उत्तर प्रदेश के नए निकायों और सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में घरों का सर्वे किया जाएगा और सीमा विस्तार होने वाले क्षेत्रों से सौ फीसदी हाउस टैक्स की वसूली के लिए वार्डवार भवनों को नगर विकास विभाग सर्वे कराएगा। पहले चरण में मकानों और प्रतिष्ठानों को चिह्नित किया जाएगा।
इससे क्या होगा फायदा?
इससे यह पता चलेगा कि कौन टैक्स नहीं दे रहा है और साथ ही हाउस टैक्स न देने वाले मालिकों को नोटिस देकर खुद से जमा करने का मौका दिया जाएगा। ऐसा न करने पर निकाय टैक्स की वसूली करेगा।
क्या है मौजूदा स्थिति?
प्रदेश में मौजूदा समय में 762 निकाय हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें शामिल हैं। नगर निगमों और बड़े पालिका परिषदों व नगर पंचायतों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में भवन स्वामियों द्वारा हाउस टैक्स नहीं दिया जा रहा है।
हाउस टैक्स वसूली-
सर्वे के बाद, भवन स्वामियों द्वारा हाउस टैक्स जमा करने के बाद स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा। इस माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि कितने भवन स्वामियों द्वारा हाउस टैक्स नहीं दिया जा रहा है।
नोटिस और वसूली-
हाउस टैक्स न देने वाले भवन स्वामियों को नोटिस देकर स्वयं से जमा करने का मौका दिया जाएगा। ऐसा न करने पर निकाय स्वयं टैक्स निर्धारित करते हुए वसूली करेंगे।
मौजूदा स्थिति-
प्रदेश में मौजूदा समय में 762 निकाय हैं, जिनमें 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें शामिल हैं। नगर निगमों और बड़े पालिका परिषदों व नगर पंचायतों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर में भवन स्वामियों द्वारा हाउस टैक्स नहीं दिया जा रहा है।
नए निकाय और सीमा विस्तार-
नए निकायों और सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों में हाउस टैक्स वसूली पर अभी तक रोक थी। नई नियमावली आने के बाद सभी निकायों में हाउस टैक्स लेने का रास्ता साफ हो गया है। सीमा विस्तार व नए निकायों में पांच साल या विकास कार्य होने तक हाउस टैक्स न लेने की व्यवस्था है।
क्या है शासन का निर्णय?
शासन स्तर पर यह तय किया गया है कि निकायवार पहले सर्वे कराकर यह देखा जाए कि कितने क्षेत्रों में विकास कार्य हो चुके हैं। इसके साथ ही यह भी पता चल जाएगा कि किस वार्ड में कितने मकान बने हुए हैं। इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि किस वार्ड से कितने भवन स्वामियों द्वारा हाउस टैक्स दिया जा रहा है। जिनके द्वारा टैक्स नहीं दिया जा रहा है, उन्हें नोटिस देकर वसूली की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। नोटिस देकर पहले स्वयं से हाउस टैक्स निर्धारित करते हुए जमा करने की सुविधा भी भवन स्वामियों को दी जाएगी