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क्रोनिक हार्ट फेलियर (CHF) एक ऐसी स्थिति है, जब दिल खून को सही तरीके से पंप नहीं कर पाता। यह आमतौर पर हृदय से संबंधित अन्य बीमारियों, जैसे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज़ के कारण होता है। अगर समय रहते इसका इलाज नहीं किया गया, तो स्थिति बिगड़ सकती है, जिसे वर्सनिंग हार्ट फेलियर (WHF) कहा जाता है। विश्व हृदय दिवस 2024 के मौके पर जाने माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवीण चंद्रा, चेयरमैन, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजी, मेदांता, गुरुग्राम से खास बातचीत में हमें इस स्थिति के शुरुआती लक्षणों और इसके इलाज के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।
क्रोनिक हार्ट फेलियर के प्रमुख कारण-
जब दिल कमजोर हो जाता है और शरीर के सभी अंगों तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचा पाता, तो यह स्थिति क्रोनिक हार्ट फेलियर कहलाती है। डॉ. प्रवीण चंद्रा बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, दिल का दौरा और दिल के वाल्व से जुड़ी समस्याएं इसके प्रमुख कारण हो सकते हैं। लंबे समय तक इन बीमारियों के होने से दिल पर दबाव बढ़ता है, जिससे हृदय कमजोर हो जाता है और हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ जाता है।
हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षण-
हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, जिनमें थकान, सांस फूलना और सूजन शामिल हैं। डॉ. चंद्रा ने एक केस शेयर करते हुए बताया कि एक बुजुर्ग महिला को चलने पर सांस फूलने और थकान की शिकायत थी। उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था कि यह हार्ट फेलियर का संकेत हो सकता है। जांच के बाद पता चला कि उनके दिल में कमजोरी आ चुकी है, और यह शुरुआती संकेत थे।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
हार्ट फेलियर के कई लक्षण सामान्य जीवनशैली में भी दिख सकते हैं, जैसे:
अगर आप क्रोनिक हार्ट फेलियर के मरीज हैं, तो आपको समय-समय पर यह ध्यान देना चाहिए कि कहीं आपकी स्थिति वर्सनिंग हार्ट फेलियर की ओर तो नहीं बढ़ रही। इसके लक्षणों में शामिल हैं:
डॉ. चंद्रा बताते हैं कि हार्ट फेलियर के शुरुआती लक्षणों को पहचान कर समय पर इलाज शुरू करना बहुत जरूरी है। सही समय पर इलाज और डॉक्टर से नियमित जांच से हार्ट फेलियर को बढ़ने से रोका जा सकता है। इससे न सिर्फ अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत कम होती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार आता है।
वर्सनिंग हार्ट फेलियर के बाद भी इलाज के मौके-
हालांकि, वर्सनिंग हार्ट फेलियर की स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है और इंट्रावीनस ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ती है। इसके बावजूद, एडवांस्ड थेरेपी और नई तकनीकों से आज अस्पताल में भर्ती होने की दर को कम किया जा सकता है और मरीज की जीवनशैली को बेहतर बनाया जा सकता है।
कैसे सुधारें जीवन की गुणवत्ता-
हार्ट फेलियर से निपटने का सबसे बेहतर तरीका है, अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना। सही समय पर लक्षणों को पहचानना, नियमित डॉक्टर से सलाह लेना और जीवनशैली में सुधार करना इस बीमारी से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है। आपकी सजगता और डॉक्टर की सलाह ही हार्ट फेलियर जैसी गंभीर स्थिति को नियंत्रण में रख सकती हैं।
हार्ट फेलियर के बाद जीवन: क्या उम्मीद करें?
अगर आपके दिल में कमजोरी आने लगी है, तो इसे नियंत्रण में रखना संभव है। हार्ट फेलियर की शुरुआती पहचान और समय पर इलाज से आप अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं। वर्ल्ड हार्ट डे 2024 के मौके पर यह संदेश है कि अपने दिल की सेहत का ख्याल रखें, लक्षणों को नजरअंदाज न करें, और सही समय पर इलाज लेकर स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाएं। हार्ट फेलियर के लक्षणों की पहचान कर, समय रहते डॉक्टर की सलाह लेने से आप गंभीर स्थिति से बच सकते हैं। सही इलाज और जीवनशैली में सुधार से दिल की सेहत को बनाए रखना संभव है।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 September, 2024, 6:58 pm
Author Info : Baten UP Ki