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गणतंत्र दिवस परेड पर प्रदर्शित होने वाली झांकियों का कैसे होता है चयन ?

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(Special Story) देश में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का समारोह मनाया जाता है। इस गणतंत्र दिवस परेड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होती है झांकियां, क्योंकि जब परेड कर्तव्य पथ से गुजरती है तो यह भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की विविध संस्कृति और परंपराओं को प्रदर्शित करती हैं। हर साल की तरह ही इस साल भी 15 से 16 राज्यों की झांकियों का चयन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है, लेकिन जिन राज्यों की झांकियों का चयन नहीं हो सका है, उनमें इस फैसले को लेकर नाराजगी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राज्यों की इन झांकियों का चयन कैसे किया जाता है। आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

गणतंत्र दिवस 2024 की थीम एवं मुख्य अतिथि-

इस साल की गणतंत्र दिवस की थीम है‘भारत- लोकतंत्र की जननी’ और ‘विकसित भारत’। इस समारोह में द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, कई राष्ट्राध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे। आपको बता दें कि इमैनुएल मैक्रों छठे फ्रांसीसी नेता हैं जो 2024 गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि होंगे। फ्रांस के पूर्व प्रधानमंत्री जैक्स शिराक ने 1976 और 1998 में दो बार इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई है। भारत ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होने का निमंत्रण भेजा है। 

कैसे होती है चयन प्रक्रिया-

गणतंत्र दिवस की परेड के लिए झांकियों का चयन रक्षा मंत्रालय की एक समिति द्वारा किया जाता है। इस समिति में आर्ट, कल्चर,पेंटिंग, स्कल्पचर, म्यूजिक, आर्किटेक्चर, कोरियोग्राफी जैसे क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोग होते हैं। यह समिति सदस्य विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों से मिले झांकियों के प्रस्तावों को देखते हैं। इन झांकियों का चयन उनके विषय, डिज़ाइन और कई पहलुओं के आधार पर किया जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान करीब 6 या 7 बैठकें की जाती है। समिति सबसे पहले झांकियों के स्केच या डिज़ाइन की जांच करती है। जब स्केच या डिज़ाइन को स्वीकृति मिल जाती है तो प्रतिभागियों को झांकियों के 3D मॉडल्स के साथ आने को कहा जाता है। इसके बाद इन मॉडल्स की जांच होती है। किसी भी झांकी का चयन होने पर समिति उसकी सिफारिश रक्षा मंत्रालय को भेजती है। रक्षा मंत्रालय की स्वीकृति के बाद ही झांकी को परेड में शामिल किया जाता है। 

झांकियों की डिज़ाइन को लेकर गाइडलाइन-

आपको बता दें कि झांकियों की डिज़ाइन को लेकर तय गाइडलाइन के मुताबिक, झांकियों पर किसी तरह के लोगो की अनुमति नहीं होती है। झांकियों के आगे राज्य का नाम हिंदी में, पीछे अंग्रेजी में और दाएं या बाएं ओर क्षेत्रीय भाषा में लिखा होना चाहिए। झांकी की जमीनी सतह से ऊंचाई 16 इंच, लंबाई 45 इंच और चौड़ाई 14 इंच से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा ट्रेक्टर और ट्रेलर के बीच 6-7 फीट की दूरी होना ज़रूरी है, ताकि उन्हें मोड़ने में कोई परेशानी न हो। बता दें कि चुनी हुई झांकियों को रक्षा मंत्रालय खुद एक ट्रैक्टर और ट्रेलर उपलब्ध कराता है। इन सभी मानकों को पूरा करने के बाद जिन झांकियों का चयन समिति करती है उन्हें गणतंत्र दिवस में प्रदर्शन करने का मौक़ा प्राप्त होता है। 

हर बार किसी न किसी राज्य की झांकी को नहीं मिल पाती अनुमति- 

अक्सर ऐसा भी देखने को मिलता है कि हर बार किसी न किसी राज्य की झांकी को अनुमति नहीं मिल पाती है। दरअसल, हर साल परेड में समय सीमा और बाकी इंतजाम को देखते हुए 15 या 16 झांकियों को ही शामिल किया जाता है। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा मंत्रालयों और विभागों के 30-40 प्रस्ताव समिति को मिलते हैं। इनमें से सभी को अनुमति नहीं दी जा सकती, इसलिए जरूरी नहीं कि हर साल, हर राज्य की झांकी परेड में शामिल हो। इसे लेकर अक्सर किसी न किसी प्रदेश या फिर विभाग को निराश होना पड़ता था, पर अब रक्षा मंत्रालय ने इसका भी हल निकाल लिया है। 

रोटेशनल योजना से मिलेगी झांकियों को अनुमति-

रक्षा मंत्रालय ने गणतंत्र दिवस की झांकियों से सम्बंधित एक रोटेशनल योजना तैयार कर ली है। इस योजना में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को तीन साल के चक्र के भीतर गणतंत्र दिवस परेड में अपनी-अपनी झांकी को प्रदर्शित करने का मौक़ा मिले। कांग्रेस के शासन वाले कर्नाटक समेत अब तक 28 राज्यों ने 2024, 2025 और 2026 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए रोलिंग प्लान से संबंधित समझौते पर दस्तखत कर दिए हैं।

इन राज्यों की झांकियां होंगी परेड में शामिल-

अगर इस साल की बात की जाए तो इस बार परेड में शामिल होने वाली झांकियों की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, अभी तक यह बताया जा रहा है कि इस बार उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, लद्दाख, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश की झांकियों का चयन हुआ है। इसके अलावा केंद्र सरकार के कई मंत्रालय की झांकियां भी शामिल रहेंगी। 

लखनऊ की गणतंत्र दिवस परेड में ये झांकियां होंगी शामिल- 

इस बार लखनऊ की गणतंत्र दिवस की परेड में सबसे आगे कार्यालय निर्वाचन अधिकारी की झांकी होगी। जबकि सबसे पीछे स्टेट मिशन फॉर क्लीन गंगा नमामि गंगे की झांकी को स्थान मिलेगा। परेड में 19 विभाग की झांकियां नज़र आएंगी, जबकि किसी भी स्कूल की झांकी को स्थान नहीं दिया गया है। गणतंत्र दिवस झांकी समिति की बैठक के दौरान विभागों की लॉटरी निकाली गई, जिसमें सभी विभागों को क्रम आवंटित किये गए हैं।

 

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