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2023 की वो आपराधिक वारदातें जिन्होंने मचाई सनसनी

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(Special Story) साल 2023 भी गुजरे सालों की तरह ही समाप्त हो गया। ये साल अपने पीछे ऐसी वारदातें छोड़ गया जिनको याद करके व्यक्ति की रूह कांप जाए। ऐसी ही सनसनीखेज वारदारों के बारे में आपको बताते हैं जिन्होंने पूरे राज्य में लोगों को हैरान कर दिया। उत्तर प्रदेश के कई ऐसे बड़े आपराधिक मामले सुर्खियों में आए हैं जिन्होंने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। इन मामलों में कहीं पुलिस ने एनकाउंटर किया तो किसी ने अपने परिवार को ही मौत के घाट उतार दिया। कुछ मामलों ने पूरे यूपी को ही झकझोरकर डाला। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ आपराधिक मामले जिन्होंने उत्तर प्रदेश में सनसनी मचा दी।
 
प्रयागराज में उमेश पाल का दर्दनाक मर्डर-

24 फरवरी को प्रयागराज की सड़कों पर दिनदहाड़े राजू पाल मर्डर केस में मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का सीसीटीवी फुटेज देखकर हर कोई सहम गया था। फुटेज में देखा जा सकता था कि चारों ओर से शूटरों ने किस तरह से उमेश पाल और उनके दो गनर्स पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई थीं, इस दौरान बम भी फेंके गए थे। इस हत्या का सीसीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था। सीसीटीवी में साफ तौर पर दिखा जा सकता था कि उमेश पाल के घर पहुंचते ही उनके ऊपर गोली और बम से हमला कर दिया गया। वहीं घटना के बाद मौके पर चारों तरफ धुंआ-धुंआ हो गया। साथ ही गोलियों की तड़तड़ाहट से इलाका गूंज उठा।

माफिया अतीक-अशरफ की हत्या-

उत्तर प्रदेश के माफिया एवं बाहुबली अतीक-अशरफ की कोर्ट परिसर में हत्या ने पूरे यूपी में सनसनी फैला दी थी।  प्रयागराज में 15 अप्रैल की देर रात माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी। रात को साढ़े 10 बजे के बाद अतीक और अशरफ को उस उक्त गोली मारी गई जब उन दोनों को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था। मीडियाकर्मी बनकर आए तीनों हमलावरों ने दनादन गोलियां बरसाईं। इस पूरी गोलीबारी में एक पुलिसकर्मी और एक पत्रकार भी घायल हो गए। जैसे ही गोलियां चलने लगीं, वहां मौजूद पुलिस और अन्य लोग जान बचा कर इधर-उधर भागने लगे। जैसे ही अतीक के सिर में पहली गोली लगी तो वह गिर गया। इसके बाद भी हमलावरों ने उसे ताबड़तोड़ आठ गोलियां दागीं। आपको बता दें कि माफिया अतीक अहमद को इसी साल 28 मार्च को उमेश पाल अपहरण कांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। अतीक के साथ दो अन्य दिनेश पासी और सौलत हनीफ को भी उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपी दोष मुक्त करार दिए गए थे। एक बार सांसद, पांच बार विधायक रहे अतीक पर 44 साल पहले पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। तब से अब तक उसके ऊपर 100 से अधिक मामले दर्ज हुए थे।

देवरिया का वो खौफनांक कांड जिससे कांप उठे थे लोग-

उत्तर प्रदेश के के देवरिया जिले में रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर गांव में 2 अक्तूबर को सुबह शायद ही किसी को भूली हो। जब सुबह-सुबह ही एक खौफनांक हत्याकांड ने सबसे झकझोर दिया था। सुबह छह बजे जमीन के विवाद में एक पूर्व जिला पंचायत सदस्य की धारदार हथियार से काटकर हत्या कर दी गई थी। इससे गुस्साए पूर्व जिला पंचायत सदस्य के पक्ष के लोगों ने दूसरे पक्ष के घर में घुसकर पति, पत्नी और उसकी तीन संतानों को गोली मारकर और धारदार  हथियार से हमला कर हत्या कर दी थी, जबकि एक बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। जिसे मरा हुआ समझकर हत्यारोपियों ने छोड़ दिया था। पूरी घटना में छह लोगों की हत्या हुई थी। इस घटना से यूपी की राजनीति में हलचल पैदा हो गई थी। घटना में दो दर्जन से अधिक लोगों पर नामजद FIR हुई और उनकी गिरफ्तारी हुई थी। 

वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बने दुजाना का खात्मा-

पश्चिमी यूपी का कुख्यात अनिल दुजाना चार मई को STF की मुठभेड़ में मारा गिराया गया। STF और गौतमबुद्धनगर पुलिस को उसकी तलाश थी। कुख्यात अनिल दुजाना वेस्ट यूपी में खौफ का पर्याय बना हुआ था। उस पर लूट, हत्या, डकैती समेत 65 मुकदमें दर्ज  थे। मेरठ में एसटीएफ के एसपी बृजेश सिंह के नेतृत्व में टीम ने उसे गंगनहर पर भोला की झाल पर चार मई को घेर लिया था। अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर गोली चला दी, जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। कुख्यात अनिल दुजाना वारदातों में प्रतिबंधित बोर के हथियारों का इस्तेमाल करता था। जब वो जेल से बाहर था तो उसके गैंग के पास एके 47 और .30 बोर, नाइन एमए जैसे प्रतिबंधित बोर वाले हथियार थे।  वो दोनों हाथों से पिस्टल चलाता था। पिछले कुछ वर्षों में उसने सहारनपुर से नोएडा और इटावा से लेकर फैजाबाद तक अपना गिरोह फैला लिया था। अधिकतर जिलों में उसके गिरोह के सदस्य बन गए थे। वह यूपी का बड़ा डॉन बनना चाहता था। इसी मकसद के साथ वह बहुत तेजी से गिरोह को बढ़ा रहा था।

लखनऊ कोर्ट में जीवा की हत्या-

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के एससीएसटी कोर्ट रूम में 7 जून को मुख्तार अंसारी के बेहद करीबी कुख्यात अपराधी संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या कर दी गई थी। वकील के लिबास में आए हमलावर ने कोर्ट रूम में ही रिवॉल्वर से ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों, एक डेढ़ साल की बच्ची एवं  उसकी मां को भी गोली लगी थी। जीवा पर हमलावर ने पीछे से फायरिंग की थी। वारदात के बाद वकीलों ने दौड़कर हमलावर को दबोच लिया और पीटकर पुलिस को  सौंप दिया था। मुजफ्फरनगर निवासी संजीव उर्फ जीवा ने वर्ष 1991 में मुजफ्फनगर में पहला अपराध किया था। तब उसके खिलाफ कोतवाली नगर में मारपीट का केस दर्ज किया था। उसके केस में वह दोषमुक्त भी हो चुका था। साल 1991 में किए गए पहले अपराध के बाद संजीव ने अपराध की दुनिया में एक कदम रखा कि फिर वह अपराध के दलदल में डूबता चला गया। पुलिस रिकार्ड बताते हैं कि संजीव के खिलाफ मुजफ्फरनगर में 17, उत्तराखंड में 5, गाजीपुर जनपद में एक, फर्रूखाबाद जनपद में एक और लखनऊ में एक कुल 25 मामले  दर्ज थे।

अपनों ने किया रिश्तों का कत्ल-

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से ऐसी खबर सामने आई जिसको देखकर एक बार रिश्तों से आपका विश्वास ही उठ जाए। अक्तूबर माह में बलरई थाना इलाके के बहादुर गांव में दो मासूम बहनों की घर में घुसकर धारदार हथियार  से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। दो सगी बहनों की हत्या के मामले में बड़ी बहन को पुलिस ने गिरफ्तार किया। साथ ही, आरोपी बहन के पास से कत्ल में इस्तेमाल फावड़ा भी बरामद कर लिया गया था। इस नृशंस हत्याकांड में बड़ी बहन ने घटना को अंजाम देने की बात कबूल की थी। मामले में एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया था कि बहादुरपुर गांव निवासी जयवीर पाल की दो बेटियां शिल्पी (7) और रोशनी (5) की आठ अक्टूबर को फावड़े से गला काटकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने पिता की तहरीर पर दोनों बेटियों की हत्या करने में बड़ी बेटी अंजली के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की पूछताछ में प्रेमी के कहने पर हत्या के लिए उकसाने की बात सामने आई थी। ये कुछ अहम घटनाएं हैं जो 2023 में सुर्खियों में रहीं और जिन्होंने उत्तर प्रदेश में सनसनी मचा दी थी।

बीएचयू की छात्रा से परिसर में सामूहिक दुष्कर्म-

वर्ष 2023 अब बीतने वाला है। शहर की इस साल की आपराधिक घटनाओं पर नजर डालें तो एक नवंबर की देर रात बीएचयू परिसर में आईआईटी की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। इस घटना के तीन आरोपियों को पुलिस अब तक चिह्नित तक नहीं कर सकी। इसी तरह नौ नवंबर की रात बदमाशों ने रोहनिया थाना के अमरा खैरा क्षेत्र की वैष्णो विहार कॉलोनी निवासी बुजुर्ग रवींद्रनाथ सिंह और उनकी पत्नी गायत्री सिंह को बंधक बनाकर लूटपाट की। पुलिस 46 दिन बाद भी बदमाशों को नहीं पकड़ पाई। ऐसा ही एक अन्य प्रकरण चौबेपुर थाना क्षेत्र का भी है। नौ नवंबर की रात चिरईगांव निवासी सिकंदर उर्फ पगालू की हत्या कर उसका अधजला शव बदमाशों ने उसके घर के समीप फेंक दिया। इस वारदात को अंजाम देने वाले भी गिरफ्त में नहीं आ सके।

मां के शव के साथ साल भर से रह रहीं थी दो बेटियां-

बनारस की एक घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. मां की लाश के साथ दो बेटियां साल भर से रह रही थीं. हैरानी की बात है कि दोस्तों, रिश्तेदारों और आसपास के लोगों को भनक तक नहीं लगी. काफी समय बीत जाने की वजह से महिला का शव कंकाल में बदल चुका था. मौके पर पहुंची पुलिस भी हैरान रह गई. बताया जाता है कि दोनों बेटियां मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं. इसलिए उन्होंने मां के निधन की सूचना किसी को नहीं दी. पिता के नहीं होने की वजह से मां संग दोनों बेटियां घर में अकेली रहती थीं. शक होने पर पड़ोसियों ने सूचना करीबी रिश्तेदारों को दी. रिश्तेदारों ने पुलिस को सूचित किया. पुलिसकर्मी महिला के घर पर पहुंचे. बेटियां घर का दरवाजा नहीं खोल रही थीं. जिसके बाद पुलिस जबरदस्ती दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी. घर के अंदर रोंगटे खड़े कर देने वाला मंजर था. कंकाल हो चुके शव के साथ दोनों बेटियां देखी गईं. कंकाल बन चुके शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस का कहना है कि डीएनए टेस्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

 

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