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(Special Story) देश भर में आज 75वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय त्यौहार है। जिसे देश भर में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। आज के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था और आज ही के दिन डॉ राजेंद्र प्रसाद ने प्रथम राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। जिसके उपलक्ष्य में हर साल आज के दिन दिल्ली के कर्तव्य पथ पर एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। जिस परेड में हमारे देश की तीनों सेना के जवान शामिल होते हैं, और आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि 26 जनवरी का दिन भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। यह वही दिन है जिस दिन हमारे देश को पूर्ण स्वराज्य का दर्जा मिला। यानि कि आज ही के दिन हमारा देश पूर्ण रुप से स्वतंत्र हुआ था, लेकिन इसमें सवाल उठता है कि हमारे देश को तो 15 अगस्त 1947 को आजाद किया गया था। फिर 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता था और हमारे देश के संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी की ही तारीख को क्यों चुना गया। जबकि हमारे देश का संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, फिर इसे 26 जनवरी को ही क्यों लागू किया गया इन्हीं सब सवाल के जवाब को आइए विस्तार से जानते हैं....
26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस-
आपको बता दें कि 15 अगस्त 1947 को हमारा भारत अंग्रेजों के शासन काल से आजाद हुआ था। जिसके बाद से देश में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। लेकिन यह बात कुछ ही लोगों को पता होगी कि 15 अगस्त से पहले हमारे देश में हर साल 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। दरअसल, यह बात सन् 1929 की है जब लाहौर में भारतीय कांग्रेस की मीटिंग हुई। जिसके अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू थे। उस मीटिंग में एक प्रस्ताव रखा गया था। जिसमें साफ तौर पर कहा गया था कि 26 जनवरी 1930 तक अगर अंग्रेजी हुकूमत हमें आजादी नहीं देती तो हम भारत को खुद ही स्वतंत्र घोषित कर देंगे। जिसके बाद 26 जनवरी 1930 तक अंग्रेज सरकार की तरफ से पूर्ण स्वराज्य को लेकर कोई जवाब नहीं दिया गया। फिर साल 1930 में 26 जनवरी को कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य घोषित कर दिया। देश में ऐसा पहली बार हुआ था जब पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ब्रिटिश शासन काल में भारत का तिरंगा फहराया था और इसके उपलक्ष्य में देश भर में जगह-जगह पर सभाओं का आयोजन किया गया था। जिसमें कांग्रेस के लोगों ने सामूहिक तौर पर लोगों को पूर्ण रूप से स्वतंत्रता पाने की शपथ दिलाई थी।
26 जनवरी को मिला था देश को पूर्ण स्वराज्य का दर्जा-
आजादी मिलने तक हर साल 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। हालांकि 26 जनवरी 1930 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने देश को पूर्ण स्वराज्य का तो दर्जा दे दिया था लेकिन देश पर अभी भी अंग्रेजी हूकूमत का राज था। देश भर में अभी भी कई जगह दंगे और हत्याएं हो रही थी। फिर उसके बाद 14 अगस्त की रात भी आई, जब पूरा देश दिल्ली की संसद के बाहर पण्डित जवाहर लाल नेहरू के फैसले का इंतजार कर रहा था। एक तरफ राजेंद्र प्रसाद, पं जवाहर लाल नेहरू समेत तमाम प्रमुख हस्तियां सभा भवन में शपथ ले रही थी। तो दूसरी तरफ बाहर बारिश में करोड़ों लोग स्वतंत्रता की घोषणा का इंतजार कर रहे थे। लेकिन कहते हैं ना कि रात चाहे जितनी भी काली हो लेकिन सवेरे को नहीं रोक पाती...
26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था भारत का संविधान-
इसके बाद वह क्षण भी आया जब दिल्ली के लाल किले पर भारत का ध्वज फहराया गया और देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। इसके बाद हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। अब सवाल यह था कि भारत अंग्रेज के शासनकाल से तो आजाद हो गया था, लेकिन आज भी देश में अंग्रेजों के द्वारा बनाये गए कानून ही लागू थे। जिस पर विचार करते हुए संसद में पहली बार भारत का संविधान बनाने का प्रस्ताव रखा गया। जिसके लिए 28 अगस्त 1948 को एक कमेटी बनाई गई। जिसके अध्यक्ष डॉक्टर भीमराव अंबेडकर थे। जिस कमेटी ने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिनों में दो भाषाओं हिन्दी और अंग्रेजी में हमारे देश का लिखित संविधान तैयार किया। जिसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया। इसके बाद 24 जनवरी 1950 को 308 कमेटियों ने संविधान की दोनों कॉपियों पर अपने हस्ताक्षर किए और 26 जनवरी की तारीख को महत्व देने के लिए संविधान को लागू के लिए 26 जनवरी की तारीख को चुना गया।
26 जनवरी 1950 को प्रथम राष्ट्रपति ने ली थी शपथ-
आपको बता दें कि 26 जनवरी 1950 को सुबह 10:18 मिनट पर भारत एक गणतंत्र राज्य बना। इसके 6 मिनट बाद डॉ राजेंद्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के पद की शपथ ली। इस दिन पहली बार बतौर भारत के राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्घी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे। इस दिन पहली बार उन्होंने भारतीय सेना से 21 तोपों से सलामी ली थी और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था। तभी से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है और दिल्ली में भारत के राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं। जिसके बाद हमारे देश का राष्ट्रीय गान गाया जाता है। आज के दिन दिल्ली में एक भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। जो इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक जाती है। इस परेड में देश की रक्षा करने वाले तीनों सेनाओं के जवान शामिल होते हैं। परेड के दौरान थल सेना, वायुसेना, और जल सेना के प्रमुख राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी देते हैं। यही नहीं इस दिन तीनों सेनाएं आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन भी करती हैं जो राष्ट्रीय शक्ति का प्रतीक है।
परेड में फ्रांस राष्ट्रपति मैक्रों मुख्य अतिथि के रुप में हुए शामिल
आपको बता दें कि इस साल की तरह इस साल भी गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में एक परेड का आयोजन किया गया। जिसकी थीम 'विकसित भारत' और भारत-लोकतंत्र की मातृका (जननी) है। जिस आयोजन में 13 हजार स्पेशल गेस्ट समेत फ्रांस के प्रेसिडेंट इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दूसरी बार राजपथ पर तिरंगा फहराया।
पारंपरिक वाद्य-यंत्र बजाकर परेड का हुआ आगाज
परेड का आगाज 100 महिला म्यूजिशियन ने शंख, नगाड़े और दूसरे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ किया। 100 महिलाओं ने अपने पारंपरिक पहनावे में लोक नृत्य किया। फ्लाईपास्ट में एयरफोर्स के 51 एयरक्राफ्ट ने हिस्सा लिया। इनमें 29 फाइटर प्लेन, 7 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, 9 हेलिकॉप्टर और एक हेरिटेज एयरक्राफ्ट हैं। फ्लाईपास्ट में पहली बार फ्रांसीसी सेना के राफेल भी शामिल हुए।
पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, 'देश के अपने समस्त परिवारजनों को गणतंत्र दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। जय हिंद।'
-अनीता
Baten UP Ki Desk
Published : 26 January, 2024, 11:52 am
Author Info : Baten UP Ki