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(Special Story) आग की लपटों के बीच अपनी जान दांव पर लगाकर दूसरों की जान बचाना एक अदम्य साहस का काम है। ये साहसिक काम फायरफाइटर पूरी जिम्मेदारी के साथ करते हैं और आग में फंसे लोगों को भी सुरक्षित निकालते हैं। फायर फाइटरों को उनके मुश्किल भरे काम के लिए सम्मानित करने के उद्देश्य से हर साल 4 मई को अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाया जाता है।
गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड समेत देशभर में हजारों फायर फाइटर सर पर कफ़न बांधे सिर्फ अपने फर्ज को निभाने के लिए मुस्तैद रहते हैं। इन दिनों देश के अलग-अलग हिस्सों में जगंलों में आग लगने के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में फायर मैन 24 घंटे सक्रिय रहते हैं और अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों के घरों और उनकी जिंदगियों को बचाते हैं। इसीलिए यह दिन उनके सम्मान के लिए समर्पित है।
अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का इतिहास
अंतरराष्ट्रीय अग्निशामक दिवस 1999 में दुनिया भर के अग्निशामकों के बलिदान को सम्मान देने के लिए बनाया गया था। दरअसल, 2 दिसंबर 1998 को ऑस्ट्रेलिया के लिंटन में एक दुखद दुर्घटना घटी, जिसमें गीलॉन्ग वेस्ट फायर ब्रिगेड के पांच अग्निशमन कर्मियों की मौके पर ही मौत हो गई। अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस की स्थापना उसी भयानक घटना से प्रेरणा लेकर की गई। पांचों अग्निशमन कर्मी अपने टैंकर में पानी भरने जा रहे थे, तभी तेज हवा के कारण ट्रक टकरा गया, जिससे वे आग की चपेट में आ गए और पांचों की मौत हो गई। उनके नाम गैरी व्रेडेवेल्ट, मैथ्यू आर्मस्ट्रांग, जेसन थॉमस, क्रिस इवांस और स्टुअर्ट डेविडसन थे। लिंटन में हुई त्रासदी का स्थानीय समुदाय और दुनिया भर के अग्निशामकों पर गहरा प्रभाव पड़ा। इससे पीड़ितों और उनके परिवारों में दुख और समर्थन की लहर दौड़ गई। पांच अग्निशामकों को अब लिंटन कब्रिस्तान में एक सामूहिक स्मारक के हिस्से के रूप में याद किया जाता है।
यूरोप में फायर फाइटर डे?
रोम में आग को काबू करने के लोगों सबसे पहले एक सिस्टम बनाया था जिसमें फायर फाइटर बाल्टी और पाइप से आग बुझाते थे। उनमें से एक बहादुर सेंट फ्लोरिन की मौत 4 मई को हुई थी। फ्लोरिन एक संत होने के साथ ही फायर फाइटर भी थे। ऐसा कहा जाता है कि एक बार उनके गांव में आग लग गई थी तो उन्होंने महज एक बाल्टी पानी से पूरे गांव की आग बुझा दी थी। इसके बाद से यूरोप में हर साल 4 मई को फायर फाइटर मनाया जाने लगा।
फायर फाइटर के सामने कई चुनौतियां
वी बी यादव कहते हैं कि चुनौतियों से भरे इस काम में फायर मैन पूरी निष्ठा के साथ जुटा रहता है, आग लगने पर जहां से लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे होते हैं। वहां फायरमैन लोगों की जान बचाने के लिए उस आग की लपटों के बीच पहुंचता है। जहां क़ई बार वापस आने का रास्ता नहीं दिखता। धुएं और आग के बीच सांस लेना भी मुश्किल होता है। संकरी गलियों में वाहनों के न पहुं चने पर हॉज पाइप को फैलाकर पानी से आग बुझाना और उसे कंट्रोल करना बहुत चुनौतीपूर्ण काम है क्योंकि इसका फोर्स बहुत ज्यादा लगता है।
ऐसे मनाए अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस ?
अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस मनाने के कई तरीके हैं। पहला तरीका वर्तमान और पूर्व अग्निशामकों के प्रति उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करना है। दूसरा तरीका है नीले और लाल रिबन पहनना और प्रदर्शित करना। ये रिबन उन मुख्य तत्वों का प्रतिनिधित्व करने वाले रंगों से जुड़े हुए हैं जिनके साथ अग्निशामक काम करते हैं - आग के लिए लाल और पानी के लिए नीला।
अंतरराष्ट्रीय अग्निशमन दिवस का महत्व
Baten UP Ki Desk
Published : 4 May, 2024, 6:07 pm
Author Info : Baten UP Ki