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इंसानी शरीर में फूड पैकेजिंग से आने वाले हजारों हानिकारक केमिकल्स पाए गए हैं, जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं। ज्यूरिख के फूड पैकेजिंग फोरम फाउंडेशन की एक ताजा रिसर्च ने चौंकाने वाला खुलासा किया है कि 3,600 से अधिक हानिकारक केमिकल्स फूड पैकेजिंग से हमारे भोजन में पहुंच रहे हैं। ये केमिकल्स हमारे स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा साबित हो सकते हैं। यह शोध प्रतिष्ठित जर्नल "जर्नल ऑफ एक्सपोजर साइंस एंड एनवायरन्मेंटल एपिडेमियोलॉजी" में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि कैसे पैकेजिंग सामग्री धीरे-धीरे हमारे खाने को ज़हरीला बना रही है।
पैकेजिंग के जरिए भोजन में पहुंचते हैं जहरीले केमिकल-
शोधकर्ताओं ने अध्ययन में 14,000 से अधिक केमिकल्स की पहचान की, जो प्लास्टिक, धातु, कागज या कांच जैसी फूड पैकेजिंग सामग्री से भोजन में प्रवेश कर सकते हैं। इसके अलावा, यह केमिकल्स भोजन के निर्माण के दौरान बर्तनों और रसोई के उपकरणों के संपर्क में आने से भी शरीर में पहुंच सकते हैं। इस अध्ययन में मौजूदा बायोमॉनिटरिंग डाटाबेस का विश्लेषण किया गया, जिसमें 3,601 केमिकल्स इंसानों के शरीर में पाए गए। ये केमिकल्स भोजन के संपर्क में आने वाले सभी ज्ञात केमिकल्स का लगभग एक-चौथाई हैं।
इंसानी स्वास्थ्य के लिए चुनौती-
अध्ययन में पाया गया कि इन 3,600 केमिकल्स में से करीब 100 केमिकल्स इंसानों के लिए बेहद खतरनाक माने जाते हैं। इन केमिकल्स का स्वास्थ्य पर प्रभाव अभी भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, और इनके बारे में अधिक शोध की आवश्यकता है। खासकर पर-एंड पॉली-फ्लोरो अल्काइल सब्स्टेंसेस (PFAS) और बिस्फेनॉल ए जैसे केमिकल्स, जो मानव शरीर में पहले भी पाए गए हैं और हार्मोनल असंतुलन पैदा करने के लिए जाने जाते हैं। कई देशों में बिस्फेनॉल ए को शिशुओं के उपयोग वाली वस्तुओं में प्रतिबंधित किया गया है।
भोजन को पैकेजिंग में गर्म करने से बचें-
शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यह केमिकल्स भोजन के संपर्क में आने पर एक-दूसरे के साथ रिएक्ट कर सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और बढ़ सकता है। इसलिए भोजन को पैकेजिंग में गर्म करने से बचने की सलाह दी जा रही है। इस तरह के केमिकल्स के संपर्क को कम करने के लिए पैकेजिंग और खाद्य पदार्थों के बीच के संपर्क को कम करना बेहद जरूरी है।
त्वचा के जरिए भी खतरनाक केमिकल्स का प्रवेश-
एक अन्य अध्ययन, जो जर्नल एनवायरनमेंट इंटरनेशनल में प्रकाशित हुआ है, ने इस बात की पुष्टि की है कि कुछ फॉरएवर केमिकल्स त्वचा के जरिए रक्त में प्रवेश कर सकते हैं। ये केमिकल्स पानी और दागों को रोकने की क्षमता के चलते उद्योगों और उपभोक्ता उत्पादों जैसे वाटरप्रूफ कपड़ों, स्कूल यूनिफॉर्म, और व्यक्तिगत देखभाल उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं।
एंटी-फॉगिंग स्प्रे में भी मिले जहरीले तत्व-
एक और शोध में पाया गया कि एंटी-फॉगिंग स्प्रे में भी इन हानिकारक केमिकल्स की उपस्थिति बड़े पैमाने पर होती है। जर्नल एनवायरनमेंटल साइंस एंड टेक्नोलॉजी में प्रकाशित इस अध्ययन ने दर्शाया कि ये केमिकल्स भी इंसानों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकते हैं।
फूड पैकेजिंग में केमिकल्स की सुरक्षा पर उठते सवाल
यह शोध इस बात की ओर इशारा करता है कि हमें अपने भोजन और उसके पैकेजिंग से जुड़ी सुरक्षा पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। इन केमिकल्स की उपस्थिति इंसानी स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती है और इस दिशा में सख्त नियमों और जागरूकता की आवश्यकता है।
Baten UP Ki Desk
Published : 21 September, 2024, 1:54 pm
Author Info : Baten UP Ki