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एक्शन बोलते ही 5 हजार चिल्ला कर सेट से क्यों भागे थे किशोर कुमार ?

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किशोर कुमार का नाम आते ही उनके एक से बढ़कर सुरीले और दिल को सुकून देने वाले गानों के साथ ही उनकी एक्टिंग की तस्वीरें दिमाग में घूमने लगती हैं। ऐसे ही हरफनमौला गायक-एक्टर किशोर कुमार की आज 106वीं बर्थ एनिवर्सरी है। वो जितने गजब के गायक थे उतने ही अफलातून इंसान भी थे। वो फिल्मी दुनिया की ऐसी शख्सियत थे, जिनकी असल जिंदगी के किस्से फिल्मों से कम नहीं थे। आज उस महान गायक संगीतकार और एक्टर के जीवन से जुड़े हुए कुछ लाजवाब किस्से....

बचपन में बेसुरे थे किशोर कुमार- 

किशोर कुमार का जन्म आज ही के दिन यानी 4 अगस्त को खंडवा, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। उनके पिता कुंजालाल गांगुली वकील थे। वहीं नामी बंगाली परिवार से ताल्लुक रखने वाली उनकी मां गौरी देवी हाउसवाइफ थीं। 4 भाई-बहन अशोक, सीता देवी, अनूप में किशोर कुमार सबसे छोटे थे। किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार ने बताया था कि किशोर दा बचपन से सुरीले नहीं थे। उनकी आवाज बैठी हुई थी, जब कभी गुनगुनाते थे तो बेसुरे सुनाई पड़ते थे।

कैसे सुरीली हुई किशोर दा की आवाज-

अशोक कुमार कहते हैं कि एक दिन बचपन में मां किचन में सब्जियां काट रही थीं। नन्हे से किशोर दौड़ते हुए मां के पास जा ही रहे थे कि वहां धारदार हंसिया उनके पैर में लग गया जिससे उनका पैर कर गया और तेजी से खून बहने लगा। कम उम्र के किशोर दर्द नहीं सह पाए और जोर-जोर से रोने लगे। ऐसे ही जब तक चोट में आराम नहीं मिला तब तक किशोर दा रोज-रोते रहे। घंटों रोने से उनके वोकल कॉर्ड्स पर इतना असर पड़ा कि वो सुरीले हो गए। किशोर दा भी उस हादसे को ही अपनी आवाज का श्रेय देते हैं।

टेबल पर तबला बजाया तो टीचर ने लगाई फटकार-

किशोर दा को कभी भी पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं थी। एक दिन वो क्लासरूम में बैठकर टेबल पर तबला बजा रहे थे। सिविक्स की क्लास में टीचर ने जैसे ही आवाज सुनी तो फटकार लगा दी। कहा- पढ़ाई-लिखाई में ध्यान दो गाने बजाने से कुछ नहीं होगा। ये सुनकर किशोर कुमार ने जवाब दिया देखना एक दिन इसी गाने-बजाने से मेरा नाम होगा। सालों बाद किशोर कुमार ने वो बात सच कर दिखाई।

बड़े भाई के गानों में बने कोरस सिंगर- 

किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार 40 के दशक में हिंदी सिनेमा का बड़ा नाम बन चुके थे। अशोक कुमार मुंबई में रहते थे तो परिवार का आना-जाना भी मुंबई में होता था। बड़े भाई की मदद से किशोर कुमार भी बॉम्बे टॉकीज में कोरस सिंगर बन गए। गाने गाते हुए उन्होंने अपना नाम आभास से किशोर कुमार कर लिया। एक दिन उनकी परफॉर्मेंस से खुश होकर डायरेक्टर खेमचंद प्रकाश ने उन्हें फिल्म जिद्दी के गाने मरने की दुआएं क्यों मांगू गाने का मौका दिया। गाना हिट हुआ और किशोर कुमार को लगातार हिंदी  सिनेमा में गाने और अभिनय का मौका मिलने लगा। 1949 में वो भी बड़े भाई के साथ मुंबई आ पहुंचे।

एस.डी. बर्मन ने पहचाना किशोर का हुनर-

बताते हैं कि किशोर कुमार हमेशा से ही के.एल. सहगल,अमेरिकन सिंगर डैनी के और रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े प्रशंसक थे। अपनी दीवानगी जगजाहिर करने के लिए उन्होंने घर में तीनों की तस्वेरें टांग रखी थीं। और रोज सुबह उनका नमन किया करते थे। जब रियाज की बारी आती तो केएल सहगल के गाने दोहराते रहते थे। एक दिन फिल्म मशाल के लिए एस.डी. बर्मन, अशोक कुमार से मिलने उनके घर पहुंचे देखा तो उनके छोटे भाई किशोर दा बैठकर रियाज कर रहे थे। एस.डी. बर्मन उनके पास गए और कहा कि अगर बड़ा सिंगर बनना है तो अपना स्टाइल ढूंढो न कि किसी और की नकल करो। जब किशोर कुमार ने उन्हे योडलिंग सुनाई तो खुश होकर उन्होंने किशोर दा को देव आनंद की आवाज बना दिया। लगातार हिट देते हुए किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन सिंगरों में गिने जाने लगे। उन्होंने अपने करियर में 1198 फिल्मों में 2678 गाने गाए।

अपनी फीस को लेकर काफी पाबंद थे किशोर कुमार- 

किशोर दा के लिए फेमस है कि वो अपनी फीस को लेकर काफी पाबंद थे। वो नो मनी, नो वर्क की पॉलिसी को फॉलो करते थे। वो तब तक गाने की रिकॉर्डिंग शुरू नहीं करते थे जब तक उनका असिस्टेंट आकर न बता दे कि उनकी फीस पूरी मिल चुकी है। जब-जब उन्हें आधी-अधूरी फीस मिली तब-तब उन्होंने अलग-अलग तरीकों से प्रोड्यूसर की नाक में दम कर दिया। 

 5 हजार के लिए शूटिंग छोड़कर भागे थे किशोर कुमार-

किशोर दा हमेशा से ही सिंगर बनना चाहते थे, लेकिन उन्हें एक्टिंग के भी कई ऑफर मिलते थे। जब भी कोई उनके पास फिल्म लेकर आता तो वो कोई न कोई बहाना बनाकर भगा देते थे। 1956 की बात है जब अशोक कुमार ने छोटे भाई को फिल्म भाई-भाई में काम दिलवा दिया। फिल्म के डायरेक्टर एम.वी.रमन ने उन्हें 5 हजार रुपए कम दिए। ऐसे में जब शूटिंग शुरू हुई और एक्शन कहा गया तो किशोर कुमार दो कदम चले, चिल्लाया 5 हजार रुपये और गुलाटी मारते हुए सेट से भाग गए। किशोर कुमार के ऐसे अनगिनत किस्से हैं जो एक फिल्म की तरह ही आपको गुदगुदाते हैं।

 

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