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दीपों का त्योहार दीपावली इस बार रविवार यानी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। क्या आप जानते हैं कि इस बार की दिवाली पर सदियों बाद कुछ खास योग बन रहे हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक इस बार की दिवाली काफी खास रहने वाली है। आपको बात दें कि दीपावली के दिन अमावस्या दोपहर तकरीबन 2.30 बजे बाद से शुरू होगी। शाम को लक्ष्मी पूजा के वक्त पांच राजयोग रहेंगे। इसके साथ ही आयुष्मान, सौभाग्य और महालक्ष्मी योग भी बनेंगे कुल मिलाकर इस दिवाली कुल आठ शुभ योग होंगे जिनमें ये त्योहार मनाया जाएगा।
700 सालों में नहीं बना ऐसा योग-
ज्योतिषियों का कहना है इस दिवाली पर ऐसा शुभ योग बन रहा है जैसा पिछले 700 सालों में नहीं बना होगा। इतने शुभ संयोग बनने से ये लक्ष्मी पर्व सुख-समृद्धि देने वाला होगा। दीपावली पर बन रही ग्रह स्थित देश की तरक्की के लिए शुभ संकेत दे रही है। दीपावली के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से नाय साल शुरू होता है। व्यापारियों में पुष्य नक्षत्र और धनतेरस से नए बही खाते कारोबारी नया साल शुरू करने की परंपरा भी रही है। दीपावली से ही जैन समाज का महावीर निर्वाण संवत भी शुरू होता है।
कौन से होंगे 5 राजयोग-
गजकेसरी, हर्ष, उभयचरी, काहल और दुर्धरा नाम के 5 राजयोग इस बार की दिवाली पर बन रहे हैं। जो शुक्र, बुध, चंद्रमा और गुरु की स्थिति से बनेंगे। ज्योतिष में गजकेसरी योग को सम्मान और लाभ देने वाला माना जाता है। हर्ष योग धन लाभ, संपत्ति और प्रतिष्ठा बढ़ाता है। काहल योग स्थिरता और सफलता देता है। इसके साथ ही उभयचरी योग से आर्थिक संपन्नता बढ़ती है। दुर्धरा योग शांति और शुभता बढ़ाता है।
दोपहर 2.30 बजे बाद अमावस्या और सोमवार को सोमवती-
दिवाली यानी 12 तारीख को सुबह रूप चौदस रहेगी। दोपहर 2.30 बजे बाद अमावस्या तिथि लग जाएगी। लक्ष्मी पूजन अमावस्या की रात में ही होता है। इस कारण दीपावली की पूजा 12 को ही होगी। पूजा के ज्यादातर मुहूर्त दोपहर 3 बजे से ही रहेंगे। अमावस्या सोमवार को दोपहर 3 बजे तक रहेगी। इसलिए अगले दिन सोमवार को सोमवती अमावस्या भी मनाई जाएगी।
जब दो दिन अमावस्या तो दिवाली 12 को क्यों ?
आपको बता दें कि कार्तिक महीने की अमावस्या रविवार और सोमवार दोनों ही दिन रहेगी। लेकिन दीपावली 12 तारीख को ही मनाई जाएगी। रविवार की रात में अमावस्या होने से लक्ष्मी पूजन इसी तारीख को किया जाएगा। सोमवार को अमावस्या दिन में ही खत्म हो जाएगी। इसलिए दिवाली को रविवार यानी 12 तारीख को ही मनाई जाएगी। शास्त्रों में इस बात का जिक्र है कि जिस दिन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के वक्त अमावस्या होती है तब लक्ष्मी पूजन किया जाना चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए ज्योतिषियों का कहना है कि इस बार दीपावली 12 नवंबर को ही मनाई जाएगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 9 November, 2023, 10:59 am
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