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उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए शुरु की जाएगी वर्टिकल ड्रिलिंग

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उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मज़दूरों को बाहर निकालने का आज 14वां दिन है। मजूदरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन रास्ते में बाधा आने से रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार प्रभावित हो रहा है। शुक्रवार को एक बार फिर से ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया। जिसकी वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन रुक गया है। जिसको देखते हुए अधिकारियों की तरफ से ने थोड़ी देर एक उच्चस्तरीय बैठक की जाएगी। जिस बैठक में रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल बनाने की लिए वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने का फैसला लिया जाएगा। जिससे जल्द- जल्द  मजदूरों को बाहर निकालने सफलता मिल पाएं।

 अब सिर्फ 15 मीटर बाकी रह गई खोदाई-  

मिली जानकारी के मुताबिक, ऑगर मशीन की मदद से 47 मीटर की ड्रिलिंग कर ली है और करीब 15 मीटर की खोदाई अभी बाकी है। शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया जिसकी वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए। ऑगर मशीन का अगला हिस्सा लोहे के पाइप के आखिरी मुहाने पर बुरी तरह फंस गया जिसके बाद टीम को ऑगर मशीन के ब्लेड को वहां से निकालने में काफी दिक्कत हो रही है। ऐसे में एक बार फिर से अन्दर फंसे मजूदरों के परिवार की उम्मीदे टूट रही हैं। फिलहाल एजेंसियों के पास कोई रास्ता नहीं है कि जाल को काटकर मशीन को पीछे लाया जाए।  

थोड़ी देर में होगी उच्चस्तरीय बैठक- 

वहीं बताया जा रहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन और ऑगर मशीन में आ रही बाधा को लेकर थोड़ी देर बाद  साइट पर बैठक की जाएगी। जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग शुरू करने का फैसला लिया जाएगा। ओएनजीसी, एसजीवीएनएल अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी में है। एसजेवीएन और ओएनजीसी की टीमें सिल्कयारा सुरंग के ऊपर पहाड़ी पर पहुंच गई हैं। ड्रिलिंग मशीन आते ही वर्टिकल ड्रिलिंग का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। वर्टिकल ड्रिलिंग एक जटिल प्रक्रिया है, लेकिन यह सुरंग के दोनों ओर से ड्रिलिंग की तुलना में अधिक प्रभावी हो सकती है। वर्टिकल ड्रिलिंग से रेस्क्यू टीम को सीधे सुरंग तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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