उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दिशा में कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों और पूर्व टीबी रोगियों की हर तीन महीने स्क्रीनिंग करने का निर्णय लिया गया है। प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने इस संबंध में सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (DTO) को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
हर जिले को मिला 3,000 परीक्षण का लक्ष्य
साल के अंत तक प्रत्येक जिले को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के 3,000 के लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया गया है। टीबी उन्मूलन अभियान को गति देने के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग (संपर्क में आए लोगों की पहचान) पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा, “प्रदेश में टीबी मरीजों की स्क्रीनिंग युद्धस्तर पर की जा रही है। कमजोर क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देकर नियमित डेटा मॉनीटरिंग के निर्देश दिए गए हैं।”
टीबी पर वार के लिए कांटेक्ट ट्रेसिंग होगी कारगर
टीबी रोगियों के करीबियों की पहचान और स्क्रीनिंग को व्यापक स्तर पर बढ़ाया गया है।
किसकी होगी स्क्रीनिंग?
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- टीबी मरीजों के परिवार के सदस्यों और सहकर्मियों।
- 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग, डायबिटीज रोगी, धूम्रपान और नशा करने वाले लोग।
- 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले व्यक्ति।
- एचआईवी संक्रमित लोग और टीबी उपचाराधीन मरीजों के संपर्क में रहने वाले।
नैट मशीनों के जरिए जांच होगी सुलभ
टीबी की पहचान और परीक्षण को सुलभ बनाने के लिए सभी ब्लॉकों में नैट मशीनों का वितरण किया जाएगा।
- उन टीबी इकाइयों की पहचान की जाएगी जो अपेक्षा के अनुसार काम नहीं कर रही हैं।
- सुधारात्मक कदम उठाने के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी।
- क्षेत्रीय टीबी प्रबंधन इकाइयों (आरटीपीएमयू) को जिलों का मासिक निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा के निर्देश दिए गए हैं।
टीबी उन्मूलन के लिए विशेष ध्यान
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) के तहत टीबी के मामलों और उससे होने वाली मौतों को कम करने का लक्ष्य है।
पल्मोनरी टीबी (फेफड़ों की टीबी) के रोगियों के करीबियों की बलगम जांच।
उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान और वहां स्क्रीनिंग को बढ़ाना।
टीबी मुक्त यूपी के लिए जमीनी प्रयास-
टीबी उन्मूलन अभियान के तहत जिलों और ब्लॉकों में व्यापक निरीक्षण और मॉनीटरिंग को प्राथमिकता दी जा रही है। आशा और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।टीबी के खिलाफ यूपी सरकार की यह पहल एक सकारात्मक और दूरगामी प्रयास है। नियमित स्क्रीनिंग, कांटेक्ट ट्रेसिंग, और नैट मशीनों के वितरण से टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रदेश में नया अध्याय लिखा जा रहा है।