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कोरोना जैसे खतरनाक वायरस ने भारत में दी दस्तक, वैक्सीन भी नहीं है उपलब्ध!

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चीन में तेजी से फैल रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) अब भारत की दहलीज पर दस्तक दे चुका है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने खुलासा किया है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में एचएमपीवी के दो मामलों की पुष्टि की है। संक्रमण की चपेट में आए ये नन्हे मासूम-एक तीन महीने की बच्ची और आठ महीने का बच्चा-चिंता का विषय बन गए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने तुरंत एक आपातकालीन बैठक का आह्वान किया है।

चीन में एचएमपीवी का कहर-

चीन में इस वायरस से बड़ी संख्या में लोगों के प्रभावित होने की खबरें हैं। इसे देखते हुए भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सतर्कता बढ़ा दी है। कई राज्यों ने एडवाइजरी जारी कर दी है ताकि संक्रमण को रोका जा सके।

क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी)?

एचएमपीवी एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जिसकी पहली पहचान 2001 में नीदरलैंड में हुई थी। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का सदस्य है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलता है।

एचएमपीवी के लक्षण और असर-

इस वायरस का मुख्य प्रभाव बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों पर देखा गया है। इसके लक्षणों में सर्दी, खांसी, बुखार, कफ, और गंभीर मामलों में ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया शामिल हैं।

भारत में स्थिति और सरकार की तैयारी-

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित कई देशों में मौजूद है। हालांकि, मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारियों के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है। आईसीएमआर स्थिति पर नजर बनाए रखेगा और पूरे वर्ष इसके प्रचलन का अध्ययन करेगा।

आंध्र प्रदेश ने जारी किया अलर्ट-

आंध्र प्रदेश की लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण निदेशक के पद्मावती ने एचएमपीवी को लेकर अलर्ट जारी किया है। उन्होंने बताया कि यह वायरस कोविड-19 की तरह ही एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और खासतौर पर बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को प्रभावित करता है।

वैक्सीन और उपचार के उपाय-

फिलहाल एचएमपीवी से बचाव के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। एंटी वायरल दवाइयां इस वायरस पर असर नहीं करतीं, लेकिन प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक हो सकती हैं। संक्रमित व्यक्ति के लक्षणों को हल्का करने के लिए उपचार किया जाता है, हालांकि वायरस को पूरी तरह खत्म करने का उपाय अभी मौजूद नहीं है।

सावधानी और जागरूकता आवश्यक-

चूंकि एचएमपीवी के लक्षण कोरोनावायरस और सामान्य फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए सतर्कता और जागरूकता अत्यंत जरूरी है। सरकार और स्वास्थ्य इकाइयां इस स्थिति को लेकर अलर्ट पर हैं और लोगों को भी आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।

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