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सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए रामदेव, बिना शर्त मांगी माफी

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पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन के मामले में बाबा रामदेव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने आज मामले में सुनवाई की। योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा-

बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD आचार्य बालकृष्ण मामले में व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए जारी किए गए समन के तहत सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने पिछले नोटिस का जवाब ही नहीं दिया। हम दस्तावेज देख रहे हैं, जिसमें कहा गया है कि जवाब ना देने पर कंपनी और मैनेजमेंट के खिलाफ कंटेम्प्ट का केस क्यों ना चलाया जाए? कोर्ट ने बाबा रामदेव और दूसरे आरोपी का एफिडेविट मांगा। पतंजलि की ओर से एडवोकेट बलवीर सिंह और एडवोकेट सांघी ने दलीलें रखीं। पतंजलि ने कहा- रामदेव कोर्ट में हैं, हम भीड़ की वजह से उन्हें कोर्ट में नहीं ला सके। इस पर जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा- ठीक है, कोई बात नहीं उन्हें बुलाइए, हम पूछ लेंगे। जस्टिस हिमा कोहली ने कहा- हम यह स्वीकार नहीं करेंगे कि मीडिया डिपार्टमेंट को यह नहीं पता है कि कोर्ट में क्या चल रहा है, मानो ये कोई आईलैंड है। यह केवल जुबानी बातें हैं। दरअसल, पिछली सुनवाई में पतंजलि ने कहा था कि भ्रामक विज्ञापनों को कंपनी के मीडिया विभाग ने मंजूरी दी थी,जो नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेश से अनजान थे।

रामदेव ने मांगी माफी-

पतंजलि ने स्वीकार किया कि उनसे चूक हुई है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अदालत की अवमानना का जवाब दीजिए। रामदेव की ओर से पैरवी कर रहे बलबीर सिंह ने कहा कि हमारा माफीनामा तैयार है। इस पर बेंच ने कहा कि ये रिकॉर्ड में क्यों नही है। बलबीर ने कहा कि यह तैयार था लेकिन हम चाहते थे जरूरत पड़ने पर जरूरी बदलाव किए जाएं। पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के बावजूद अखबारों में विज्ञापन दिए जा रहे थे और आपके मुवक्किल विज्ञापनों में नजर आ रहे थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप देश की सेवा करने का बहाना मत बनाइए। रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।  पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं। रामदेव ने भी अदालत से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मैं इस आचरण के लिए शर्मिंदा हूं। 

पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट में क्या कहा था-

आपको बता दें कि पतंजलि ने पहले सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया था कि वह अपने उत्पाद की औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाला कोई बयान नहीं देगा या कानून का उल्लंघन करते हुए उनका विज्ञापन या ब्रांडिंग नहीं करेगा। किसी भी रूप में मीडिया में चिकित्सा की किसी भी प्रणाली के खिलाफ कोई बयान जारी नहीं करेगा।  

पतंजलि के खिलाफ किसने दायर की याचिका-

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन को लेकर याचिका दायर कर मांग की है कि ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम 1954 के उल्लंघन के लिए पतंजलि के खिलाफ कार्रवाई की जाए। योग गुरु और पतंजलि के संस्थापक बाबा रामदेव के कोविड-19 के एलोपैथिक उपचार के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों को लेकर भी कई राज्यों में केस दर्ज हैं।  

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