बड़ी खबरें

पंजाब उपचुनाव में AAP 3, कांग्रेस एक सीट जीती:बरनाला में बागी की वजह से आप जीत से चूकी, 2 कांग्रेसी सांसदों की पत्नियां हारीं 19 घंटे पहले भाजपा ने कोंकण-विदर्भ में ताकत बढ़ाई, शरद पवार के गढ़ में भी लगाई सेंध 18 घंटे पहले बीजेपी दफ्तर पहुंचे पीएम मोदी, पार्टी नेताओं ने किया जोरदार स्वागत 12 घंटे पहले कांग्रेस 63 से 15, बीजेपी 79 से 133 पहुंची:महाराष्ट्र चुनाव में किनारे लगे उद्धव और शरद 12 घंटे पहले 15 राज्यों की 46 विधानसभा, 2 लोकसभा के नतीजे:वायनाड में प्रियंका 4 लाख+ वोटों से जीतीं; MP में मंत्री हारे, यूपी की 9 में 7 पर भाजपा गठबंधन जीता 12 घंटे पहले झारखंड में फिर से हेमंत सरकार:56 सीटों पर धमाकेदार जीत; हेमंत बोले- I.N.D.I.A. का परफॉर्मेंस अच्छा, रांची में पोस्टर- शेरदिल सोरेन फिर आया 12 घंटे पहले 33 साल बाद कटेहरी में खिला कमल:धर्मराज निषाद ने 34 हजार वोटों से शोभावती को हराया 12 घंटे पहले

इन परिवारों की आर्थिक स्थिति जानने के लिए सरकार ने की नई पहल, कल से होगा घर-घर सर्वेक्षण

Blog Image

केंद्र सरकार ने कम आय वाले परिवारों की आर्थिक स्थिति को जानने और उनकी सहायता के लिए एक नया मास्टर प्लान तैयार किया है। इस योजना के तहत घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा, जिससे शहरी गरीबों की पहचान और उन्हें योजनाओं का लाभ पहुंचाना आसान हो सकेगा। यह सर्वेक्षण 1 अक्टूबर से शुरू होगा और देश के 25 बड़े शहरों में लागू किया जाएगा, जिसमें कोलकाता, चेन्नई, आगरा, इंदौर, वाराणसी जैसे शहर शामिल हैं।

शहरी गरीबों के लिए घर-घर सर्वेक्षण का उद्देश्य-

केंद्र सरकार का यह कदम शहरी गरीबी को कम करने और कमजोर वर्गों की सहायता करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसमें 6 प्रमुख श्रमिक वर्गों को ध्यान में रखा जाएगा, जिनमें निर्माण श्रमिक, गिग श्रमिक, घरेलू श्रमिक, परिवहन श्रमिक, अपशिष्ट श्रमिक और देखभाल श्रमिक शामिल होंगे। सर्वेक्षण के माध्यम से इन वर्गों के आर्थिक और सामाजिक हालातों का गहराई से विश्लेषण किया जाएगा।

लाभार्थियों की मैपिंग और योजनाओं का विस्तार-

इस सर्वेक्षण के पूरा होने के बाद, विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को चिन्हित करना और उनकी मैपिंग करना अधिक सरल हो जाएगा। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) के अनुसार, इसके जरिए परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।

शहरी गरीबी में सुधार और विशेषज्ञों की राय-

हालांकि आंकड़े दिखाते हैं कि 2022 में शहरी गरीबी दर 12.55% थी, जो 2012 के मुकाबले थोड़ी कम है, फिर भी विशेषज्ञों का मानना है कि शहरीकरण के चलते गरीबों की संख्या में इजाफा हुआ है। आंकड़ों के प्रतिशत में सुधार होने के बावजूद शहरों में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण गरीबों की वास्तविक संख्या बढ़ रही है।

शहरी आजीविका मिशन में सुधार-

इस सर्वेक्षण के बाद सरकार की योजना है कि मौजूदा दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY-NULM) में सुधार किया जाए। इसके लिए एक नई योजना तैयार की जा रही है, जिसे तीन महीने की पायलट परियोजना के तौर पर लागू किया जाएगा। इस योजना का फोकस शहरी गरीबों की आजीविका सुधारने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने पर होगा।

कौशल संवर्धन और सूक्ष्म ऋण योजनाएं-

इस पायलट परियोजना के हिस्से के रूप में, सरकार मौजूदा योजनाओं के तहत दिए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण और सूक्ष्म ऋण सुविधाओं का विस्तार करेगी। जहां पहले सूक्ष्म उद्यमियों के लिए ऋण की ऊपरी सीमा ₹2 लाख थी, वहीं अब इसे बढ़ाकर ₹4 लाख कर दिया जाएगा। साथ ही समूह ऋण सीमा भी बढ़ाकर ₹20 लाख की जाएगी। यह कदम उद्यमिता को बढ़ावा देने, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता में सुधार लाने और बाजार से जुड़ाव को सशक्त बनाने के लिए उठाया जा रहा है।

शहरीकरण से बेहतर अवसर-

केंद्र सरकार ने शहरीकरण को नए अवसरों का स्रोत बताया है। इस संदर्भ में MoHUA के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला ने कहा कि शहरीकरण के कारण रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं, जो शहरी गरीबों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। खासकर युवाओं के लिए, यह बेहतर आजीविका के रास्ते खोल सकता है।

नई योजना के तहत सर्वेक्षण के नतीजे -

सर्वेक्षण के नतीजों के आधार पर सरकार भविष्य की योजनाओं को और अधिक सटीक तरीके से लागू कर सकेगी। यह योजना केवल केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर श्रमिकों और कम आय वाले परिवारों के जीवन को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें