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सन्नी पाजी ने बचपन से जूझ रहे बीमारी का किया खुलासा

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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता सनी देओल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि वह डिस्लेक्सिया जैसी बीमारी से जूझ रहे हैं। डिस्लेक्सिया एक प्रकार की सीखने की अक्षमता है, जिसमें व्यक्ति को पढ़ने, लिखने और शब्दों को बोलने और याद रखने में कठिनाई होती है। सनी देओल ने कहा कि उन्हें बचपन से ही इस बीमारी का पता चला था। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के कारण उन्हें अपनी पढ़ाई में काफी परेशानी हुई। लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से इस बीमारी को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

साल 2023 रहा बेहद खास-

आपको बता दे कि अभिनेता के लिए साल 2023 बेहद ही खास रहा। उन्होंने लंबे समय के बाद फिल्म गदर 2 के साथ बड़े पर्दे पर वापसी की। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई और सनी देओल की एक्टिंग की हर तरफ तारीफ हुई। ऐसे में बहुत हैरानी की बात है कि जहां और लोग 66 साल की उम्र में आमतौर पर अधिकतर चीजे भुलने लगते हैं ऐसे में अभिनेता ने डिस्लेक्सिया से जूझते हुए गदर 2 मूवी बना कर एक मिसाल कायम की है कि जब तक आप हार नहीं मानते तब तक आप पर कोई भी चीज हावी नहीं हो सकती। 

पिता के बारे में खुलकर बात की-

बॉम्बे टाइम्स के साथ बातचीत में, सनी देओल से जब पूछा गया कि अपने पिता को इस उम्र में सेट पर काम करते हुए देखना कैसा लगता है और क्या इससे उन्हें चिंता होती है। इस पर गदर अभिनेता ने कहा कि 'कोई हमेशा चिंतित रहता है, ऐसा लगता है कि वह हमारे बारे में चिंतित है और हमें उनकी चिंता रहती है। जब भी वह शूटिंग कर रहे होते हैं, तो मैं सेट पर यह देखने जाता हूं कि वह ठीक हैं या नहीं। बेटा बाप के बारे में सोचता है, बाप बेटे के बारे में। मैं ऐसा कह सकता हूं क्योंकि मेरे बेटे (करण और राजवीर) हैं, इसलिए मुझे पता है कि कैसा महसूस होता है'।

सनी देओल ने बताया कि वह अपने किरदार को निभाने से पहले कोई रिसर्च नहीं करते हैं। उन्होंने धर्मेंद्र का उदाहरण देते हुए कहा कि मेरे पिता एक के बाद एक फिल्में करते थे। वे दो से तीन शिफ्ट में काम करते थे। ऐसा करके भी उन्होंने अपने किरदारों को खूबसूरती से निभाया। आज के समय में कोई ऐसा करके देखे। आज के एक्टर नहीं कर सकते, क्योंकि वे अपना किरदार निभाने से पहले शोध करते हैं। मुझे ये सब करना बकवास लगता है, क्योंकि ऐसा करने से समय की बर्बादी होती है'।

लोग सोचते थे, क्या ये डफर है- 

फिल्मों में अपने किरदार के बारे में बात करते हुए एक्टर ने कहा कि आप एक बायोग्राफिकल करैक्टर निभा रहे हैं, तो यह अलग है, लेकिन फिर भी बॉर्डर जैसी फिल्म में, मैंने ब्रिगेडियर कुलदीप की भूमिका निभाई। सिंह चांदपुरी, मैंने उनकी नकल नहीं की। मैंने किरदार की आत्मा को समझ लिया और इसे अपने तरीके से किया। ऐसा नहीं है कि मैंने इसके लिए शोध किया कि वो कैसे चलता था, क्या करता था। जब मैं कोई फिल्म कर रहा होता हूं, तो मेरे पास डायलॉग भी नहीं होते'।

यह दूसरी बात है कि मैं डिस्लेक्सिक हूं, इसलिए ठीक से पढ़-लिख नहीं पाता और बचपन से ही यही मेरी समस्या रही है। पहले, हमें नहीं पता था कि यह क्या है और लोग सोचते थे... क्या ये डफर आदमी है। मुझे हमेशा अपने संवाद हिंदी में मिलते हैं और मैं इसे पढ़ने में अपना समय लेता हूं। मैंने उन्हें कई बार पढ़ा और उन्हें अपना बना लिया'।

 

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