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यूपी की राजधानी लखनऊ में पहली बार 76वां भारतीय सेना दिवस मनाया जा रहा है। यह दूसरी बार है जब सेना दिवस परेड (Army Day Parade) का लगातार दूसरे साल दिल्ली से बाहर आयोजन किया गया है। लखनऊ के परेड ग्राउंड में आयोजित इस परेड में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल मुख्य अतिथि हैं। इसके बाद आज शाम को शौर्य संध्या का आयोजन होगा। जिसमें सेना से जुड़े मार्शल आर्ट्स, डॉग डेयर समेत कई हैरतअंगेज कर्तव्य दिखाए जाएंगे।
भारतीय सेना दिवस का महत्व-
आपको बता दें कि भारतीय सेना दिवस भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक की याद दिलाता है। इस दिन भारतीय सैनिकों की उपलब्धियों, देश सेवा, अप्रतिम योगदान और त्याग को सम्मानित किया जाता है। अगर हम भारतीय सेना दिवस के महत्व के बारें में बात करें तो भारत के इतिहास भारतीय सेना का एक खास महत्व है। इस दिन भारत की एकता, अखंडता और रक्षा के लिए 24 घंटे तत्पर रहने वाली "भारतीय सेना दिवस" (Indian Army Day) के शौर्य और सम्मान के लिए भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। भारतीय सेना के लिए देश के नागरिकों के दिल में हमेशा से ही खास स्थान रहा है। सरहदों पर कई मुश्किलों का सामना करते हुए भी देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले भारतीय सेना के वीर जवानों के त्याग और बलिदान को नमन करने के लिए प्रत्येक साल 15 जनवरी को Indian Army Day का आयोजन किया जाता है।
क्या है Indian Army Day का इतिहास
आपको बता दें कि यह दूसरा अवसर हैं, जब भारतीय सेना दिवस का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी के बाहर किया जा रहा है। इससे पहले साल 2023 में बैंगलोर में इसका आयोजन किया गया था। हर साल 15 जनवरी को मनाये जाने वाले भारतीय सेना दिवस की शुरुआत 15 जनवरी 1949 हुई थी। दरअसल औपनिवेशिक शासन के दौरान भारतीय सैनिकों को सेना में उच्च पदों से वंचित रखा जाता था। ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सेना के उच्च अधिकारी पदों पर सिर्फ अंग्रेज अधिकारियों को ही नियुक्त किया जाता था, लेकिन 1947 में भारत को करीब 200 साल बाद ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिलने के बाद 15 जनवरी साल 1949 में पहली बार किसी भारतीय, को भारतीय सेना के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया गया था। यह कोई और नहीं बल्कि भारतीय लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा थे। जिनको पहली बार 15 जनवरी 1949 को भारतीय सेना के अध्यक्ष पद की कमान सौपीं गई थी। इन्ही की याद में हर साल 15 जनवरी को Indian Army Day मनाया जाता है। इससे पहले इस पद पर ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर तैनात थे।
कौन थे केएम करिअप्पा
आपको बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा भारतीय सेना के प्रथम भारतीय नागरिक थे, जो अध्यक्ष पद पर तैनात हुए थे। जिनका जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक राज्य के कुर्ग प्रांत में हुआ था। बचपन में इन्हें चिम्मा के नाम से भी जाना जाता था। शुरु से ही सेना में जाने की रुचि रखने वाले केएम करिअप्पा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद कॉलेज के ही दिनों में सेना में भर्ती के लिए आवेदन कर दिया था और उनका चयन होने के बाद वर्ष 1920 में सेना में अस्थायी और साल 1922 में स्थायी कमीशन प्राप्त करने के बाद वे नियमित रूप से अपनी सेवाएं देने लगे। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने ब्रिटिश इंडियन आर्मी में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया और अपनी प्रतिभा को साबित किया।
Baten UP Ki Desk
Published : 15 January, 2024, 12:55 pm
Author Info : Baten UP Ki