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रश्मिका मंदाना इन दिनों एक फेक वायरल वीडियो को लेकर चर्चा में हैं जिसे लेकर फैंस सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। रश्मिका के डीपफेक वीडियो पर काफी ज्यादा कॉन्ट्रोवर्सी हो गई है। इसे लेकर अभिनेत्री खुद भी अपनी टेंशन बयां कर चुकी हैं। इसी बीच डीपफेक वीडियो में दिख रहीं असल शख्सियत जारा पटेल का भी रिएक्शन सामने आया है। जिसके चलते यह मामला और भी ज्यादा चर्चा में है। वीडियो के तेजी से वायरल होने के बाद ब्रिटिश इंडियन जारा ने कहा है कि इस डीपफेक वीडियो कॉन्ट्रोवर्सी में उनका कोई रोल नहीं है। आइए आपको बताते हैं कि ये डीपफेक आखिर क्या है जिसके चलते इतना बवाल मचा है।
दरअसल रश्मिका मंदाना का एक वीडियो वायरल हुआ जिसके बाद एक यूजर ने जानकारी शेयर करते हुए बताया कि ये डीपफेक से बनाया गया नकली वीडियो है जिसमें दिखाई दे रही लड़की रश्मिका मंधाना नहीं बल्कि कोई इंस्ट्राग्राम इन्फ्लुएंसर है। डीपफेक असल में मशीन या एआई-जनरेटेड नकली इमेज और वीडियो होते हैं। जिसमें रियल यानी असली आदमी को हटाकर उसकी जगह पर किसी दूसरे व्यक्ति की तस्वीर या वीडियो को लगाकर उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया जाता है। जिसका रिजल्ट ये होता है कि वीडियों या फोटो में दिख रहा आदमी ये समझ नहीं पता की उसने कब ऐसी एक्टिविटी की जो इस वीडियो या फोटो में दिख रही है। इन डीपफे़क वीडियो के जरिये देखने वालों को उस घटना का यकीन दिलाया जाता है जो पहले कभी हुई ही नहीं। खैर वायरल होने के वाद डीपफेक कंटेंट लोगों के मनोरंजन का साधन बन जाता है।
डीपफे़क का प्रयोग-
सूचना तो ये भी है कि पिछले कुछ सालों में इस तकनीक का इस्तेमाल नॉस्टेल्जिया को जीने के लिए भी किया जा रहा है। जिसके लिए मर चुके रिश्तेदारों की तस्वीरों में चेहरों को एनीमेट किया जा रहा है। यहाँ तक तो आपको टेक्नोलॉजी के फायदे दिख रहे होंगे। लेकिन अति तो तब हो जाती है जब डीपफेक के जरिये न्यूडिटी को प्रमोट किया जाता है और लोगों के वीडियोज और फोटोज पोर्न साइट्स पर डाल दिए जाते हैं। डीपट्रेस की रिपोर्ट की माने तो साल 2019 में ऑनलाइन पाए गए डीपफेक वीडियो में 96 प्रतिशत अश्लील कंटेंट था। इसके अलावा यूक्रेन-रूस युद्ध और भारतीय और अमेरिकी चुनाव के दौरान भी डीपफ़ेक वीडियो सामने आए हैं। अब तक आपके दिमाग में ये जिज्ञासा जरूर आ चुकी होगी कि ये आखिर कैसे सम्भव है।दरअसल इसके लिए कंप्यूटर को बहुत ज्यादा डाटा दिया जाता है। जिसके बाद कंप्यूटर डीपफेक कंटेंट बनाने के लिए डीप मशीन लर्निंग,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, वीडियो एडिटिंग और ऑडियो सॉफ्टवेयर का यूज करता है।अब अगर आपको असली और नकली में पहचान करनी है तो कंटेंट देखते वक्त आपको कुछ खास पहलुओं पर ध्यान देना होगा। सबसे पहली बात कि कंटेंट में फेस की पोज़िशन चेक की जा सकती है। क्योंकि डीपफे़क कंटेंट अक्सर फे़स और आँख की पोज़िशन सेट करने में मात खा जाता है। जिसके चलते आँख और नाक की पोजीशन ही चेंज हो जाती है। इसके अलावा कभी-कभी कई मिनट तक पलक ही नहीं झपकती है जबकि नार्मल वीडियो में पलक झपकना स्वाभाविक है। एडिटिंग के जानकार डीपफेक कंटेंट में कलरिंग को देखकर बता सकते हैं कि वीडियो रियल है या फेक।
Baten UP Ki Desk
Published : 7 November, 2023, 4:34 pm
Author Info : Baten UP Ki