बारे में बेहद चौकाने वाले खुलासे हुए हैं। ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने अदालत में माना है कि कोविशील्ड दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम के साथ थ्रोम्बोसिस (TTS) का कारण बन सकता है। इससे खून के थक्के बन सकते हैं और प्लेटलेट काउंट कम हो जाता है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के कई गंभीर मामलों में यह स्ट्रोक और हार्ट अटैक का कारण भी बन सकता है।

कोविड-19 महामारी के दौरान एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से विकसित कोविशील्ड का प्रोडक्शन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से किया गया था। भारत में भी बड़े पैमाने पर ये वैक्सीन लगाई गई है। 

हार्ट अटैक का खतरा-

ब्रिटिश मीडिया टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका पर आरोप है कि उनकी वैक्सीन से कई लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। पीड़ितों ने एस्ट्राजेनेका से करीब 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है। ब्रिटिश हाईकोर्ट में जमा किए गए दस्तावेजों में कंपनी ने माना है कि उसकी कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी TTS हो सकता है। इस बीमारी से शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है।

टीटीएस क्या होता है ?

थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की वजह से शरीर में दो गंभीर समस्याएं एक साथ हो सकती हैं। इससे शरीर में खून के थक्के ( ब्लड क्लॉट) बनते हैं, और प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती हैं। टीटीएस की वजह से शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं।  जिसको मेडिकल की भाषा में ब्लड क्लॉट कहा जाता है। खून में थक्का तब बनता है जब ब्लड में प्लेटलेट्स और प्रोटीन एक साथ चिपकने लग जाते हैं. कई मामलों में ये थक्के शरीर में खुद ही घुल जाते हैं और किसी बीमारी का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन अगर किसी के शरीर में ये थक्के नहीं घुलते हैं तो ये कई तरह की गंभीर परेशानियों का कारण बन सकते हैं।

ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क

अगर थ्रोम्बोसिस ब्रेन में होता है तो इससे ब्रेन में ब्लड क्लॉट बन जाता है. दिमाग में खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पाती है। इससे ब्रेन हैमरेज और ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क रहता है। टीटीएस से शरीर में प्लेटलेट्स की कमी का कारण भी बन सकता है। इससे कई तरह के ब्लड डिसऑर्डर होने का रिस्क रहता है।

क्या होते हैं खून का थक्का बनने के लक्षण ?

  • हाथ और पैर में लगातार दर्द
  • बोलने में परेशानी
  • अचानक तेज़ सिरदर्द
  • चक्कर आना
  • छाती या ऊपरी शरीर के अन्य हिस्से में दर्द
  • सांस लेने में परेशानी
  • तेज पसीना आना
  • बेहोशी
  • पीठ में दर्द

कैसे करें बचाव?

  • समय समय पर अपनी जांच कराएं
  • प्रतिदिन व्यायाम करें
  • तनाव मुक्त रहें
  • स्वस्थ भोजन करें
  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें
  • अपने वजन को कंट्रोल में रखें.

अन्य ख़बरें