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क्या है त्रिनेत्र 2.0 जिससे अब नहीं बच पाएंगे अपराधी?

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2017 में जब योगी आदित्यनाथ पहली बार सीएम बने थे तो उन्होने कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में कोई अपराध होता है तो अपराधी उत्तर प्रदेश छोड़ दें या अपराध छोड़ दे। लेकिन जब 3 दिसम्बर 2023 को एनसीआरबी की क्राइम इन इंडिया रिपोर्ट 2022 आई तो इस रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश हत्या,बलात्कार, अपहरण, रेप के बाद हत्या, गैंगरेप और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के मामले में नंबर एक पर रहा। लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा अब एक नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा जो अपराधियों को धर दबोचने में काफी मददगार साबित हो सकता है। आइए आपको बताते हैं आखिर क्या त्रिनेत्र 2.0 और यह कैसे करेगा पुलिस की मदद.....

क्या है त्रिनेत्र 2.0-

अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सॉल्यूशन कंपनी 'स्टैक टेक्नोलॉजीज' ने एआई पावर्ड क्राइम जीपीटी त्रिनेत्र 2.0 लॉन्च किया है। यूपी पुलिस त्रिनेत्र 2.0 जीपीटी से अपराधियों पर लगाम लगाने का काम करेगी। यह दो साल पहले लॉन्च किए गए त्रिनेत्र 1.0 का एक बेहतर वर्जन है। इससे आपराधिक रिकार्ड डिजिटलाइज किया जाएगा और मालखानों में रखे गए सामान की जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी। वहीं ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर काम करेगा। इसमें क्लिक करते ही गैंग अनालिसिस की भी सुविधा एक्टिव हो जायेगी। इस तकनीक की मदद से आपराधिक रिकॉर्ड को डिजिटल किया जाएगा। इस क्राइम जीपीटी लॉन्च का उद्देश्य सुरक्षा को मजबूत करना है। जिससे यूपी पुलिस को अपराधियों पर नकेल कसने में मदद मिलेगी। 

कैसे अपराधियों तक पहुंचने में करेगा मदद-

क्राइम जीपीटी त्रिनेत्र 2.0 आपराधिक डेटाबेस निकालने के लिए लिखित और ऑडियो इनपुट दोनों का उपयोग करता है। फिर उसके आधार पर नतीजे तैयार करता है। यदि किसी अपराधी के पिछले दो वर्षों में किए गए अपराध के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है, तो एक लिखित या ऑडियो संदेश क्वेरी दर्ज की जाती है। डेटाबेस से जुड़ने से आवश्यक प्रोग्राम जल्दी मिल जाते हैं। इसमें आपराधिक गैंग एनालिसिस, आवाज पहचान, चेहरे की पहचान और कई अन्य चीजें शामिल हैं। त्रिनेत्र 2.0 के लाभों की बात करें तो इससे पुलिस को अपराधियों को तेजी से और अधिक सटीक रूप से पकड़ने में मदद मिल सकेगी। वहीं यह डाटा को इक्क्ठा करने का एक कम खर्चीला तरीका भी हो सकता है।

इससे आसानी से होगी अपराधियों की पहचान-

क्राइम जीपीटी स्टैक का त्रिनेत्र ऐप्लिकेशन है। इसका उपयोग निशान का पता लगाने, ओरल सिग्नल, ऑडियो इनपुट फेशियल आइडेंटिफिकेशन के आधार पर अपराधियों को आसानी से ट्रैक करने में किया जाएगा। गौरतलब है कि स्टैक पहला भारतीय स्टार्टअप था, जिसने पहले उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर 9,00,000 से ज्यादा अपराधियों का डेटाबेस बनाया था। क्राइम जीपीटी त्रिनेत्र के लॉन्च करने का उद्देश्य सुरक्षा ढांचे को मजबूत करना है। जिसे आगे बढ़ाने के लिए क्राइम जीपीटी अच्छी भूमिका निभाता है।

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