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(Special Story) राम करोड़ों लोगों की आस्था हैं। राम भारत की चेतना हैं। राम भारत की प्राण शक्ति हैं। राम भारत की आत्मा में रचे बसे हैं। ऐसे प्रभु श्रीराम का चरित्र निभा कर जनजन तक राम के रुप में पहुंचने वाले अरूण गोविल का आज जन्मदिन है। याद कीजिए 80 का वो दशक जब टीवी पर रामायण सीरियल शुरू होता था तब चारों-ओर सन्नाटा छा जाता था। लोग भक्तिभाव में सराबोर होकर रामायण देखते थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम के किरदार के लिए अरूण गोविल रिजेक्ट हो गए थे फिर उनको यह कालजयी चरित्र निभाने का मौका कैसे मिला। आज हम आपको बताएंगे टीवी के राम से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो शायद अभी तक आप न जानते हों....
आज भी भगवान की तरह पूजते हैं लोग-
टीवी पर रामायण के दौरान अरूण गोविल की ऐसी पहचान बनी कि आज भी लोग उनमें भगवान राम का अक्स देखते हैं। 80 के दशक से शुरू हुआ सिलसिला आज भी जारी है। रामायण में राम का किरदार निभा चुके अरुण गोविल को लोग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जानते हैं। आपको याद होगा कि बीते वर्ष भी अरुण गोविल का एक वीडियो काफी वायरल हुआ था। जिसमें एपरपोर्ट पर एक महिला ने जैसे ही अभिनेता को देखा तो दंडवत होकर प्रणाम करने लगी। महिला इतनी भावुक हो गई थी कि उसकी आंखों से आंसुओं की धारा बहने लगी थी। ये वीडियो खूब वायरल हुआ था। आज भी जनमानस में उनके द्वारा निभाया गया भगवान राम का किरदार बसा हुआ है। सबसे पहले बताते हैं कि अरूण गोविल ने जन्मदिन पर अपने चाहने वाले दर्शकों से क्या कहा...
जन्मदिन पर अरूण गोविल ने कही ये बात-
भगवान श्रीराम हमारे आदर्श हैं। ‘रामायण’ में उनका चरित्र निभाकर, मैं धन्य हुआ। मुझमें प्रभु श्रीराम की छवि देखकर आप सबने मुझे जो स्नेह और आदर सम्मान दिया है, मैं उससे अभिभूत हूं।आप सबको हार्दिक साधुवाद और धन्यवाद।मेरे जन्मदिन पर आप सबकी शुभकामनाओं के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
यूपी के इस जिले में हुआ था अरूण गोविल का जन्म-
टीवी एक्टर अरुण गोविल को आज भी 'रामायण' के राम के रूप में ही जाना जाता है। 12 जनवरी, 1958 को उत्तर प्रदेश के मेरठ के साधारण परिवार में अरुण गोविल का जन्म हुआ था। अरुण गोविल ने शायद कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके जीवन में एक समय ऐसा भी आएगा जब लोग उन्हें भगवान राम मानकर उनके पैर छूने लगेंगे।
17 साल की उम्र में चले आए मायानगरी-
आपको बता दें कि अरुण गोविल महज 17 साल की उम्र में मायानगरी यानी मुंबई आ गए थे। सपनों के इस शहर में आकर अपना व्यवसाय शुरू किया। इसके साथ ही उन्हें एक्टिंग के लिए भी ऑफर मिलने लगे। वर्ष 1977 में उन्हें तारा बड़जात्या की फिल्म ‘पहेली’ में काम करने का ऑफर मिला। ये उनकी डेब्यू फिल्म थी। इसके बाद अरुण गोविल ने सावन को आने दो , सांच को आंच नहीं, इतनी सी बात, हिम्मतवाला, दिलवाला, हथकड़ी, और लव-कुश जैसी फिल्मों में काम किया है। लेकिन, उन्हें असली लोकप्रियता टीवी शो 'रामायण' से ही मिली जिसने उनको घर-घर और जन-जन तक पहुंचा दिया।
राम के किरदार के लिए हुए थे रिजेक्ट-
बताया जाता है कि वर्ष 1987 में रामानंद सागर ने जब 'रामायण' धारावाहिक बनाना शुरू किया तो इसकी खबर जैसे ही मिली वे तुरंत ऑडिशन देने पहुंच गए। निर्माताओं को ‘राम’ की भूमिका के लिए कलाकार की तलाश थी, लेकिन जब अरुण ने ऑडिशन दिया तो उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया। लेकिन, कुछ वक्त बाद उन्हें फिर से बुलाया गया और ‘राम’ के रोल के लिए फाइनल किया गया। राम का किरदार निभा कर इन्होंने दर्शकों के दिमाग और मन पर कुछ ऐसी छाप छोड़ी कि दर्शक इनकी तस्वीर की पूजा तक करने लगे।
चप्पल उतारकर 'रामायण' देखते थे लोग-
वर्ष 1987 में टेलीकास्ट हुए प्रसिद्ध टीवी सीरियल 'रामायण' को देखने के लिए लोग चप्पल उतारकर और सिर पर पल्लू रखकर टीवी के सामने बैठ जाया करते थे। इतना ही नहीं वह जहां भी जाते थे लोग श्रीराम कहते हुए उनके कदमों में गिर जाया करते थे। एक बार एक्टर ने खुद भी एक ऐसा किस्सा सुनाया था कि जिसे सुनकर हर कोई दंग रह गया था। अरुण गोविल ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि एक बार एक बेबस महिला उन्हें श्रीराम को ढूंढते हुए उनके शो के सेट पर आ गई थी। महिला सेट पर आकर सबसे पूछने लगी कि श्रीराम कहां है? उसक गोद में एक बच्चा था। सेट पर लोगों ने उसे मेरी ओर भेज दिया। पहले तो वह मुझे टी-शर्ट में देखकर पहचान नहीं पाई। इसके बाद वह आकर मेरे कदमों में गिर गई। मैं बहुत घबरा गया था। मैंने उससे पूछा कि आप क्या कर रही हैं? प्लीज मेरे पैर छोड़िए। उस महिला ने रोते हुए अपने बच्चे को मेरे कदमों में रख दिया।
बच्चे के सिर पर रखवाया हाथ-
अरुण गोविल ने बताया कि इस दौरान 'उस महिला ने मुझसे कहा कि मेरा बेटा बीमार है। वो मर जाएगा, उसे बचा लीजिए। मैंने उनसे हाथ जोड़कर कहा कि आप इसे तुरंत अस्पताल ले जाइए मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता। मैंने भगवान से उनके बेटे के प्रार्थना की। महिला ने बेटे के सिर पर मेरा हाथ रखवाया। इसके बाद वह रोते हुए बच्चे को लेकर चली गई। एक्टर ने बताया कि 3 दिन के बाद वही महिला फिर वापस सेट पर आई। उसके साथ उसका बेटा भी था, जो अब बिल्कुल ठीक हो चुका था और खुद चलकर आ रहा था। सेट पर हर कोई उस बच्चे को देखकर हैरान था मैं भी।
'राम' को भगवान श्रीराम के दर्शनों का इंतजार-
निर्माता-निर्देशक रामानंद सागर के धारावाहिक 'रामायण' में राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल भी प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में पहुंच रहे हैं। वह कहते हैं, 'मैं बहुत ज्यादा खुश हूं, बरसों के बाद हमें यह मौका हमें मिला है। यहां तक पहुंचने के लिए कइयों ने बहुत कुछ खोया है, आखिरकार हम राम लला के दर्शन करेंगे। मैं इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।'
बीते वर्ष 'ओएमजी 2' में आए थे नजर-
राम की भूमिका अदा करने के बाद एक्टर को कमर्शियल फिल्मों के ऑफर आने बंद हो गए थे। एक्टर ने एक बार खुद खुलासा किया था कि,' राम की भूमिका करके मैं इतना फेमस हो गया था कि किसी ओर रोल के लिए मुझे निर्माता अप्रोच नहीं कर पाए। निर्माताओं को लगता था कि मुझे कमर्शियल फिल्म में देखना पब्लिक को अच्छा नहीं लगेगा। सिर्फ इतना ही नहीं राम के किरदार के कारण उनका खुलेआम घूमना भी मुश्किल हो गया था। वर्क फ्रंट की बात करें तो अरुण गोविल बीते वर्ष अक्षय कुमार की फिल्म 'ओएमजी 2' में नज़र आए थे।
अरुण गोविल की आगामी फिल्म-
हमारी सबकी आस्था के केंद्र भगवान श्री राम के मंदिर को बनाने के लिए किए संघर्ष को दर्शाती फीचर फिल्म 695 आगामी 19 जनवरी को रिलीज हो रही है। इसमें एक महत्वपूर्ण पात्र का चरित्र अरुण गोविल ने निभाया है। वास्तविकता से जुड़ी हुई यह फिल्म है। जिस प्रकार से इस समय राममय महौल है उसको देखते हुए तो ऐसा लगता है कि दर्शकों को यह फिल्म जरूर पसंद आएगी।
सीनियर प्रोड्यूसर
Published : 12 January, 2024, 4:13 pm
Author Info : राष्ट्रीय पत्रकारिता या मेनस्ट्रीम मीडिया में 15 साल से अधिक वर्षों का अनुभव। साइंस से ग्रेजुएशन के बाद पत्रकारिता की ओर रुख किया। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...