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TV अभिनेता ऋतुराज सिंह की कार्डियक अरेस्ट से मौत, जानिए क्या है बीमारी और कैसे करें बचाव?

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(Special Story) मनोरंजन जगत से दुखद खबर सामने आई है। टेलीविजन के मशहूर अभिनेता ऋतुराज सिंह की 59 साल की उम्र में मौत हो गई है। एक्टर की मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे, हालही में उन्हें पैंक्रियाटिक संबंधी समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रिपोर्टस के मुताबिक वह पैंक्रियाटाइटिस नामक बीमारी के शिकार थे। टीवी शोज, वेब सीरीज और फिल्मों में अपनी दमदार एक्टिंग से लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ने वाले दिग्गज अभिनेता की मौत की खबर से उनके फैंस को तगड़ा झटका लगा है। ऋतुराज सिंह की मौत से परिवारवाले भी सदमे में हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि आखिर कार्डियक अरेस्ट क्या होता है और इससे बचने के क्या उपाय हैं।

भारत में कार्डियक अरेस्ट के बढ़ते मामले-

आपको बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि हर साल भारत में लगभग 5-6 लाख लोगों की सडेन कार्डियक डेथ यानि (एससीडी) से मौत हो जाती है। 50 से कम आयु के लोगों में भी यह खतरा समय के साथ बढ़ता जा रहा है। कई कारक हैं जो इसके जोखिमों को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। जिनको लेकर सभी को अलर्ट रहने का सलाह दी जाती है। 

क्या होता है सडेन कार्डियक अरेस्ट-

सडेन कार्डियक अरेस्ट हृदय रोगों के कारण होने वाली मौत के प्रमुख कारकों में से एक है। इसे हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक माना जाता है। नारायण हॉस्पिटल एवं कैंसर रिसर्च सेंटर गोंडा के डॉ. शरद श्रीवास्ताव के मुताबिक अनियमित हृदय गति के कारण हृदय की सभी गतिविधियों के अचानक रुक जाने से कार्डियक अरेस्ट हो सकता है। इसमें व्यक्ति अचानक बेहोश हो जाता है और अगर उसे तत्काल उपचार न मिले तो हृदय गति रुकने से मृत्यु भी हो सकती है। डॉ. शरद बताते हैं कि कार्डियक अरेस्ट किसी को भी हो सकता है। पहले से हृदय रोगों की समस्या वाले व्यक्ति में इसका खतरा अधिक देखा गया है। जब उनसे पूछा गया कि इससे बचाव के लिए क्या करना चाहिए तो उन्होंने बताया कि इसके लिए सबसे जरूरी तो समय-समय पर अपने स्वास्थ्य खास कर दिल की जांच जरूर कराते रहें।

सडेन कार्डियक अरेस्ट से बचाव-  

  • तनाव से हमेशा दूर रहें, किसी भी प्रकार का तनाव न लें।
  • अच्छी और पूरी नींद हमेशा लें।
  • स्वस्थ दिनचर्या का पालन करें
  • शराब- सिगरेट आदि का प्रयोग न करें।
  • फास्ट-फूड, तली-भुनी चीजों का प्रयोग बहुत कम ही करें।
  • हर छह महीने में लिपिड प्रोफाइल टेस्ट जरूर कराएं 

कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में अंतर-

आपको बता दें कि कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों एक चीज नहीं है। दरअसल, कार्डियक अरेस्ट का मतलब होता है दिल की धड़कन रूक जाना। वहीं हार्ट अटैक में दिल की नसें यानि धमनियों में ब्लॉकेज आ जाते हैं। जिसकी वजह से सीने में बहुत तेज दर्द होने लगता है। हार्ट अटैक में दिल धड़कता रहता है वहीं कार्डियक अरेस्ट में दिल काम करना बंद कर देता है। कार्डियक अरेस्ट दिल की  इलेक्ट्रिकल एबनॉर्मलिटी की वजह से होता है। वहीं हार्ट अटैक दिल में ब्लॉकेज की वजह से होता है। जब दिल में सही मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचता है। मौत अक्सर कार्डियक अरेस्ट से होती है हार्ट अटैक से नहीं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अभिनेता ऋतुराज सिंह पैंक्रियाटाइटिस की समस्या के भी शिकार थे, जिसके कारण वह पिछले दिनों अस्पताल में भर्ती हुए थे, हालांकि बाद में उन्हें डिस्टचार्ज कर दिया गया था।

क्या होती है पैंक्रियाटाइटिस बीमारी-

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक पैंक्रियाटाइटिस जिसे अग्नाशयशोथ भी कहा जाता है, ये अग्न्याशय में सूजन की समस्या है। अग्न्याशय शरीर के भोजन पचाने और रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मदद करता है। पैंक्रियाटाइटिस के कारण अग्न्याशय को क्षति हो सकती है जिस पर अगर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो ये दिक्कत और बढ़ सकती है। 

कैसे करें इस रोग की पहचान?

पैंक्रियाटाइटिस होने के कई कारण होते हैं और इसके लक्षण भी अलग-अलग हो सकते हैं। एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस की स्थिति में पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, बुखार, पल्स रेट बढ़ने, पेट की समस्या होने या बार-बार उल्टी की दिक्कत हो सकती है। समस्या बढ़ने के साथ बिना प्रयास किए वजन कम होने, शौच में दिक्कत भी बढ़ने लग जाती है। 

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