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अंतरिम बजट में वित्त मंत्री ने महिलाओं-किसानों के लिए किए कई ऐलान

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में अंतरिम बजट पेश किया। यह बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट है। वित्तमंत्री ने छठी बार सदन में बजट पेश किया। आपको बता दें कि मोरारजी देसाई के बाद सीतारमण ही दूसरी वित्त मंत्री हैं जिन्हें छह बार बजट पेश करने का मौका मिला है। इस बजट में वैसे तो कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया फिर भी महिलाओं और किसानों के लिए कई ऐलान किए गए हैं। आइए जानते हैं कि इस बजट में महिलाओं और किसानों को क्या मिला। 

महिलाओं, युवा, गरीब, अन्नदाता पर फोकस-

वित्त मंत्री ने संसद में बताया कि 'पिछले 10 साल में हमने सबके लिए आवास, हर घर जल, सबके लिए बैंक खाते जैसे कामों को रिकॉर्ड समय में पूरा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया गया। अन्नदाताओं की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया गया। पारदर्शिता के साथ संसाधनों का वितरण किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि हमने असमानता दूर करने का प्रयास किया है ताकि सामाजिक परिवर्तन लाया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुताबिक गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता, ये ही चार जातियां हैं, जिन पर हमारा फोकस है। उनकी जरूरतें, उनकी आकांक्षाएं हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं।

महिलाओं के लिए किया ये ऐलान-

वित्त मंत्री ने बजट के दौरान कहा कि 'नौ करोड़ महिलाओं से जुड़े 83 लाख स्वयं सहायता समूह अहम योगदान रखते हैं। उनकी कामयाबी से एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने में मदद मिली है। वे दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि लखपति दीदी के लिए इस लक्ष्य को दो करोड़ से  बढ़ाकर तीन करोड़ किया गया है। 

महिलाओं-बच्चों  के स्वास्थ्य पर ध्यान-

वित्त मंत्री ने सदन में बताया कि हमारी सरकार सर्वाइकल कैंसर के वैक्सीनेशन पर ध्यान देगी। मातृ और शिशु देखरेख की योजनाओं को व्यापक कार्यक्रम के अंतर्गत लाया गया है। मातृत्व और बाल विकास के लिए एक समग्र योजना बनाई जाएगी। आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जाएगा। पोषण 2.0 के अमल में तेजी लाई जाएगी। टीकाकरण को मजबूत किया जाएगा।  9-14 साल की लड़कियों के टीकाकरण पर ध्यान दिया जाएगा। आयुष्मान भारत के तहत सभी आशा और आंगनवाड़ी कर्मियों को इसके दायरे में लाया जाएगा।

38 लाख किसानों को पीएम किसान संपदा से फायदा-

वित्त मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से 38 लाख किसानों को फायदा मिला है और 10 लाख रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं। उपज के बाद होने वाले नुकसान को रोकने के लिए भी योजनाओं पर काम किया जा रहा है। हम कृषि उपज होने के बाद की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की भागीदारी को मजबूत करने पर काम कर रहे हैं। आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत कृषि की नई प्रौद्योगिकी और कृषि बीमा को बढ़ावा दिया जाएगा। डेयरी से जुड़े किसानों की भी मदद की जा रही है। राष्ट्रीय गोकुल मिशन जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मत्स्य संपदा को भी मजबूत किया जा रहा है। सी-फूड का उत्पादन दोगुना हुआ है। मत्स्य संपदा योजना के जरिए उत्पादकता को तीन से बढ़ाकर पांच टन प्रति हेक्टेयर किया जाएगा। रोजगार के 55 लाख नए अवसरों को उत्पन्न किया जाएगा। पांच समेकित एक्वा पार्क बनाए जाएंगे। 

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