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2026 तक उत्तर प्रदेश को फाइलेरिया मुक्त किए जाने के लिए प्रदेश में जोर-शोर से अभियान चलाया जा रहा है। एमडीए अभियान के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलों में लोगों के घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जा रही है। जिसके चलते शुरुआती 4 दिनों में ही करीब 20 प्रतिशत लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा खा ली है। यह अभियान 28 फरवरी तक चलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी प्रदेशवासियों को दवा के साथ ही जागरूकता फैलाने की अपील की है।
10 फरवरी से शुरू हुआ है अभियान-
आपको बता दें कि एमडीए अभियान के तहत कुल 3,60,25,891 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। जिसमें सिर्फ चार दिन में ही 66 लाख 14 हजार 589 यानि करीब 20 फीसदी लोगों ने फाइलेरिया रोधी दवा खा ली है।
क्या है फाइलेरिया बीमारी-
फाइलेरिया यानि हाथीपांव एक लाइलाज बीमारी है। फाइलेरिया एक संक्रामक रोग है जो परजीवी के कारण होता है। यह परजीवी मनुष्यों में लसीका तंत्र को प्रभावित करता है, जिससे शरीर के विभिन्न भागों में सूजन और विकृति हो सकती है। इसके संक्रमण में लसीका तंत्र पूरी तरह प्रभावित हो जाता है। लसीका तंत्र वाहिकाओं, अंगों और विशेष कोशिकाओं का एक नेटवर्क होता है। इसके लक्षण आने में 10-15 वर्ष लग जाते हैं।
फाइलेरिया के लक्षणों में बुखार सबसे आम लक्षण है। बुखार आमतौर पर रात में होता है और कई दिनों तक रह सकता है। फाइलेरिया के कारण शरीर के विभिन्न भागों में सूजन आ सकती है, जैसे कि पैर, हाथ, स्तन हाथीपांव- को फाइलेरिया का सबसे गंभीर लक्षण माना जाता है। इसमें पैरों में अत्यधिक सूजन आ जाती है, जिससे वे हाथी की तरह दिखने लगते हैं। अन्य लक्षणों में त्वचा का मोटा होना, दर्द, थकान, और कमजोरी।
फाइलेरिया कैसे फैलता है?
फाइलेरिया संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। जब मच्छर किसी संक्रमित व्यक्ति का खून चूसता है, तो फाइलेरिया के परजीवी मच्छर के शरीर में प्रवेश करते हैं। जब मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, तो ये परजीवी व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और लसीका तंत्र में बस जाते हैं। लसीका तंत्र में, ये परजीवी वयस्क बनते हैं और लाखों सूक्ष्म लार्वा (माइक्रोफाइलेरिया) पैदा करते हैं। ये लार्वा रक्त में प्रवेश करते हैं और मच्छरों द्वारा चूसने पर नए लोगों में संक्रमण फैलाते हैं।
फाइलेरिया से बचाव-
मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें, मच्छर भगाने वाली क्रीम लगाएं, और मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए पानी जमा न होने दें। फाइलेरिया की दवा- सरकार द्वारा फाइलेरिया की दवा मुफ्त में वितरित की जाती है। यह दवा साल में एक बार लेनी चाहिए।
बीमारी होने पर इसे छुपायें नहीं। आयुष्मान आरोग्य केंद्र या सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर संपर्क करें और योगी सरकार की योजनाओं का लाभ उठाएं। बता दें कि प्रदेश में 51 फाइलेरिया प्रभावित जिले हैं। वर्तमान में इसमें से 17 जनपदों में यह अभियान चलाया जा रहा है।
Baten UP Ki Desk
Published : 16 February, 2024, 4:41 pm
Author Info : Baten UP Ki